Class 10th Social Science Subjective Question

Class 10th Social Science प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन भूकप एवं सुनामी Subjective Question Answer 2023 || Praakrtik Aapada Evan Prabandhan Bhookap Evan Sunaamee ka VVI Question Answer

Class 10th Bihar Board Social Science Subjective Question Answer

1. भूकम्प और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।

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उत्तर⇒ भूकम्प और सुनामी के बीच अंतर—

भूकम्प (Earthquake)—भूकम्प का सरल अर्थ भूमि का कंपायमान होना है। भूकम्प एक भूगर्भीय प्रक्रिया है जिसकी तीव्रता कभी-कभी अत्यन्त भयावह होती है तथा उससे जान-माल की अपार क्षति होती है। यह पृथ्वी के गर्भ में संचित अपार ऊर्जा के मुक्त होने से उत्पन्न होती है जो भूकम्पीय तरंगें कहलाती हैं। .
सुनामी (Tsunami)—सुनामी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें झील या महासागर का पानी भूकम्प के आने के कारण बड़े स्तर पर तितर-बितर होता है तो लहरों की एक श्रृंखला उत्पन्न होती है अर्थात् पृथ्वी के गर्भ में संचित अपार ऊर्जा के मुक्त होने से लहरें उत्पन्न होती हैं, जो भूकम्पीय तरंगें कहलाती हैं। इस कंपन का केन्द्र जब महासागर की तली पर होता है तब वह सुनामी के नाम से जाना जाता है।


2. सुनामी के तीन मुख्य प्रभावों को बताएँ ?

उत्तर⇒ सुनामी के प्रभाव—
(i) सुनामी लहरें अत्यन्त विनाशकारी होती हैं।
(ii) सुनामी लहरों से भयंकर बाढ़ आ जाती है और हजारों व्यक्ति डूबकर मर जाते हैं।
(iii) सुनामी लहरों से सम्पूर्ण तटवर्ती क्षेत्र जलमग्न हो जाता है, महान व – कल-कारखाने नष्ट हो जाते हैं। करोड़ों रुपए की क्षति हो जाती है।


3. सुनामी से आप क्या समझते हैं ? सुनामी से बचाव के उपायों का उल्लेख करें। अथवा, सुनामी आपदा प्रबंधन पर एक लेख लिखें।

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उत्तर⇒ भूकंपीय कंपन का केन्द्र जब स्थल-खंड पर होता है, तो उसे भूकम्प कहते हैं, लेकिन जब वहीं कंपन महासागर की तली पर होता है, तो वह सुनामी के नाम से जाना जाता है। सुनामी के प्रभाव से समुद्री जल में कंपन होता है जिससे जल में क्षैतिज गति उत्पन्न होती है। आंतरिक ऊर्जा से संचालित क्षैतिज प्रवाह का जलतटीय स्थल से टकराता है और तट पर सुनामी की विनाशलीला देखने को मिलती है।
26 जनवरी, 2004 को दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर बंगाल की खाड़ी तक आए सुनामी में सैंकड़ों लोग विलुप्त हो गए । निकोबार द्वीपसमूह के दक्षिण इन्दिरा प्वाइंट इसके प्रभाव से विलुप्त हो गया।
सुनामी जैसी भयंकर आपदा से बचाव के लिए निम्नांकित उपाय किए जा सकते हैं—
(i) तटबंधों का निर्माण—सुनामी के विनाशकारी प्रभाव को कम करने के लिए कंक्रीट तटबंध बनाने की आवश्यकता है। इससे तट से टकराने वाले सुनामी तरंगों का प्रभाव तटीय मैदानों पर सीमित होगा।
(ii) मैंग्रोव झाड़ी का विकास—तटबंधों पर मैंग्रोव झाड़ियों के विकास से इन तरंगों की गति को कम किया जा सकता है । तटीय दलदली क्षेत्र में सिर्फ सघन मैंग्रोव ही लाभकारी हो सकता है।
(iii) तटीय प्रदेशों के लोगों का प्रशिक्षित करना—तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों को सुनामी से बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे सुनामी से होने वाली नुकसान के बाद सामूहिक रूप से बचाव कार्य में लग सके।


4. भूकंप क्या है ? इससे बचाव के किन्हीं दो उपायों का उल्लेख करें।

उत्तर⇒ भूकंप का तात्पर्य भूपटल में कंपन से है। भूकंप का मूल कारण पृथ्वी के आंतरिक भागों में विविध कारणों से ऊर्जा की उत्पत्ति और ऊष्म तरंगीय विवरण है।
भूकंप से. बचाव के दो उपाय निम्न है—
(i) भूकंप का पूर्वानुमान— भूकंपलेखी यंत्र के द्वारा भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
(ii) भवन निर्माण— भवनों का निर्माण भूकंपरोधी तरीकों के आधार पर किया जाना चाहिए। खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकंप प्रभावित हैं।


5. सुनामी क्या है? स्पष्ट करें। अथवा, ‘सुनामी’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर⇒ सुनामी शब्द दो जापानी शब्दों से मिलकर बना है-सु (Tsu) तथा नामी (nami)। सु का अर्थ है ‘बंदरगाह’ तथा नामी का अर्थ हैं-‘लहरें’। इस प्रकार सुनामी बंदरगाह अथवा सागर तट पर आनेवाली लहरें हैं।


6. सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय बताइए।

उत्तर⇒ सुनामी का विनाशकारी प्रभाव तटीय प्रदेशों में देखने को मिलता है। इसके विनाश से बचाव के लिए निम्नांकित कुछ कारगर उपाय किए जा सकते हैं
(i) तटबंधों के निर्माण से
(ii) मैंग्रोव झाड़ियों के विकास से
(iii) तटीय प्रदेशों के लोगों को प्रशिक्षण देकर।


7. भूकंपीय तरंगों से आप क्या समझते हैं ? प्रमुख भूकंपीय तरंगों के नाम लिखिए।

उत्तर⇒ भूकम्प के दौरान पृथ्वी में कई प्रकार की तरंगें उत्पन्न होती हैं । इन तरंगों को भूकम्पीय तरंग कहा जाता है।
ये तीन प्रकार की होती है—
(i) प्राथमिक (P) तरंगें
(ii) द्वितीयक (S) तरंगें
(iii) दीर्घ (L) तरंगें।


8. भूकम्प के प्रभावों को कम करने वाले चार उपायों को लिखें।

उत्तर⇒  भूकंपों के प्रभावों को कम करने के लिए सुरक्षित आवास-निर्माण कर भीषण क्षति को कम किया जा सकता है।
इसके लिए चार उपाय निम्नलिखित हैं—
(i) भवनों को आयताकार होना चाहिए और नक्शा साधारण होना चाहिए ।
(ii) मकान की नींव को मजबूत एवं भूकम्प अवरोधी होना चाहिए।
(iii) लम्बी दीवारों को सहारा देने के लिए ईंट-पत्थर या कंक्रीट के कलम होने चाहिए।
(iv) निर्माण के पूर्व स्थान-विशेष की मिट्टी का वैज्ञानिक अध्ययन होना चाहिए, तभी नींव तथा निर्माण कार्य होना चाहिए।


9. भूकंप एवं सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के उपायों का वर्णन कीजिए।

उत्तर⇒ भूकंप और सुनामी दो ऐसी प्राकृतिक आपदाएँ हैं, जिसका संबंध पृथ्वी की आंतरिक संरचना से है। हमलोग ठोस भपटल पर रहते हैं. लेकिन इसके अंदर आग की लहरें (तापमान < 1000) चलती है। इन लहरों के कारण कंपन उत्पन्न होता है। इन कंपन का केन्द्र जब स्थलखण्ड पर होता है तो उसे भूकम्प कहते हैं तथा जब महासागर में होता है तो इसे सुनामी कहते हैं।
भूकंप से बचाव के उपाय—
(i) भूकंप का पूर्वानुमान—भूकंपलेखी यंत्र के द्वारा भूकंपीय तरंगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
(ii) भवन-निर्माण—भवनों का निर्माण भूकंपरोधी तरीकों के आधार पर किया जाना चाहिए। खासकर उन क्षेत्रों में जो भूकंप प्रभावित हैं।
(iii) प्रशासनिक कार्य— भूकंप के बाद राहत-कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विरोध दस्ते का गठन किया जाना चाहिए ।
(iv) गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग—भूकंपीय आपदा से निपटने के लिए गैर-सरकारी संगठनों का भी योगदान हो सकता है । ये संस्थाएँ न सिर्फ़ राहत कार्य में मदद कर सकते हैं, बल्कि भूकम्प के पूर्व लोगों को भूकम्पविरोधी भवन निर्माण तथा भूकम्प के समय तत्काल बचाव हेतु लोगों को प्रशिक्षित भी कर सकते हैं।

सुनामी से बचाव के उपाय—
(i) तटबंधों तथा मैंग्रोव झाड़ी का विकास—सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के लिए कंक्रीट के तटबंधों का निर्माण तथा तटबंधों पर मैंग्रोव की झाड़ियों का विकास कर सुनामी के झटके को कम किया जा सकता है।
(ii) तटीय प्रदेश के लोगों को प्रशिक्षण—  तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों को प्रशिक्षण देकर सुनामी के बाद राहत-कार्यों में सामूहिक रूप से इनसे मदद लिया जा सकता है।


10. भूकंप क्या है ? भारत का प्रमुख भूकंप क्षेत्रों में विभाजित करते हुए सभी क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर⇒ भूकम्प का तात्पर्य भूपटल में कंपन से है। भूकंप का मूल कारण पृथ्वी के आन्तरिक भागों में विविध कारणों से ऊर्जा की उत्पत्ति और ऊष्म तरंगीय विवरण है।
भूकम्प एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जिसके कारण जान-माल की काफी क्षति होती है । भूकम्प की स्थिति में भवनों, पुलों का गिर जाना, जमीन में दरार होना जैसी घटनाएँ सामान्य रूप से होती हैं। इससे भारी बर्बादी होती है।
भारत के प्रायः सभी भागों में भूकम्प के झटके आते हैं। लेकिन उसकी गहनता और बारंबारता में काफी अंतर होता है।
इसी के आधार पर भारत को 5 भूकंपीय जोन में बाँटा गया है—
(i) जोन 1—इस जोन में दक्षिणी पठारी क्षेत्र आते हैं।
(ii) जोन 2—इस जोन में प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदान क्षेत्र आते हैं।
(iii) जोन 3—इसके अन्तर्गत मुख्यतः गंगा-सिन्धु का मैदान, राजस्थान तथा उत्तरी गुजरात के कुछ क्षेत्र आते हैं।
(iv) जोन 4—इसमें मुख्यतः शिवालिक हिमालय का क्षेत्र, पश्चिम बंगाल क उत्तरी भाग. असम घाटी तथा पर्वोत्तर भारत के क्षेत्र आते हैं।
(v) जोन 5—इस जोन के अन्तर्गत गुजरात का कच्छ प्रदेश जम्मू-काश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड का कुमाऊँ पर्वतीय क्षेत्र, सिक्किम तथा दार्जिलिंग का पहाड़ी क्षेत्र आता है। यह सर्वाधिक भूकम्प प्रभावित क्षेत्र है।


11. भूकंप के केन्द्र एवं अधिकेन्द्र के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर⇒ भूपटल के नीचे का वह स्थल जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारम्भ होता है भूकंप-केन्द्र कहलाता है।
साथ ही भूपटल पर वह केन्द्र जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव होता है, अधिकेन्द्र कहलाता है।


12. अधिकेन्द्र क्या है ?

उत्तर⇒ भू-पटल पर वे केन्द्र जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव होता है ।


13. कंपन किसे कहते हैं ?

उत्तर⇒ भू-पटल के नीचे वह स्थल जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारंभ होता है।


14. भूकंपीय जोन 5 के अंतर्गत कौन-कौन राज्य आता है ?

उत्तर⇒ गुजरात का कच्छ, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड आदि ।


15. सुनामी के बाद प्रभावित क्षेत्र में मोमबत्ती का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?

उत्तर⇒ जलती मोमबत्ती का प्रयोग सुरक्षित नहीं है। यह आग का कारण बन सकती है। इसके स्थान पर टार्च अथवा फ्लैश लाइट का प्रयोग करना चाहिए।


16. सुनामी के समय पत्तन पर अपनी नाव के साथ नाव पर जाने को तैयार खड़े नाविक को क्या करना चाहिए?

उत्तर⇒ सुनामी की चेतावनी मिलने पर समुद्र में नहीं जाना चाहिए। उसे चाहिए


17. सुनामी के विनाशकारी प्रभाव को कम करने के कोई दो उपाय बतावें।

उत्तर⇒ सुनामी के विनाशकारी प्रभाव को कम करने के दो उपाय निम्न है—
(i) कंक्रीट तटबंध बनाने की जरूरत
(ii) मैंग्रोव झाड़ी का विकास ।


18. सुनामी के तीन कारण बताइए।

उत्तर⇒ सुनामी की उत्पत्ति निम्नलिखित कारणों से होती है—
(i) समुद्र में भूकम्प,
(ii) ज्वालामुखी उद्गार तथा
(iii) पानी के नीचे भूस्खलन।


19. भूकम्प-रोधी भवन का नमूना किस बात पर निर्भर करता है?

उत्तर⇒ भूकम्प-रोधी भवन का नमूना भूकम्प की तीव्रता के स्तर पर निर्भर करता है। मकान भवन-निर्माण नियमावली को ध्यान में रखकर बनाए जाने चाहिए ताकि वे भूकम्प की तीव्रता का पूरी तरह सामना कर सकें।


20.सनामी के बाद गैस का प्रयोग करने में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

उत्तर⇒ गैस के रिसाव की ओर ध्यान देना चाहिए। यदि गैस का रिसाव हो रहा हो, तो खिडकी खोल दें तथा गैस की आपूर्ति बंद करके तुरंत घर से बाहर निकल जाएँ। गैस रिसने की सूचना गैस एजेंसी को दे दें।


21. किसी आपदा में क्षति को कम करने का सबसे प्रभाव उपाय कौन-सा है?

उत्तर⇒ किस आपदा की क्षति को कम करने का सबसे प्रभावी उपाय आपदारोधी-भवन निर्माण है। भवन की योजना तथा नमूना तैयार करते समय आरंभिक स्तर पर ही आपदा-रोधी तत्त्वों को शामिल कर लिया जाना चाहिए।


22. सूनामी के समय यदि कोई व्यक्ति किसी जहाज पर समद्र में हो, तो उसे क्या करना चाहिए?

उत्तर⇒ उसे वापस बंदरगाह पर नहीं आना चाहिए। इसका कारण यह है कि सुनामी जल-स्तर में तेजी से बदलाव ला सकती हैं। वे पोताश्रयों तथा पत्तनों पर खतरनाक जलधाराएँ उत्पन्न कर सकती हैं।
बड़े पत्तनों पर पत्तन अधिकारी विशेष निर्देश जारी करते हैं। इन पत्तनों पर इन अधिकारियों के संपर्क में रहना चाहिए।

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