Class 10th Social Science Subjective Question

Class 10th Social Science प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन : बाढ़ और सुखाड़ Subjective Question Answer 2023 || Praakrtik Aapada Evan Prabandhan : Baadh Aur Sukhaad VVI Question Answer

Class 10th Bihar Board Social Science Subjective Question Answer

1. बाढ़ आने के चार कारणों का की व्याख्या करें। अथवा, बाढ़ कैसे आती है? स्पष्ट करें।

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उत्तर⇒ बाढ़ (Flood) एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि के कारण आती है। अतिवृष्टि के कारण जब नदियों में जल संग्रहण उनकी क्षमता से बहुत अधिक हो जाता है तब जल नदी तट से ऊपर उठकर या उसे तोड़कर समीप के क्षेत्रों में फैल जाता है। इस स्थिति को बाढ़ कहा जाता है।
बाढ़ आने के निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं—
(i) औसत से अधिक वार्षिक वर्षा या कम समय में अधिक वर्षा ।
(ii) हिम नदियों का अधिक पिघलना ।
(iii) बाँध, बैराज तथा डैम का बनना ।
(iv) नेपाल जैसे पड़ोसी देशों द्वारा किसी नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए।


2. बाढ़ नियंत्रण के लिए उपाय बतावें। अथवा, बाढ़ से बचने के लिए उपाय बताएँ ?

उत्तर⇒ बाढ़ नियंत्रण के तरीकों को अपनाकर बाढ़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
बाढ़ नियंत्रण के कुछ तरीके हैं—
(i) नदियों पर बाँध बनाना।
(ii) तटबंधों की दीवारें ऊँची करना एवं उसे मजबूती देना तथा नहरों का निर्माण कर पानी के बहाव को नियंत्रित करना।
(iii) नहरों का निर्माण कर पानी के बहाव को नियंत्रित करना।
(iv) जल के विभिन्न उपयोग; जैसे—सिंचाई, पन-बिजली, जल संवर्द्धन (acqa culture), मत्सय पालन, बहुउद्देशीय प्रोजेक्ट इत्यादि का समेकित विकास इस प्रकार किया जाय कि बाढ़ वाले इलाके की भूमि का उपयोग
कृषि एवं अन्य कार्यों के लिए सही ढंग से हो सके।


3. बाढ से सरक्षा हेत अपनाई जानेवाली सावधानियों को लिखें।

उत्तर⇒ बाढ़ से सुरक्षा हेतु अपनाई जानेवाली सावधानियाँ—
(i) ऐसे इमारतों/भवनों का निर्माण जो कम लागत की हो इसमें रसायन-मिश्रित का प्रयोग हो, जिससे बाढ़ के बावजूद मकान बर्बाद नहीं हो सके।
(ii) बाढ़ के बाद जल निकालने की तात्कालिक व्यवस्था होनी चाहिए ।
(iii) मकानों की नींव तथा दीवारें सीमेंट और क्रकीट की होनी चाहिए ।
(iv) आम लोगों को मकान बनाने के पूर्व यह जानकारी देना कि मकानों का निर्माण पूर्णतः नदी के किनारे तथा नदी के सँकरी ढालों पर नहीं करना चाहिए।

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4. बाढ़ से होनेवाली हानियों की चर्चा करें।

उत्तर⇒ बाढ़ से होने वाली हानियाँ निम्नलिखित हैं—
इनसे हजारों लोग चपेट में आ जाते हैं। महामारी का फैलना, मकानों का गिरना और फसलों की बर्बादी, पालतू पशुओं का मर जाना, परिवहन के साधन सड़कें, रेलमार्ग, पुल आदि का टूट जाना आदि ।


5. सुखाड़ के लिए जिम्मेवार/उत्तरदायी कारकों का वर्णन करें।

उत्तर⇒ सुखाड़ के लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेवार हैं—
(i) लंबे समय तक अपर्याप्त वर्षा और इसका सामयिक और स्थानीय वितरण का असंतुलित होना।
(ii) मिट्टी में आर्द्रता की कमी इस स्तर तक हो जाए कि फसल मुरझा जाए ।
(iii) जलाशयों में जल का स्तर गिर जाना तथा
(iv) पारिस्थितिकी में जल की इतनी कमी हो जाए कि उत्पादकता घट जाएँ ।


6. सुखाड़ से बचाव के तरीकों का उल्लेख करें।

उत्तर⇒ सुखाड़ से बचाव हेतु दो प्रकार की योजनाएँ आवश्यक हैं—दीर्घकालीन तथा लघुकालीन । दीर्घकालीन योजनाओं के अंतर्गत जलाशयों; जैसे – नहर, तालाब,
कुओं का विकास आवश्यक है। कुओं के विकास से बहुत हद तक पेयजल की समस्या का समाधान हो जाता है। वर्तमान में बोरिंग और ट्यूबवेल के माध्यम से. भूमिगत जल के दोहन में तीव्र वृद्धि हुई है।


7. बिहार में बाढ़ की स्थिति का वर्णन करें।

उत्तर⇒ मौनसून की अनिश्चितता के कारण बिहार के किसी-न-किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ़ नदी आगमन होता है। बिहार की कोसी बाढ़ की विभीषका के लिए बदनाम है। उत्तरी बिहार के मैदान बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं। उत्तरी बिहार में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सारण, गोपालगंज, वैशाली, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, खगड़िया, दरभंगा, मधुबनी इत्यादि हैं। इन क्षेत्रों में मुख्यतः घाघरा, गंडक, कमला, बागमती और कोसी नदियों से बाढ़ आती है। उत्तरी बिहार की नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के प्रमुख कारण हिमालय तराई क्षेत्र में अधिक वर्षा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के कुल बाढ़-क्षेत्र का लगभग 64 लाख हेक्टेयर है।


8. सुखाड़ प्रबंधन का वर्णन करें। अथवा, सुखाड़ के कारणों एवं इसके बचाव के तरीकों का विस्तृत वर्णन करें।

उत्तर⇒ मौसम विज्ञान के अनुसार सुखा वह स्थिति है, जो मध्य मई से लेकर मध्य अक्टूबर के बीच लगातार चार सप्ताह के बीच 50 cm से कम वर्षा हो । जब औसत से कम वर्षा होती है तो सामान्यतः सूखे की स्थिति होती है। .
सूखे के कारण निम्नलिखित हैं—
(i) लम्बे समय तक अपर्याप्त वर्षा और इसका असंतुलित वितरण
(ii) मिट्टी में आर्द्रता की कमी इस स्तर तक हो जाए कि फसलें मुरझा जाएँ
(iii) जल-विज्ञान के अनुसार, जल-ग्रहण क्षेत्र, जलाशय और झीलों में जल का स्तर वर्षा होने के बाद भी नीचे गिर जाए ।
(iv) जब पारिस्थितिकी तंत्र में जल की इतनी कमी हो जाए कि उत्पादकता घट जाए और इसके परिणामस्वरूप पारिस्थितिकी तंत्र में तनाव उत्पन्न हो जाए या तंत्र क्षतिग्रस्त हो जाए तो इन कारणों से सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है।

सूखे से बचाव के लिए निम्नलिखित दो प्रकार के उपाय हैं
(क) तात्कालिक या लघुकालिक उपाय—
(i) पेयजल के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था
(ii) पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि सूखे की परिस्थिति में पशुओं का चारा उपलब्ध हो सके।
(iii) अनाज भंडारण की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कठिन परिस्थिति के समय इसका आसानी से वितरण हो सके।

(ख) दीर्घकालिक उपाय—
(i) दीर्घकालीन योजनाओं के अंतर्गत नहर, तालाब, कुओं का विकास जरूरी है, ताकि नहरों के माध्यम से जलाशयों में जल लाया जा सके।
(ii) वृक्षारोपण के जरिए भी सुखाड़ की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
(iii) पाइप लाइनों के विकास के द्वारा उन क्षेत्रों तक जल पहुँचाया जाए जो हमेशा सूखे की समस्या से त्रस्त रहते हैं।


9. बिहार में सुखाड़ की स्थिति का वर्णन करें।

उत्तर⇒ जब सामान्य से कम वर्षा होती है तो सुखाड़ उत्पन्न होती है। जिसके कारण सूखा या जलाभाव की स्थिति को सूचित करता है। अनावृष्टि या अल्पवृष्टि के कारण भूमि की सतह पर तथा सतह के नीचे जल का अभाव हो जाता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सूखा वह स्थिति है जब वर्षा सामान्य से केवल 75% हो। जिसमें वर्षा सामान्य से 50% कम हो तब वह भयंकर सुखाड़ की स्थिति कहलाती है। इस सुखाड़ के कारण जान-माल की काफी हानि होती है। यह भी एक महत्त्वपूर्ण आपदा है। जिसकी भरपाई सरकार किया करती है।


10. सुखाड़ का हमारे दैनिक जीवन पर पड़नेवाले प्रभावों का वर्णन करें?

उत्तर⇒ सुखाड़ हमारे जीवन पर निम्नलिखित प्रभाव डालता है—
(i) सूखा से कृषि उत्पादन कम हो जाता है, क्योंकि इसके कारण कहीं तो फसलों की बुआई नहीं हो पाती है या बुआई देर से हो पाती है।
(ii) सूखा की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ जाती है।
(iii) सूखा के कारण पश चारे का कमी हो जाती है।
(iv) सूखा के कारण पेय जल की कमी हो जाती है।
(v) इससे खरीफ की फसल बहुत अधिक प्रभावित होती है।


11. बिहार में बाढ़ आने के चार कारणों को लिखिए?

उत्तर⇒ बिहार में बाढ़ आने के कारण निम्नलिखित हैं—
(i) उत्तरी बिहार में हिमालय से निकलने वाली नदियों में अपार जलराशि के कारण बाढ आती है।
(ii) नदियों में मिल के जमने से तलो की गहराई कम हो जाती है।
(iii) बिहार में नदियाँ मार्ग परिवर्तित करती रहती है।
(iv) उत्तर बिहार के मैदानी भाग का छोटी-छोटी नदियाँ भी अति वष्टि से जल-प्लावित होकर बाढ़ का दृश्य उपस्थित करती हैं।


12. बाढ के कारणों एवं इसकी सुरक्षा-संबंधी उपायों का विस्तत वर्णन करें।

उत्तर⇒ बाढ़ वे प्राकृतिक आपदाएँ हैं, जिनका संबंध वर्षा से है । जब मौनसनी वर्षा अत्यधिक होती है, तो नदियों के जल-स्तर में उफान आता है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है । मौनसन की अनिश्चितता के कारण भारत के किसी-न-किसी भाग में प्रतिवर्ष बाढ का आगमन होता है। कुछ नदियाँ तो बाढ़ की विभीषका के लिए बदनाम हो चुकी है, जैसे कोसी ! हाल के वर्षों में बाढ़ की स्थिति मानवीय स्थिति से भी उत्पन्न होने लगी है। बाढ़ को रोकने के लिए बाँध और तटबंध बनाये गये हैं, लेकिन नदी का बढता जल-स्तर जब इन्हें तोड़ देता है तो अनेक ऐसे क्षेत्र भी जल प्लावित हो जाते हैं। 2008 ई० में भारत-नेपाल की सीमा पर कुसहा के पास तटबंध के टूटने से आई भयंकर बाढ़।
सुरक्षा-संबंधी उपाय —
(i) नदियों के किनारे तटबंध बनाना
(ii) बाँध का निर्माण
(iii) वनीकरण
(iv) जलाशय का निर्माण करना
(v) सूचना-तंत्र को सुदृढ़ करना आदि।


13. बाढ़ की विभीषका के लिए बदनाम तीन नदियों का नाम लिखें।

उत्तर⇒ कोसी, दामोदर, ब्रह्मपुत्र ।


14. दो कृत्रिम जलाशय का नाम लिखें ।

उत्तर⇒ गोविंद सागर, सरदार सरोवर ।


15. तीन प्रमुख बाँध का नाम लिखें।

उत्तर⇒ भाखड़ा-नागल बाँध, रिहन्द बाँध, हीराकुंड बाँध ।


16. सिंचाई आयोग के अनुसार कितने प्रतिशत भू-भाग पर सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होती है ?

उत्तर⇒ देश के लगभग 16% भू-भाग पर सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होती है।


17. भूमिगत जल क्या है ?

उत्तर⇒ भूमि के नीचे स्वच्छ जल का विशाल भंडार है । लाखों वर्ष से हो रही वर्षा का ही जल धीरे-धीरे सतह के नीचे जाकर भूमिगत जल का रूप ले चुका है।


18. भारत में सूखे की आपदा से ग्रसित राज्यों के नाम लिखें।

उत्तर⇒ भारत में सूखे की समस्या से ग्रसित राज्य निम्नलिखित हैं—राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट, उत्तर प्रदेश एवं बिहार आदि ।


19. सूखा का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है? ।

उत्तर⇒ सूखा के परिणामस्वरूप पौष्टिक भोजन की कमी के कारण बच्चे कुपोषित हो जाते हैं तथा विविध बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।


20. सूखा का मरुभूमि के निवासियों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर⇒ मरुभूमि के निवासियों का मख्य साधन कषि की बजाय पशुपालन हाता ह। पाना क अभाव एव वनस्पति की कमी के कारण पशओं के लिए चार का कमा हो जाती है। अतः उन्हें सहायता के लिए अन्य क्षेत्रों पर आश्रित रहना पड़ता है।


21. बाढ़ किसे कहते हैं?

उत्तर⇒ बाढ़ एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि के कारण आ जाती है। अतिवृष्टि के कारण जब नदियों में जल संग्रहण उनकी क्षमता से बहुत अधिक हो जाता है, तब जल नदी तट से ऊपर उठकर या उसे तोडकर समीप के क्षेत्रों में फैल जाता है। इस स्थिति को बाढ़ कहा जाता है।


22. सुखाड़ की तीन बड़ी समस्याओं को लिखें।

उत्तर⇒ वर्षा की भारी कमी के कारण सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

इससे निम्नांकित तीन बड़ी समस्याएँ होती हैं—
(i) फसल न लगने से खाद्यान्न की कमी ।
(ii) पेयजल की कमी।
(iii) मवेशियों के लिए चारे की कमी ।

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