Class 10th Social Science Subjective Question

Class 10th Social Science लोकतंत्र की चनौतियाँ ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) Question Answer 2023 || Lokatantr Kee Chanautiyaan ka VVI Question Answer, NCERT Solution For Class 10 Bihar Board

Class 10th Bihar Board Social Science Subjective Question Answer

1. आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। कैसे ? अथवा, क्या आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है ? स्पष्ट करें।

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उत्तर ⇒ आतंकवाद की समस्या भी लोकतंत्र के लिए चुनौती है, क्योंकि इसस । दश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ जाती है। आतंकवाद की समस्या आज विश्व के हरेक देशों में कुछ-न-कछ दिखाई पड़ता है।
आतंकवाद के कारण दश का विकास अवरुद्ध हो जाता है । अतः, आज जरूरत है कि इस समस्या से निपटारा : के लिए संकीर्ण दलीय राजनीति से ऊपर उठकर इसे हल करने में । आतंकवाद की . समस्या आज के लोकतांत्रिक देशों की गंभीर चुनौती है।


2. अशिक्षा लोकतंत्र के लिये अभिशाप है, कैसे ? अथवा, शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है ? स्पष्ट करें। क्या शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है ?

उत्तर ⇒ शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है। शिक्षा विशेषकर राजनीतिक शिक्षा के अभाव में कोई भी नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों से अनभिज्ञं रहता है । नागरिकों का शिक्षित होना स्वस्थ लोकतंत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण होता है । विशेषकर महिलाओं को शिक्षित करना अति आवश्यक है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महिलाओं में निरक्षरता दूर करने, शिक्षा में आनेवाली बाधाओं के निराकरण करने तथा उन्हें प्रारंभिक शिक्षा में बनाए रखने के लिए सर्वाधिक प्राथमिकता सरकार की ओर से दी जा रही है। जब तक किसी देश के नागरिक चाहे वह पुरुष हो या महिला अशिक्षित रहेंगे, कोई भी देश अपने यहाँ विकसित लोकतंत्र की स्थापना नहीं कर सकता। इस कारण हम कह सकते हैं कि शिक्षा का अभाव लोकतंत्र की एक गंभीर चुनौती में से एक है।


3. भारत में किस तरह की जातिगत असमानताएँ हैं ? स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ भारतीय संविधान में कहा गया है कि भारत में लिंग, जन्म-स्थान, जाति, धर्म इत्यादि के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। इसी उद्देश्य से अस्पृश्यता का अंत कर दिया गया है। इतना होने पर भी भारत में आज भी कई जातिगत असमानताएँ वर्तमान हैं – (i) जाति का आधार कर्म न होकर जन्म हो गया है। (ii) जाति-पाति का भेदभाव समाप्त नहीं हुआ है। अस्पृश्यता जैसे आचरण आज भी प्रचलित हैं। (iii) राजनीतिक दलों द्वारा टिकट का बँटवारा भी जाति के आधार पर ही हो रहा है।

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4. जीवन के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव है या वे कमजोर स्थिति में हैं।

उत्तर ⇒ स्त्रियों के साथ होनेवाली भेदभाव एवं कमजोरियाँ इस प्रकार हैं –
(i) शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं के साथ भेदभाव का प्रमाण है। उनकी साक्षरता दर जो आज सिर्फ 54% है।
(ii) आज भी अधिक पैसे वाली प्रथा प्रतिष्ठित नौकरियों में महिलाओं का अनुपात बहुत कम है अर्थात् रोजगार के क्षेत्र में भी महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है।
(iii) एक लिंग के रूप में भी महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है। इससे भी साबित होता है कि देश के कुछ हिस्सों में शिशु लिंगानुपात 850 से 800 तक गिर गया है।
(iv) राजनीति जीवन में उनकी जनसंख्या के अनुपात में उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है।


5. लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। कैसे ?

उत्तर ⇒ क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही सारी शक्तियों का स्रोत होता है, इसलिए लोकतंत्र को जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन कहा जाता है।


6. गठबंधन की राजनीति कैसे लोकतंत्र को प्रभावित करती है ?

उत्तर ⇒ लोकतंत्र में गठबंधन की राजनीति भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर सरकार बनाने के लिए छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियाँ आपस में गठबंधन करती हैं । गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अपनी आकांक्षाओं और लाभों की संभावनाओं के मद्देनजर ही गठबंधन करने के लिए प्रेरित होते हैं। इससे प्रशासन पर सरकार की पकड़ ढीली पड़ जाती है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आज गठबंधन की राजनीति काफी प्रभावकारी साबित हो रही है ।


7. वंशवाद से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ भारत के सभी राजनीतिक दलों में नेतृत्व का संकट है अधिकांश राजनीतिक दलों में कोई ऐसा नेता नहीं है जो सर्वमान्य हो। प्रायः सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को यह देखा गया है कि शीर्ष पर बैठे नेता अपने सगे-संबंधियों, दोस्तों और रिश्तेदारों को दल के प्रमुख पदों पर बैठाते हैं और यह सिलसिला पीढ़ी-दर-पीढ़ी कायम रहता है। . सामान्य कार्यकर्ता को दलों में ऊपर के पदों पर बैठने की गुंजाइश काफी कम रहती है। वंशवाद की समाप्ति राजनीतिक दलों के सामने प्रमुख चुनौती है।


8. बंधुआ मजदूर किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ किसी के अधीन में रहकर काम करने वाले मजदूर को बंधुआ मजदूर कहते हैं।


9. परिवारवाद क्या है ?

उत्तर ⇒ जब किसी जनप्रतिनिधि के निधन या इस्तीफे के कारण कोई सीट खाली हुई और उसे उसके ही किसी परिजन को टिकट दे दिया जाए तो यह परिवारवाद कहलाता है।


10. “लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है।” किसने कहा था?

उत्तर ⇒ “लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है।” यह वक्तव्य अब्राहम लिंकन का था।


11. राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं का क्या योगदान हैं ?

उत्तर ⇒ राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं की भी काफी भूमिका रही है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक महिलाएँ भी राष्ट्र की प्रगति में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। खेतीबाड़ी से लेकर वायुयान उड़ानें, अंतरिक्ष में जाने का भी काम कर रही हैं । पंचायती राज व्यवस्था में महिलाएँ पंच और सरपंच चुनी जा रही हैं। आज महिलाएँ विधायिका और संसद सदस्या के रूप में जन प्रतिनिधि का भी कार्य कर रही हैं। महिला शिक्षा में वृद्धि के कारण आज महिलाएँ काफी जागरूक होकर आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक रूप से सशक्त हुई हैं तथा राष्ट्र की प्रगति में अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभा रही हैं।


12. आर्थिक अपराध का अर्थ स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ विदेशी मुद्रा का अवैध आगमन या विदेशी बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गई बड़ी धनराशि आर्थिक अपराध है।


13. केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी टकराव से लोकतंत्र कैसे प्रभावित होता है ?

उत्तर ⇒ केन्द्र और राज्यों के बीच आपसी टकराव से आतंकवाद से लड़ने और जनकल्याणकारी योजनाओं ( शिक्षा, जाति, भेदभाव, लिंग-भेद, नारी-शोषण, बाल-मजदूरी एवं सामाजिक कुरीतियों इत्यादि) के सुचारुरूप से क्रियान्वयन में बाधा पहुँचती है । कोई भी अपेक्षित लक्ष्य हासिल करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल अतिआवश्यक है।


14. लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ लोकतंत्र सिद्धांत एवं व्यवहार में “लोकतंत्र जनता का, जनता द्वारा तथा जनता के लिए शासन है।” लोकतंत्र में यह व्यवस्था रहती है कि लोग अपनी मर्जी से सरकार चुने । लोकतंत्र एक प्रकार का शासन है, एक सामाजिक व्यवस्था का सिद्धांत है, विशेष प्रकार की मनोवृत्ति है तथा आर्थिक आदर्श है। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमें राजनैतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन-प्रणाली लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक, राजनैतिक समानता न केवल सैद्धांतिक रूप से, अपितु व्यवहारिक रूप से भी दे ।


15. गठबंधन की राजनीति लोकतंत्र के लिए चुनौती है। कैसे ?

उत्तर ⇒ चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर सरकार बनाने के लिए छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियाँ आपस में गठबंधन कर सरकार बनाती हैं। इसमें वैसे उम्मीदवारों को भी चुन लिया जाता है जो दागी प्रवृत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं। यह लोकतंत्र के लिए एक अलग प्रकार की चुनौती है। गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अपनी आकांक्षाओं और लाभों की संभावनाओं के मद्देनजर ही गठबंधन करने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे प्रशासन पर सरकार की पकड़ ढीली हो जाती है। अतः गठबंधन की राजनीति भी लोकतंत्र के लिए चुनौती साबित हो रहे हैं।


16. नेपाल में किस तरह की शासन-व्यवस्था है ? लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ क्या-क्या बाधाएँ हैं ?

उत्तर ⇒ नेपाल में अभी राजशाही शासन को समाप्त कर लोकतांत्रिक शासन स्थापित करने का प्रयास किया गया है जो सफलता एवं असफलता के बीच फंस गया है।

लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ बहुत सारी बाधाएँ हैं, जैसे माओवादी नेताओं की समस्या । माओवादी नेताओं को यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र में और वह भी मिली-जुली सरकार में अपनी इच्छा लादना संभव नहीं है। दूसरी समस्या संविधान सभा का चुनाव तराई क्षेत्र में असंतोष तथा ओवादियों द्वारा हथियार नहीं सौंपना है।


17. भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग कौन-कौन हैं ?

उत्तर ⇒ कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका भारतीय लोकतंत्र के अंग हैं।


18. भारतीय लोकतंत्र कैसा लोकतंत्र है ?

उत्तर ⇒ भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र है। इसमें शासन का संचालन जन प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है।


19. लोकतांत्रिक सुधारों के प्रस्ताव क्या हैं ?

उत्तर ⇒ लोकतांत्रिक सुधारों के प्रस्ताव में लोकतांत्रिक आंदोलन, नागरिक संगठन और मीडिया पर भरोसा करने वाले उपाय शामिल हैं।


20. लोकतंत्र की बड़ी चुनौतियाँ क्या है ?

उत्तर ⇒ लोकतंत्र की बड़ी चुनौतियों में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव में होने वाले अंधाधुंध चुनावी खर्च, उम्मीदवारों के टिकट वितरण और चुनावों की पारदर्शिता शामिल हैं।


21. लोकतंत्र की चुनौतियों का अर्थ स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ लोकतंत्र को अनेक समस्याओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन्हें ही लोकतंत्र की चुनौतियाँ माना जाता है। लोकतंत्र की चुनौतियों का अर्थ उन समस्याओं और कठिनाइयों का सामना करना है जो इसके मार्ग में आती है। कठिनाईयों के बावजूद चुनौतियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है।


22. लोकतंत्र की मुख्य चुनौतियों का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒ लोकतंत्र की तीन मुख्य चुनौतियाँ स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आती हैं—बुनियादी चुनौती अर्थात् लोकतंत्र की स्थापना अथवा लोकतंत्र की वापसी की चुनौती, लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती तथा लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती। इन चुनौतियों का सामना करके ही लोकतंत्र की बाधाओं को दूर कर लोकतंत्र को सफल बनाया जा सकता है।


23. बिहार में लोकतंत्र की चुनौतियाँ का वर्णन करें ?

उत्तर ⇒ भारत के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित है। इसके बावजूद यहाँ क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर चुनौतियाँ मौजूद हैं। आज भी मुख्य चुनौतिशत की जा सतर-लोक भ्रष्टाचार, जातिवाद, परिवारवाद जैसी बुराइयाँ यहाँ निर्णायक भूमिका निभाती हैं। हाल के दशकों में यह परंपरा बनी कि जिस जन प्रतिनिधि के निधन या इस्तीफे के कारण कोई सीट खाली हुई उसके ही किसी परिजन को चुनाव का टिकट दे दिया जाए। यह लोकतंत्र की खामियों को दर्शाता है।


24. केन्द्र तथा राज्यों के बीच सामंजस्य क्यों आवश्यक है ?

उत्तर ⇒ केन्द्र तथा राज्यों के बीच आपसी टकराव से आतंकवाद से लड़ने और जनकल्याणकारी योजनाओं (शिक्षा, जाति भेदभाव, लिंग भेद, नारी शोषण, बाल-मजदूरी एवं सामाजिक कुरीतियों इत्यादि) के सुचारू क्रियान्वयन में बाधा पहुँचती है, जबकि कोई भी अपेक्षित लक्ष्य हासिल करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल की काफी आवश्यकता है।


25. भारतीय लोकतंत्र की दीर्घकालिक और समसामयिक समस्याएँ क्या हैं ?

उत्तर ⇒ भारतीय लोकतंत्र में अनेक दीर्घकालिक और समसामयिक समस्याएँ हैं जो हमारा ध्यान आकर्षित करती है। इनमें से प्रत्येक समस्याओं को संकीर्ण दलीय राजनीति से ऊपर उठकर हल किए जाने की आवश्यकता है। इन समस्याओं में निश्चित रूप से महँगाई, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, विदेश-नीति, आंतरिक सुरक्षा, रक्षा तैयारियाँ आदि हैं तथा देश की एकता और अखंडता, आतंकवाद, नक्सलवाद, अवैध शरणार्थी तथा बढ़ते आर्थिक अपराध है। ‘


26. भारतीय लोकतंत्र के कुशल संचालन में महिलाओं की असमानता किस प्रकार बाधा पहुँचाती है ?

उत्तर ⇒ महिलाओं की असमानता लोकतंत्र के लिए बाधक सिद्ध होती है, इसके संबंध में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं –
(i) लोकतंत्र का आधार है समाज में सभी को समानता दिलाना । परन्तु नारियों को पुरुषों के बराबर न समझने से लोकतंत्र विकसित ही नहीं हो सकता।
(ii) नारियों को पुरुषों के बराबर स्वतंत्रता भी प्राप्त नहीं है। स्वतंत्रता के बिना लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाता क्योंकि स्वतंत्रता ही लोकतंत्र का मूल आधार है।
(iii) पुरुषों के द्वारा नारियों का शोषण व उत्पीड़न होता है जो कि लोकतंत्र के मार्ग में एक महान बाधा है।


27. भारतीय लोकतंत्र के कुशल संचालन में आर्थिक विषमता या असमानता किस प्रकार बाधा पहुँचाती है ?

उत्तर ⇒ भारत में लोकतंत्र के मार्ग में अनेक बाधाएँ हैं, आर्थिक असमानता भी उनमें से एक है। कुछ लोग तो बहुत अमीर हैं, जबकि लोगों की एक बड़ी संख्या ऐसी है जो दोनों वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पाती।

यह आर्थिक असमानता लोकतंत्र के कुशल संचालन में अनेक बाधाएँ उपस्थित करती है –

(i) आर्थिक असमानता में बन्धुत्व तथा सर्वमान्य समाज की भावना समाप्त हो जाती है जो लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है।
(ii) आर्थिक असमानता के कारण एक वर्ग द्वारा दूसरे वर्ग का उत्पीड़न व शोषण होता है।
(iii) आर्थिक असमानता के रहते हुए राजनीतिक अधिकारों का कोई महत्व नहीं रह जाता।

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