Class 10th History Subjective Question

समाजवाद एवं साम्यवाद ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) Subjective Question Answer 2023 || Class 10th History Samaajavaad Evan Saamyavaad Subjective Question Pdf Download

 1. खूनी रविवार क्या है ?

Join Telegram

उत्तर ⇒ 1905 ई. के रूस-जापान युद्ध में रूस एशिया के एक छोटे-से देश जापान से पराजित हो गया। पराजय के अपमान के कारण जनता ने क्रांति कर दी। 9 जनवरी, 1905 ई. लोगों का समूह प्रदर्शन करते हुए सेंट पिट्सबर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था। जार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसाईं जिसमें हजारों लोग मारे गये। यह घटना रविवार के दिन हुई, अतः इसे खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है।


  2. अक्टूबर क्रांति क्या है ?

उत्तर ⇒ 7 नवम्बर, 1917 ई० में बोल्शेविकों ने पेट्रोग्राद के रेलवे स्टेशन, बैंक, डाकघर, टेलीफोन केन्द्र, कचहरी तथा अन्य सरकारी भवनों पर अधिकार कर लिया। करेन्सकी भाग गया और शासन की बागडोर बोल्शेविकों के हाथों में आ गई जिसका अध्यक्ष लेनिन को बनाया गया। इसी क्रान्ति को बोल्शेविक क्रांति या नवम्बर की क्रांति कहते हैं। इसे अक्टूबर की क्रान्ति भी कहा जाता है, क्योंकि पुराने कैलेन्डर के अनुसार यह 25 अक्टूबर, 1917 ई. की घटना थी।


  3. पूँजीवाद क्या है ?

उत्तर ⇒ पूँजीवादी ऐसी राजनीतिक-आर्थिक व्यवस्था है जिसमें निजी सम्पत्ति तथा निजी लाभ की अवधारणा को मान्यता दी जाती है। यह सार्वजनिक क्षेत्र में विस्तार एवं आर्थिक गतिविधियों में सरकारी हस्तक्षेप का विरोध करती है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

  4. रूसी क्रांति के किन्हीं दो कारणों का वर्णन करें।

उत्तर ⇒ रूसी क्रांति के निम्न दो कारण हैं-

मजदूरों की दयनीय स्थिति : रूस में मजदूरों की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। उन्हें अधिक काम करना पड़ता था परन्तु उनकी मजदूरी काफी कम थी। उनके साथ दुर्व्यवहार तथा अधिकतम शोषण किया जाता था, मजदूरों को कोई राजनीतिक अधिकार नहीं थे । अपनी मांगों के समर्थन में वे हड़ताल भी नहीं कर सकते थे और न ‘मजदूर संघ’ ही बना सकते थे। मार्क्स ने मजदूरों की स्थिति का चित्रण करते हुए लिखा है कि “मजदूरों के पास अपनी बेड़ियों को खोने के अलावा और कुछ भी नहीं है।” ये मज़दूर पूँजीवादी व्यवस्था एवं जारशाही की निरंकुशता को समाप्त कर ‘सर्वहारा वर्ग’ का शासन स्थापित करना चाहते थे।

औद्योगिकीकरण की समस्या : रूस में अलेक्जेण्डर-III के समय में औद्योगिकीकरण की गति में तीव्रता आई, लेकिन रूसी औद्योगिकीकरण पश्चिमी पूँजीवादी औद्योगिकीकरण से भिन्न था। यहाँ कुछ ही क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उद्योगों के विकास के लिए विदेशी पूँजी पर निर्भरता बढ़ती गई । विदेशी पूँजीपति आर्थिक शोषण को बढ़ावा दे रहे थे इसके कारण लोगों में असंतोष व्याप्त था।


  5. सर्वहारा वर्ग किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ समाज का वह वर्ग जिसमें गरीब किसान, कृषक मजदूर, सामान्य मजदूर, श्रमिक एवं आम गरीब लोग शामिल हो, उसे सर्वहारा वर्ग कहते हैं।


  6. रूसीकरण की नीति क्रांति हेतु कहाँ तक उत्तरदायी थी ?

उत्तर ⇒ रूसीकरण की नीति : रूस की प्रजा विभिन्न जातियों के सम्मिश्रण से बनी थी। वहाँ कई धर्म प्रचलित थे। कई भाषाएँ थीं। रूस में स्लाव, फिन, पोल, जर्मन, यहूदी आदि अन्य जातियों के लोग थे परन्तु इनमें स्लाव जाति के लोग प्रमुख थे। इन अल्पसंख्यक जातियों के विरुद्ध जार निकोलस द्वितीय के समय रूसीकरण की नीति अपनाई गई और ‘एक जार एक धर्म’ का नारा अपनाया गया । गैर-रूसी जनता का दमन किया गया, इनकी भाषाओं पर प्रतिबंध लगाये गये, इनकी संपत्ति छीन ली गई। 1863 ई. में इस नीति के विरुद्ध पोलों ने विद्रोह किया तो उनका निर्दयतापूर्वक दमन किया गया। इस कारण गैर-रूसी जनता में असंतोष फैला और वह जारशाही के विरुद्ध हो गई।


  7. साम्यवाद एक नई आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था थी; कैसे ?

उत्तर ⇒ मजदूरों को पूँजीपतियों के शोषण से मुक्त कराना, उत्पादन एवं वितरण में समानता स्थापित करना, मजदूरों को विशेष सुविधाएँ, जैसे-कार्य के घंटे, वेतन, मजदूरों को संघ बनाने की सुविधाएँ तथा मजदूरों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पर्ति कराना । सामाजिक व्यवस्था में वर्ग संघर्ष को समाप्त कर वर्गहीन समाज की स्थापना करना।


  8. यूरोपियन समाजवादियों के विचारों का वर्णन करें।

उत्तर ⇒ ऐतिहासिक दृष्टि से आधुनिक समाजवाद का विभाजन दो चरणों में किया जाता है-मावर्स से पूर्व एवं मार्क्स के पश्चात्। मार्क्सवादी विचारकों ने इन्हें क्रमशः यूरोपियन समाजवाद तथा वैज्ञानिक समाजवाद का नाम दिया।
यूरोपियन चिंतक आरंभिक चिंतक थे जिन्होंने पूँजी और श्रम के बीच संबंधों की समस्या का निराकरण करने का प्रयास किया। इनकी दृष्टि आदर्शवादी थी। ये प्रबुद्ध चिन्तकों की तरह मानव की मूलभूत अच्छाई एवं जगत की पूर्णता में विश्वास किया करते थे। इन्होंने वर्ग संघर्ष के बदले वर्ग समन्वय पर बल दिया।


  9. साम्राज्यवाद की क्या विशेषताएँ थी ?

उत्तर ⇒ समानता का अर्थ : आर्थिक और राजनीतिक समानता । इसमें अवसरों की समानता, योग्यता के अनुसार कार्य करने का अधिकार, समान कार्य के लिए समान वेतन तथा जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति उपलब्ध करने की भावना सन्निहित है। उसका अन्तिम लक्ष्य वर्ग-संघर्ष का अंत कर वर्गहीन समाज की स्थापना करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए उत्पादन एवं वितरण के साधनों पर राष्ट्र के अधिकार को उचित ठहराया गया है।

समाजवाद के तीन मुख्य सिद्धांत हैं जिनपर सभी समाजवादी सहमत हैं –
प्रथम – समाजवाद निजी पूँजीवाद की आलोचना करता है।
द्वितीय – समाजवाद श्रमिक वर्ग और मजदूरों की आवाज है। एक तरफ यह व्यावसायिक वर्ग का पक्ष लेता है
तो दूसरी तरफ पूँजीपतियों या मिल-मालिकों के शोषणमूलक चरित्रों का विरोध करता है।
तृतीय – समाजवाद धन के वितरण के संबंध में न्याय चाहता है-अर्थात् उत्पादन के सभी साधनों पर समस्त जाति या समाज का स्वामित्व मान लिया जाए।


  10. “रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया।” किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ 1917 की रूसी क्रांति के प्रभाव काफी व्यापक और दूरगामी थे। इसका प्रभाव न केवल रूस पर बल्कि विश्व के अन्य देशों पर भी पड़ा जो निम्नलिखित थे –

(i) रूसी क्रांति के बाद विश्व विचारधारा के स्तर पर दो खेमों में बँट गया-साम्यवादी एवं पूँजीवादी विश्व ।
धर्मसुधार आंदोलन के पश्चात और साम्यवादी क्रांति के पहले यूरोप में वैचारिक स्तर पर इस तरह का विभाजन नहीं देखा गया था।

(ii) रूसी क्रांति की सफलता ने एशिया और अफ्रीका में उपनिवेश-मुक्ति को प्रोत्साहन दिया एवं इन देशों में होनेवाले राष्ट्रीय आंदोलन को अपना
वैचारिक समर्थन प्रदान किया।


  11. क्रांति से पूर्व रूसी किसानों की स्थिति कैसी थी ?

उत्तर ⇒ क्रांति से पूर्व रूसी कृषकों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। वे अपने छोटे-छोटे खेतों में पुराने ढंग से खेती करते थे। उनके पास पूँजी का अभाव था और करों के बोझ से वे दबे हुए थे। समस्त कृषक जनसंख्या का एक-तिहाई भाग भूमिहीन था जिनकी अर्द्धदासों जैसी थी।


  12. प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय ने क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया; कैसे ?

उत्तर ⇒ प्रथम विश्वयुद्ध 1914 से 1918 तक चला । रूस इस युद्ध में मित्र राष्ट्रों की ओर से लड़ा । युद्ध में शामिल होने का एकमात्र उद्देश्य था कि रूसी जनता आंतरिक असंतोष को भूलकर बाहरी मामलों में उलझी रहे । परन्तु, युद्ध में रूसी सेना चारों तरफ हार रही थी। सेनाओं के पास न अच्छे हथियार थे और न ही पर्याप्त भोजन की सुविधा थी। युद्ध के मध्य में जार ने सेना का कमान अपने हाथों में ले लिया, फलस्वरूप दरबार खाली हो गया । जार की अनुपस्थिति में जरीना और उसका तथाकथित गुरु रासपुटीन (पादरी) जैसा निकृष्टतम व्यक्ति को षड्यंत्र करने का मौका मिल गया जिसके कारण राजतंत्र की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।


  13. नई आर्थिक नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों के साथ समझौता था। कैसे ?

उत्तर ⇒ मार्च, 1921 ई. में लेनिन ने नई आर्थिक नीति का प्रतिपादन किया जिसमें साम्यवादी विचारधारा के साथ-ही-साथ पूँजीवादी विचारधारा को स्वीकार किया गया। जैसे –
(i) कृषकों से अतिरिक्त उपज की अनिवार्य वसूली बंद कर दी गई एवं किसानों को अतिरिक्त उत्पादन को बाजार में बेचने की अनुमति प्रदान . की गई।
(ii) 1924 ई. में सरकार ने अनाज के स्थान पर रूबल (सोवियत संघ की मुद्रामें कर लेना प्रारम्भ किया।
(iii) सोवियत संघ में छोटे उद्योगों का विराष्ट्रीयकरण किया गया। 1922 ई० __में चार हजार छोटे उद्योगों को लाइसेंस जारी किया गया।
(iv) श्रमिकों को कुछ नगद मुद्रा प्रदान किया जाने लगा।


  14. समाजवाद क्या है ?

उत्तर ⇒ उत्पादन, वितरण एवं लाभ पर राष्ट्र तथा समाज का नियंत्रण और आर्थिक एवं सामाजिक समानता की स्थापना।


  15. समाजवाद शब्द का सर्वप्रथम उपयोग कब एवं कहाँ हुआ ?

उत्तर ⇒ समाजवाद शब्द सर्वप्रथम 1832 में ‘ले ग्लोब’ नामक एक फ्रांसीसी पत्रिका में छपा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *