Class 10th Sanskrit Subjective Question

कक्षा 10 संस्कृत पाठ-11. व्याघ्रपथिककथा: Subjective Question 2023 || Class 10th Sanskrit Vyaghra Pathik Katha ka Subjective Question Answer Pdf Download

कक्षा 10 संस्कृत पाठ-11. व्याघ्रपथिककथा: Subjective Question 2023

1. सोने के कंगन को देखकर पथिक ने क्या सोचा ?

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उत्तर ⇒ सोने के कंगन को देखकर पथिक ने सोचा कि यह भाग्य से ही संभव है।


2. बाघ के द्वारा पकड़ लिए जाने पर पथिक अपने मन में क्या सोचता है?

उत्तर ⇒ बाघ के द्वारा पकड़ लिए जाने पर पथिक मन में सोचता है कि लोभ में नहीं पडना चाहिए


3. ‘ज्ञानं भारः क्रियां बिना’ यह उक्ति व्याघ्रपथिक कथा. पर कैसे चरितार्थ होती है ?

उत्तर ⇒ पथिक ज्ञानी विप्र होते हुए भी लोभवश अविश्वासी पर विश्वास कर सिंह के वाग्जाल में फंसकर अपनी जान गँवा बैठा; यदि वह अपने प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग किया होता तो उसे अपनी जान गंवानी नहीं पड़ती। इस प्रकार यह उक्ति ‘ज्ञानं भारः क्रियां बिना’ व्याघ्रपथिक कथा के पात्र पथिक पर सत्य चरितार्थ होती है।

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4. ‘व्याघ्रपथिककथा’ के आधार पर बतायें कि दान किसको देना चाहिए ?

उत्तर ⇒ दान गरीबों को देना चाहिए। जो उपकार नहीं किया है उसे दान देना चाहिए। स्थान, समय और पात्र को ध्यान में रखकर दान देना चाहिए।


5. सात्विक दान क्या है? पठित पाठ के आधार पर उत्तर दें।

उत्तर ⇒ देशकाल, स्थान एवं पात्र को ध्यान में रखकर दिया गया दान सात्विक . होता है। बूढ़ा बाघ पथिक को फंसाने के लिए हितोपदेश सुनाता है। पथिक को दान लेने के लिए योग्य पात्र मानता है।


6. व्याघ्रपथिककथा’ कहाँ से लिया गया है ? इसके लेखक कौन हैं तथा इससे क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर ⇒ ‘व्याघ्रपथिककथा’ हितोपदेश ग्रंथ के मित्रलाभ खण्ड से ली गई है। इसक लेखक ‘नारायण पंडितजी’ हैं। इस कथा के दारा नारायण पंडित हमें यह शिक्षा देते हैं कि दुष्टों की बातों पर लोभ में आकर विश्वास नहीं करना । चाहिए । सोच-समझकर ही काम करना चाहिए। इस कथा का उद्देश्य मनोरंजन – के साथ व्यावहारिक ज्ञान देना है। यह रुचिकर रूप में ज्ञान देती है।


7. व्याघ्रपथिककथा से क्या शिक्षा मिलती है ?
अथवा, ‘व्याघ्रपथिककथा’ को संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा, व्याघ्रपथिककथा के लेखक कौन हैं ? इस पाठ से क्या शिक्षा मिलती है? पाँच वाक्यों में उत्तर दें।

उत्तर ⇒ यह कथा नारायण पण्डित विरचित हितोपदेश के नीतिकथाग्रन्थ के मित्रलाभखण्ड से ली गयी है। इस कथा में एक पथिक बूढ़ा व्याघ्र द्वारा दिये गये प्रलोभन में पड़ जाता है। बूढ़ा व्याघ्र हाथ में सुवर्णकंगन लेकर पथिक को अपनी ओर आकृष्ट करता है। पथिक निर्धन होने के बावजूद व्याघ्र पर विश्वास नहीं करता। तब व्याघ्र द्वारा सटीक तर्क दिये जाने पर पथिक संतुष्ट होकर कंगन ले लेना उचित समझता है। स्नान कर कंगन ग्रहण करने की बात स्वीकार कर पथिक महाकीचड़ में गिर जाता है और बूढ़े व्याघ्र द्वारा मारा जाता है। इस कथा में संदेश और शिक्षा यही है कि नरभक्षी प्राणियों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए और अपनी किसी भी समस्या का समाधान ऐसे व्यक्ति द्वारा नजर आये तब भी उसके लोभ में नहीं फँसना चाहिए।


8. धार्मिक व्यक्ति ने वृद्ध बाघ को क्या उपदेश दिया ?

उत्तर ⇒ वृद्ध बाघ अतिदुराचारी था । युवावस्था में अनेक गायों और मनुष्यों के वध करने के पाप के कारण वह नि:संतान और पत्नीविहीन हो गया था। तब एक धार्मिक व्यक्ति ने पापमुक्त होने के लिए बाघ को उपदेश दिया कि आप दान-पुण्य करें।


9. नारायण पंडित रचित व्याघ्रपथिककथा पाठ का मूल उद्देश्य क्या है ?

उत्तर ⇒ व्याघ्रपथिककथा का मूल उद्देश्य यह है कि हिंसक जीव अपने स्वभाव को नहीं छोड़ सकता । इस कथा के द्वारा नारायण पंडित हमें यह शिक्षा देते हैं कि दुष्टों की बातों पर लोभ में आकर विश्वास नहीं करना चाहिए । सोच-समझकर ही काम करना चाहिए। इस कथा का उद्देश्य मनोरंजन के साथ व्यावहारिक ज्ञान देना है। व्यावहारिक ज्ञान देना है।


10. पथिक वृद्ध बाघ की बातों में क्यों आ गया ?

उत्तर ⇒ पथिक ने सोने के कंगन की बात सुनकर सोचा कि ऐसा भाग्य से ही मिल सकता है, किन्तु जिस कार्य में खतरा हो उसे नहीं करना चाहिए। फिर लोभवश उसने सोचा कि धन कमाने के कार्य में खतरा तो होता ही है। इस तरह वह लोभ से वशीभूत होकर बाघ की बातों में आ गया।


11. व्याघ्नपथिककथा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।

उत्तर ⇒ यह कथा नारायण पंडित रचित प्रसिद्ध नीतिकथाग्रन्थ ‘हितोपदेश’ के प्रथम भाग ‘मित्रलाभ’ से संकलित है। इस कथा में लोभाविष्ट व्यक्ति की दुर्दशा का निरूपण है। आज के समाज में छल-छद्म का वातावरण विद्यमान है जहाँ अल्प वस्तु के लोभ से आकृष्ट होकर लोग अपने प्राण और सम्मान से वंचित हो जाते हैं। एक बाघ की चला में फंसकर एक लोभी पथिक उसके
द्वारा मारा गया।


12. बूढ़ा बाघ ने पथिकों को फंसाने के लिए किस तरह का भेष रचाया ?

उत्तर ⇒ बूढा बाघ ने पथिकों को फंसाने के लिए एक धार्मिक का भेष रचाया। उसने स्नान कर और हाथ में कुश लेकर तालाब के किनारे पथिकों से बात कर उन्हें दानस्वरूप सोने का कंगन पाने का लालच दिया ।


13. बूढ़ा बाघ पथिक को पकड़ने में कैसे सफल हुआ था ?
अथवा, बूढ़ा बाघ ने पथिक को पकड़ने के लिए क्या चाल चली ?

उत्तर ⇒ बूढ़ा बाघ ने एक धार्मिक का भेष रचकर तालाब के किनारे पथिकों को सोने का कंगन लेने के लिए कहा। उस तालाब में अधिकाधिक कीचड़ था। एक लोभी पथिक उसकी बातों में आ गया। बाघ ने लोभी पथिक को स्वर्ण कंगन लेने से पहले तालाब में स्नान करने के लिए कहा । उस बाघ की बात पर विश्वास कर जब पथिक तालाब में घुसा, वह अधिकाधिक कीचड़ में धंस गया और बाघ ने उसे पकड़ लिया।

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