1. ब्रोमोप्रोपेन एवं प्रोपेनोन का संरचना सूत्र लिखें।
उत्तर⇒
2. कार्बन मुख्यतः सहसंयोजक यौगिक क्यों बनाता है?
उत्तर⇒ चूँकि कार्बन की संयोजकता 4 है। अतः (a) इलेक्ट्रॉन खोकर या (b) चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास नहीं बना सकता। अतः यह इलेक्ट्रॉन की साझेदारी कर सहसंयोगी बंध बनाता है।
3. साबुनीकरण क्या है ? यह एस्टरीकरण से किस प्रकार भिन्न है ? अथवा, साबुन उद्योग के उपोत्पाद का नाम बताइए। यह किस प्रकार निर्मित होता है ?
उत्तर⇒ साबुन उद्योग का उपोत्पाद ग्लिसरॉल है। जब तेल या वसा को सोडियम हाइड्रोक्साइड के घोल से क्रिया कराई जाती है तब यह अम्ल के सोडियम लवण और ग्लिसरॉल में बदल जाता है।
4. इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाइए (a) CO2 . (b) N2
उत्तर⇒
5. समजातीय श्रेणी क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए ।
उत्तर⇒ यौगिकों की ऐसी शृंखला जिसमें कार्बन शृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यक समूह प्रतिस्थापित करता है उसे समजातीय श्रेणी कहते हैं। इसके दो क्रमागत सदस्यों में CH2 ग्रुप का अंतर होता है ।
जैसे-एल्केन, सजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n+2 है । इस श्रेणी के सदस्य मिथेन CH4 इथेन C2H6 प्रोपेन C3H8 ब्यूटेन C4H10 पेंटेन C15H12 हैक्सेन C6H14 आदि हैं।
6. बेंजीन और साइक्लोहेक्सेन की संरचना खींचे।
उत्तर⇒
7. निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए : (i) ब्यूटेनोन (ii) हेक्सेनैल
उत्तर⇒ (i) ब्यूटेनोन
(ii) हैक्से नैल
8. इथेनॉल से इथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर⇒ दहन करने से कार्बन यौगिकों को सरलता से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। रासायनिक क्रिया से ऑक्सीकरण करके यह कार्य किया जा सकता है। ऐल्कोहल को कार्बोजाइलिक अम्ल में बदला जा सकता है।
ऑक्सीकरण का कार्य एलकाइन या अम्लीकृत K2Cr2O7 से किया जा सकता है।
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9. निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए : (i) क्लोरो प्रोपेन (i) प्रोपेनॉइक अम्ल ।
उत्तर⇒ (i)
(ii)
10. साबुन और अपमार्जक में विभेद करें।
उत्तर⇒
S.N | साबुन | अपमार्जक |
1. | यह प्रायः बायोडीग्रेडेबल होते हैं। | कुछ बायोडीग्रेडेबल तथा कुछ नहीं भी होते हैं। |
2. | यह मृदु जल में सफाई के लिए उपयुक्त है। | यह मृदु तथा कठोर दोनों प्रकार के जल में सफाई के लिए उपयुक्त है। |
3. | इसमें निर्बल शोधन क्रिया होती है। | इसमें प्रबल शोधन क्रिया होती है। |
12. हाइड्रोकार्बन क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए। अथवा, विभिन्न प्रकार के हाइड्रोकार्बन के नाम उदाहरणसहित लिखिए।
उत्तर⇒ हाइड्रोजन और कार्बन से बने यौगिक को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
हाइड्रोकार्बन दो प्रकार के होते हैं-
(i) संतृप्त हाइड्रोकार्बन-सहसंयोजक एकल बंधनों से जुड़े कार्बन एवं हाइड्रोजन के यौगिक संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इन्हें ऐल्केन भी कहा जाता है इनका सामान्य रासायनिक सूत्र CnH2n+2 जैसे-मिथेन।
(ii) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन-खुली श्रृंखलावाले वे हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन परमाणुओं के बीच द्विबंधन अथवा त्रिबंधन उपस्थित रहते हैं, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। कार्बन परमाणुओं के बीच द्विबंधन रहने पर हाइड्रोकार्बन को ऐल्कीन (alkene) कहते हैं। ऐल्कीन का सामान्य सूत्र CnH2n है। कार्बन परमाणुओं के बीच त्रिबंधन रहने पर हाइड्रोकार्बन को ऐल्काइन (alkyne) कहते हैं। ऐल्काइन का सामान्य सूत्र CnH(2n-2) है।
13. हाइड्रोजिनीकरण क्या है ? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या हैं?
उत्तर⇒ किसी यौगिक की हाइड्रोजन के साथ संलयन अभिक्रिया को हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
इसका औद्योगिक अनुप्रयोग – वनस्पति तेल (खाद्य तेल) से वनस्पति घी बनाने में होता है।
Ni
वनस्पति तेल + H2 ————→ वनस्पति घी।
14. समजातीय श्रेणी किसे कहते हैं ? समजातीय श्रेणी की चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर⇒ समजातीय श्रेणी, कार्बन के यौगिकों का एक ऐसा समूह होता है जिसकी संरचनाएँ तथा रासायनिक गुण समरूप होते हैं तथा जिनके साथ-साथ वाले किन्हीं भी दो यौगिकों के आणविक सूत्रों में CH2 का अन्तर होता है।
समजातीय श्रेणी की विशिष्टताएँ –
(i) किसी भी समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक ही सामान्य सूत्र द्वारा निरूपित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए ऐल्केन समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक ही सामान्य सूत्र CnH2n+2 द्वारा दर्शाया जा सकता है।
(ii) किसी भी समजातीय श्रेणी के दो साथ-साथ वाले समजातों में एक कार्बन परमाणु तथा दो हाइड्रोजन परमाणुओं का अन्तर होता है। उदाहरण के लिए, मेथेन (CH4) तथा एथेन (C2H6) में एक कार्बन परमाणु तथा दो हाइड्रोजन परमाणुओं का अन्तर होता है।
(iii) किसी भीसमजातीय श्रेणी के सदस्यों के भौतिक गुणों में आणविक द्रव्यमान बढ़ने के साथ-साथ कमिक परिवर्तन होता है।
15. अभिक्रिया शील समूह क्या है ? उदाहरण दें । अथवा, क्रियाशील मूलक क्या है? एक उदाहरण दें।
उत्तर⇒ यौगिक में विद्वान् वह समूह जिसपर यौगिक के अधिकांश रासायनिक गुण निर्भर करते हैं, क्रियाशील मूलक कहलाते हैं। उदाहरण – हाइड्रोक्सिल समूह (–OH)।
16. जीवाश्म ईंधन से आप क्या समझते हैं ? इसका निर्माण कैसे होता है?
उत्तर⇒ करोड़ों वर्षों तक पृथ्वी की सतह में गहरे दबे हुए पौधों तथा पशुओं के अवशेषों से प्राप्त ईंधन को जीवाश्म ईंधन कहते हैं। कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन हैं।
17. प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं ?
उत्तर⇒ ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में अंतर करने के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं-
S.N | परीक्षण | ऐल्कोहॉल | कार्बोक्सिलिक अम्ल |
1. | 1. लिटमस परीक्षण | लिटमस विलयन के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है। | नीला लिटमस लाल हो जाता है। |
2. | 2. सोडियम हाइड्रोजन | उत्सर्जन तीव्र नहीं होता। | CO2 के बनने के कारण उत्सर्जन तीव्र होता है। |
3. | 3 . सोडियम धातु परीक्षण | H2 गैस बुलबुलों के साथ निकलती है। | H2 गैस निकलती है लेकिन बुलबुले नहीं बनते। |
18. समावयवता क्या है? इसे एक उदाहरण के साथ स्पष्ट करें।
उत्तर⇒ समावयवता कार्बनिक यौगिकों में पाई जानेवाली वैसी घटना है जिसमें एक ही अणुसूत्र से विभिन्न यौगिकों का बोध होता है जिनके गुणों में अन्तर पाया जाता है। एक ही अणुसूत्र से व्यक्त होनेवाले यौगिक समावयवी कहलाते हैं। जैसे-अणुसूत्र C2H6O से दो भिन्न यौगिक डाइमेथिल ईथर (CH3.O.CH3) एवं एथिल ऐल्कोहॉल (C2H5OH) का बोध होता जिनके गुणों में अन्तर होता है।
19. किण्वन क्रिया क्या है ? इथेनॉल की प्राप्ति में किण्वन का अनुप्रयोग किस प्रकार होता है ? किण्वन क्रिया किस ताप पर होती है ? अथवा, इथेनॉल की प्राप्ति किण्वन विधि से करें। इथेनॉल के दो उपयोग लिखें।
उत्तर⇒ सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति में कई कार्बनिक यौगिक नए यौगिकों में बदल जाते हैं। इस प्रक्रम को किण्वन (Fermentation) कहते हैं तथा जिस सूक्ष्मजीवी की उपस्थिति में किण्वन क्रिया होती है, उसे किण्वन (Ferment) कहते हैं।
किण्वन के उदाहरण – गन्ने के रस से एथिल ऐल्कोहॉल बनना।
किण्वन क्रिया 20-30°C पर होती है।
उपयोग- (i) शराब के रूप में पीने के काम आता है।
(ii) औद्योगिक विलायक के रूप में प्रयुक्त होता है।
20. ऐल्कोहल किसे कहते हैं ? इन्हें कैसे प्राप्त करते हैं ? दो उदाहरण देकर लिखिए। इसके प्रमुख गुणों को लिखें।
उत्तर⇒ ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के सरल यौगिक होते हैं। किसी एल्केन के एक हाइड्रोजन परमाणु को हाइड्रोक्सिल (–OH) ग्रुप द्वारा प्रतिस्थापित ह करने पर ऐल्कोहल प्राप्त होते हैं।
ऐल्कोहल का सामान्य सूत्र (CnH2n+2) OH होता है।
उदाहरण—(1) मिथेन (CH4) में हाइड्रोजन परमाणु को हाइड्रोक्सिल । (OH) ग्रुप द्वारा प्रतिस्थापित करने में मिथानॉल (CH3OH) प्राप्त होता है।
(2) एथेन द्वारा एथेनॉल (C2H5OH) प्राप्त होता है।
गुण –
21. (a) किण्वीकरण प्रक्रिया से आप क्या समझते हैं ?
(b) किण्वीकरण प्रक्रिया के दौरान कौन-सी गैस निकलती है ?
उत्तर⇒ (a) जब बड़े कार्बनिक यौगिक एंजाइम या यीस्ट के सहारे टूटकर छोटे-छोटे यौगिकों में परिणत हो जाते हैं, तो ऐसी घटना या क्रिया किण्वनीकरण कहलाती है।
(b) किण्वनीकरण प्रक्रिया के दौरान कार्बन डाईऑक्साइड गैस बाहर निकलती है।
22. एथेनोइक अम्ल एवं निम्नांकित के बीच होनेवाली अभिक्रियाओं का रासायनिक समीकरण दें :
(a) सोडियम (b) सोडियम कार्बोनेट (c) सोडियम बाइकार्बोनेट।
उत्तर⇒
(a) एथेनोइक अम्ल की अभिक्रिया सोडियम से
CH3COOH+Na→CH3COONa+1/2H2
(b) एथेनोइक अम्ल की अभिक्रिया सोडियम कार्बोनेट से
2CH3COOH + Na2CO3→ 2CH3COONa+H2O+CO2
(c) एथेनोइक अम्ल की अभिक्रिया सोडियम बाईकार्बोनेट से
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + H2O+CO2
एकल बन्ध वाला मक्खन हाइड्रोजन गैस के साथ अभिक्रिया नहीं करता ।
23. निम्न यौगिकों के संरचना-सूत्र लिखिए : (i) ब्यूटेनोन (ii) ब्रोमोपेन्टेन (ii) प्रोपीन
उत्तर⇒ (i)
(ii)
(iii)
24. ऑक्सीजन के लिए इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना लिखिए ।
उत्तर⇒
25. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है या नहीं? कारण दें।
उत्तर⇒ जल को दो परखनलियों A तथा B में लिया। परखनली A में साबुन का विलयन तथा परखनली B में अपमार्जक का विलयन डाला। साबुन कठोर जल के साथ सफेद अवक्षेप देगा जबकि अपमार्जक के साथ झाग बनेगा।
26. निम्नलिखित यौगिकों के संरचना-सूत्र लिखिए : (i) मोनोक्लोरोमिथेन (ii) मिथेन (iii) एथीन (iv) एथेनॉल (v) बेंजीन ।
उत्तर⇒
27. एथेनॉल क्या है ? इसका सामान्य सूत्र लिखिए। उदाहरण दें। प्रयोगशाला में अल्कोहल कैसे तैयार किया जाता है ?
उत्तर⇒ यह कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का सरल यौगिक है। इथेन के एक हाइड्रोजन परमाणु को हाइड्रोक्सिल (–OH) ग्रुप द्वारा प्रतिस्थापित करने पर अल्कोहल प्राप्त होता है।
इसका सामान्य सूत्र CnH(2n+1) OH जो कि C2H5OH होता है।
प्रयोगशाला में एथेनॉल एस्टर की मदद से बनता है। एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके पुनः अल्कोहल का निर्माण करता है ।
NaOH
CH3COOC2H5 —————→ C2H5OH+ CH3COOH
इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहा जाता है।
28. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के क्या प्रतिफल होते हैं ? उनके नाम लिखें।
(i) इथेनॉल का क्षारीय KMnO4 के विलयन से ऑक्सीकरण के फलस्वरूप कौन-से यौगिक का निर्माण होता है ?
(ii) इथेनॉल इथेनॉइक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है।
(iii) सोडियम इथानावेट का सोडालाइम के साथ गर्म करते हैं।
(iv) इथेनॉल को सान्द्र H2SO4 अम्ल के साथ गर्म करते हैं।
29. (i) इथेनॉल का उपयोग ईंधन के रूप में करने के क्या लाभ एवं हानि है?
(ii) गैसोहॉल (gasohol) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर⇒ (i) ऐथेनॉल एक स्वच्छ ईंधन है जो दहन पर केवल कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल वाष्प देता है, किन्तु ऐथेनॉल के दहन से कम ऊर्जा उत्पन्न होती है।
(ii) अनार्द्र एथिल ऐल्कोहॉल तथा गैसोलिन पेट्रोल के मिश्रण को शक्ति ऐल्कोहॉल कहते हैं । इसका प्रयोग स्वचालित वाहनों में पेट्रोल के स्थान पर ईंधन के रूप में किया जा सकता है। शक्ति ऐल्कोहॉल को जिसमें लगभग 10 प्रतिशत एथिल ऐल्कोहॉल होता है, गैसोहोल कहते हैं।
30. (i) योगशील अभिक्रिया से क्या समझते हैं एक उदाहरण देकर समझाएँ।
(ii) वेल्डिंग करने के लिये एसीटीलिन और ऑक्सीजन का मिश्रण का उपयोग किया जाता है । इसके लिये एसीटीलिन और हवा के मिश्रण का क्यों नहीं उपयोग किया जाता है ?
उत्तर⇒ (i) उन अभिक्रियाओं को जिनमें दो या दो से अधिक पदार्थ (तत्त्व या यौगिक) सरलता से संयोग कर नया पदार्थ बनाते हैं, योगशील या संयोजन अभिक्रियाएँ कहते हैं।
जैसे- CH2 = CH2 + H2 → C2H6
ऐथिलीन ऐथेन
(ii) ऐथिलीन वायु में जलाने पर कम ऊष्मा उत्पन्न करती है जबकि ऐसेटिलीन तथा ऑक्सीजन का मिश्रण जलाने पर 3000°C तक की ज्वाला देता है । इसी कारण ऑक्सी-ऐसेटिलीन ज्वाला का उपयोग वेल्डिंग में होता है ।
CH2 = CH2 + 3O2 → 2CO2+ 2H2O + कम ऊष्मा
2CH = CH + 5O2 → 4CO2 + 2H2O + 3000°C
31. निम्नलिखित कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित क्रियात्मक समूह का नाम लिखें ।
CH3COOH, CH3COCH3, C2HCHO, C2H5OH
उत्तर⇒ कार्बोक्सिलिक [COOH] कीटोन [CO]
एल्डिहाइड [CHO] ऐल्कोहॉल [OH]
32. एस्टीरीफिकेशन (esterification) अभिक्रिया क्या है ? समीकरण द्वारा बतायें।
उत्तर⇒ अम्ल तथा ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया से ऐस्टर तथा जल बनते हैं । इस अभिक्रिया को ऐस्टरीकरण कहते है। उदाहरणार्थ ऐसीटिक अम्ल तथा ऐथिल ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया से ऐस्टर ऐसीटेट का बनना ऐस्टरीकरण है।
conc.H2SO4
CHCOOH+C2H5OH —————–→ CH COOCH
33. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर मैली के निर्माण को समझाएँ।
उत्तर⇒ कैल्सियम तथा मैग्नीशियम लवणों की उपस्थिति के कारण जल कठोर हो जाता है। जब कठोर जल को साबुन से उपचारित किया जाता है तब साबुन कैल्सियम तथा मैग्नीशियम लवणों के साथ अभिक्रिया कर अविलय पदार्थ बनाते हैं। यह अविलेय पदार्थ मैली का निर्माण करते हैं।
34. CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना क्या होगी?
उत्तर⇒ कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन परमाणु के साथ ऑक्सीजन के दो परमाणु जुड़े होते हैं। कार्बन की परमाणु संख्या 6 होती है और इसके बाहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसे अष्टक बनाने के लिए चार इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है । ऑक्सीजन को केवल 2 इलेक्ट्रॉनों की बाहरी कक्ष में आवश्यकता होती है ।
35. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए जाँच बताएँ।
उत्तर⇒ मक्खन एवं खाना बनानेवाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए दोनों की निकल या प्लैडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से अभिक्रिया कराई जाती है।
हाइड्रोजन गैस के साथ द्विबन्ध वाला खाना बनानेवाला तेल वनस्पति घी देता है। खाना बनानेवाला तेल + H2→ वनस्पति घी
36. कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं, जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है ?
उत्तर⇒ (i) कार्बन यौगिकों का बहुत बड़ी संख्या में होने का कारण कार्बन परमाणु का वह अद्वितीय गुण है जिसके द्वारा कार्बन परमाणु एक के साथ एक जुड़कर कार्बन परमाणुओं की विभिन्न प्रकार की लम्बी-लम्बी श्रृंखलाएँ बनाते हैं अर्थात् श्रृंखला का गुण पाया जाता है।
(ii) कार्बन की संयोजकता चार है।
37. कार्बन तत्त्व एक अद्वितीय तत्त्व है। कैसे?
उत्तर⇒ सभी ज्ञात परमाणुओं में से केवल कार्बन परमाणुओं में ही यह क्षमता है कि वे आपस में मिलकर लंबी श्रृंखला बनाते हैं । प्रत्येक ऐसी लंबी श्रृंखला कार्बन परमाणु को इस प्रकार का सरल आधार प्रदान करती है जिसमें अन्य परमाणु विभिन्न विधियों द्वारा जुड़ सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप कार्बन तत्त्व द्वारा अत्यधिक किस्मों के यौगिक बनाए जा सकते हैं।
38. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है ?
उत्तर⇒ कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में किया जाता है, क्योंकि
(i) यह साफ-सुधरा ईंधन है।
(ii) यह धुआँ नहीं छोड़ता है।
(iii) इसमें अवशेष नहीं बचता है।
(iv) इसका ऊष्मीय मान उच्च होता है।
(v) इनका ज्वलन ताप न तो बहुत उच्च और न ही बहुत निम्न होता है।
39. निम्नलिखित यौगिकों के नाम बताएँ –
उत्तर⇒ (i) ब्रोमो एथेन, (ii) मेथैनल, (iii) 1 – हैक्साइन
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40. निम्नलिखित यौगिकों की संरचना चित्रित कीजिए-
(i) एथेनोइक अम्ल (ii) ब्रोमोपेन्टेन (iii) ब्यूटानोन (iv) हैक्सानैल
उत्तर⇒ (i) एथेनोइक अम्ल
(ii) ब्रोमोपेन्टेन
(iii) ब्यूटानोन
(iv) हैक्सानैल
41. ऑक्सीजन तथा इथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि इथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ?
उत्तर⇒ इथायन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है जो वायु की उपस्थिति में दहन करते समय पीले रंग की ज्वाला और कज्जली धुआँ उत्पन्न करता है। इस धुएँ में कार्बन होता है। अपर्ण दहन के कारण ऊष्मा ऊर्जा भी कम उत्पन्न होती है। इसलिए वेल्डिंग के लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा की प्राप्ति के लिए ऑक्सीजन और इथायन का प्रयोग किया जाता है।
2HC = CH + 5O2 → 4CO2 + 2H2O + ऊष्मा और प्रकाश
इथायन ऑक्सीजन
42. साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन-बिन्दु संरचना क्या होगी ?
उत्तर⇒ साइक्लोपेन्टेन का सूत्र C5H10
43. हाइड्रोजनीकरण क्या है ? इसका औद्योगिक उपयोग क्या है ?
उत्तर⇒ असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में द्वि-आबन्ध या त्रि-आबन्ध पर हाइड्रोजन का योग हाइड्रोजनीकरण कहलाता है।
44. भौतिक एवं रासायनिक गुण धर्मों के आधार पर इथेनॉल एवं इथेनोइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?
उत्तर⇒ भौतिक गुणधर्म –
(i) गंध इथेनोइक अम्ल की तेज दम घोंटने वाली गंध होती है जबकि इथेनॉल की मधुर गंध होती है।
(ii) गलनांक इथेनॉल का गलनांक 156 K होता है तो इथेनोइक अम्ल का 290 K है।
(iii) क्वथनांक इथेनोइक अम्ल का क्वथनांक 391 K है जबकि इथेनॉल का 351 K है।
रासायनिक गुणधर्म –
(i) सोडियम से क्रिया –इथेनॉल सोडियम से क्रिया कर H, गैस उत्पन्न करता है लेकिन इथेनोइक अम्ल सोडियम से क्रिया नहीं करता है।
2Na +2CH3CH2OH → 2CH3CH2O-Na+ H2
(ii) कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट से क्रिया—इथेनॉल सोडियम कार्बोनेट से क्रिया नहीं करता जबकि इथेनोइक अम्ल इनसे क्रिया कर CO2 गैस उत्पन्न करता है।
2CH3COOH+Na2CO3 → 2CH3COONa+H2O+CO2
CH3COOH+ NaHCO3 → CH3COONa+HO+CO2
45. मिथाइल ऐल्कोहल के उपयोग लिखिए।
उत्तर⇒ (i) विकृत स्प्रिट बनाने के लिए, (ii) स्प्रिट लैंपों में, (iii) लकड़ी को पॉलिश करने के विलायक रूप में तथा (iv) कृत्रिम रेशों तथा सुगंधित पदार्थ तैयार करने में।
46. दो उदाहरणों सहित अभिलक्षकीय समूह की परिभाषा दीजिए।
उत्तर⇒ अभिलक्षकीय समूह एक या एक से अधिक परमाणुओं का वह समूह है जो किसी कार्बनिक यौगिक के गुणों का निर्धारण करता है।
उदाहरण-
47. कार्बनिक अम्ल किसे कहते हैं ? इन्हें किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर⇒ जिन अम्लों में कार्बोक्सिलिक ग्रुप ( –COOH) होता है, उन्हें कार्बनिक अम्ल कहते हैं। जैसे-HCOOH, CH3COOH, C2H5COOH आदि ।
इन्हें ऐल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से बनाया जाता है।
K2Cr2O7+H2SO4
C2H5OH+2(O) —————————–→ CH3COOH+HO
48. एंजाइम क्या होते हैं ? उस एंजाइम का नाम दीजिए जो इक्षुशर्करा (गन्ना) को किण्वन प्रक्रम द्वारा एथानॉल में परिवर्तित कर देता है।
उत्तर⇒ वे उत्प्रेरक जो जैव रासायनिक परिवर्तन के लिए आवश्यक होते हैं, उन्हें एंजाइम कहते हैं। गन्ने के किण्वन से एथेनॉल प्राप्त करने के लिए इनवर्टेज (invertase) और जाइमेज (zymase) नामक एंजाइमों की आवश्यकता होती है। ये एंजाइम यीस्ट को मिलाने से प्राप्त हो जाते हैं ।
49. आप प्रयोगशाला में एस्टर कैसे तैयार करेंगे ? इस क्रिया का समीकरण लिखिए। इस अभिक्रिया में काम आनेवाले एसिड तथा ऐल्कोहॉल के IUPAC नाम लिखिए।
उत्तर⇒ जब ऐल्कोहॉल को कार्बोक्सिलिक एसिड के साथ सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो एस्टर बनता है।
50. एथेनॉइक अम्ल के एस्टरीकरण एवं साबुनीकरण का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर⇒
51. एस्टर क्या होते हैं ? ये कैसे बनते हैं ? ये प्रकृति में कहाँ पाएं जाते हैं ?
उत्तर⇒ वे कार्बनिक यौगिक जिनमें —Coo— समूह होता है, एस्टर कहलाते हैं।
जब कार्बनिक अम्ल थोड़े-से सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में ऐल्कोहल के साथ अभिक्रिया करते हैं, एस्टर बनते हैं। उदाहरण के लिए, जब एसीटिक अम्ल, सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में एथिल ऐल्कोहल से अभिक्रिया करता है तो एथिल एसीटेट नामक एस्टर बनाता है।
प्रकृति में एस्टर फलों तथा फूलों में पाए जाते हैं।
52. ऐल्कोहल किसे कहते हैं ? इस श्रेणी के प्रथम चार सदस्यों के नाम तथा
उत्तर⇒ वे कार्बनिक यौगिक जिनके एक कार्बन परमाणु के साथ हाइड्राक्सिल समूह (-OH) जुड़ा रहता है उन्हें ऐल्कोहॉल कहते हैं। इनका सामान्य सूत्र CnH2n+1 OH है।
इस श्रेणी के चार सदस्य निम्नलिखित हैं –
S.N | सामान्य नाम | रासायनिक नाम | सूत्र |
1. | मेथिल ऐल्कोहल | मेथेनॉल | CH3OH |
2. | एथिल ऐल्कोहल | एथानॉल | C2H5O |
3. | प्रोपाइल ऐल्कोहल | प्रोपेनॉल | C3H7OH |
4. | ब्यूटाइल ऐल्कोहल | ब्यूटेनॉल | C4H9OH |
53. प्रकार्यात्मक समूह किसे कहते हैं ? निम्नलिखित प्रकार्यात्मक समूहों के नाम लिखें:
—CHO, —OH, —Br,= CO
उत्तर⇒ किसी कार्बनिक यौगिक में उपस्थित वह समूह जिनके ऊपर उस यौगिक का मुख्य गुण निर्भर करता है प्रकार्यात्मक समूह कहा जाता है।
-CHO → एल्डिहाइड
-OH → ऐल्कोहल
-Br → ब्रोमो
=CO → कीटोन
54. ग्रेफाइट की संरचना लिखिए तथा यह बताइये कि ग्रेफाइट इतना मुलायम क्यों है ?
उत्तर⇒ ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन पड़ोसी कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा होता है तथा षट्कोणीय जाल की परतें बनाता है । हीरे की तुलना में ग्रेफाइट में कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी अधिक होती है। ऊपर-नीचे की परतों की इस दूरी के कारण विपरीत परतों में स्थित कार्बन परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बंध बनने की संभावना समाप्त हो जाती है जिससे चौथा इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रह जाता है। ग्रेफाइट की ये परतें एक-दूसरे के ऊपर आसानी से फिसल सकती हैं, जिसके कारण ग्रेफाइट में स्नेहक गण होते हैं तथा यह स्पर्श करने में मुलायम तथा चिकना लगता है।
55. बहुलकता से क्या अभिप्राय होता है ? इससे प्राप्त होनेवाले उत्पादन का नाम व उपयोग लिखिये। अथवा, बहुलकता की परिभाषा दें। एथीन अणुओं में किस प्रकार संकलन अभिक्रिया होती है ?
उत्तर⇒ एथीन एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है जो स्वयं से ही संकलन अभिक्रिया करती है, इसी अभिक्रिया को बहलकता कहते हैं । इस प्रकार प्राप्त उत्पादन में हजारों एथीन अणुओं की अनेक श्रृंखलाएँ होती हैं जिसको पोलीथीन कहते हैं।
n (H2C=CH2) → (H2C=CH2) n, जहाँ n एक पूर्णांक धन संख्या है।
पोलीथीन का उपयोग पैकिंग में तथा डिब्बे बनाने में तथा अन्य घरेलू एवं औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है।
56. क्या कारण है कि ग्रेफाइट विद्युत् का सुचालक है ?
उत्तर⇒ ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु केवल तीन कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़ा रहता है तथा जिस कारण इसमें षट्कोणीय जाल की परतें बनाते हैं। इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी अधिक होती है। परतों के मध्य इस दूरी के कारण विपरीत परतों में स्थित कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंधों के बनने की संभावना समाप्त हो जाती है और चौथा संयोजक इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र छूट जाता है। इसीलिए ग्रेफाइट में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह आसानी से हो जाता है और ग्रेफाइट विद्युत् का सुचालक हो जाता है ।
57. अपमार्जक किसे कहते हैं ? संश्लिष्ट अपमार्जक की संरचना बताइए। इसका प्रमुख लाभ लिखिए।
उत्तर⇒ सफाई के लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को अपमार्जक कहते हैं । बहुत पहले से अपमार्जक के रूप में साबन का प्रयोग होता रहा है परंत आजकल संश्लिष्ट अपमार्जक अधिक लोकप्रिय हो गए हैं। संश्लिष्ट अपमार्जक में दो सिरों वाले अणु होते हैं जिनका एक सिरा जल को आकर्षित करता है जो प्रायः सल्फेट (-SO4) या सल्फोनेट (-SO3Na) ग्रुप द्वारा बना होता है। दूसरा सिरा जल को प्रतिकर्षित करता है जो हाइड्रोकार्बन युक्त होता है।
संश्लिष्ट अपमार्जक कठोर जल में भी पर्याप्त मात्रा में झाग बनाते हैं। ये कठोर जल के साथ अघुलनशील कैल्सियम या मैग्नेशियम के लवण नहीं बनाते हैं।
58. एस्टर किसे कहते हैं ? इन्हें किस प्रकार बनाया जाता है ? इनके दो उपयोग लिखिए।
उत्तर⇒ जिन कार्बनिक यौगिकों का अभिलक्षकीय ग्रुप –COO- होता है, एस्टर कहलाते हैं । इनके निर्माण के लिए कार्बनिक अम्लों की सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में एल्कोहल से क्रिया कराई जाती है।
उपयोग—इनकी गंध फलों के समान होती है इसलिए इनका उपयोग ठंडे पेयों, आइसक्रीम, मिठाइयों तथा परफ्यूमों में होता है। ये फलों में भी पाए जाते हैं।
59. संश्लिष्ट अपमार्जक किस प्रकार बनाए जाते हैं ?
उत्तर⇒ संश्लिष्ट अपमार्जक बनाने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं की आवश्यकता होती है –
(i) पेट्रोलियम तथा कोयले में प्राप्त लम्बी श्रृंखला वाले हाइड्रोकार्बन
(ii) सांद्र गंधक का अम्ल ।
(iii) सोडियम हाइड्रोक्साइड।।
विधि—हाइड्रोकार्बनों की गंधक के सांद्र अम्ल से क्रिया करके हाइड्रोकार्बन सल्फ्यूरिक अम्ल बनाया जाता है। इसकी सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) से क्रिया की जाती है जिससे संश्लिष्ट अपमार्जक प्राप्त होता है। भार के अनुसार वाशिंग पाउडर में 15-30% तक अपमार्जक होते हैं। शेष भाग विभिन्न प्रकार के रसायनों का होता है जो इसे तरह-तरह के गुण प्रदान कर देते हैं।
60. मिथाइल ऐल्कोहल किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर⇒ मिथाइल ऐल्कोहल को वुड ऐल्कोहल या वुड स्प्रिट भी कहते हैं । इसे लकड़ी के भंजन से प्राप्त किया गया था। इसे तैयार करने के लिए लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है। मिथाइल ऐल्कोहल एक उत्पाद के रूप में प्राप्त हो जाता है। आजकल इसे जल गैस तथा हाइड्रोजन के मिश्रण को 300°C तक गर्म करने से प्राप्त किया जाता है ।
61. सजातीय श्रेणी के लक्षण लिखें।
उत्तर⇒ सजातीय श्रेणी के मुख्य लक्षण निम्नांकित हैं-
(i) किसी भी सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र के द्वारा प्रकट किया जा सकता है, जैसे एल्केन सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों ” को एक ही सामान्य सूत्र CnH2n+2 द्वारा प्रकट किया जाता है।
(ii) किसी भी सजातीय श्रेणी के दो साथ-साथ वाले सदस्यों में (-CH2) ग्रुप का अंतर होता है।
(iii) किसी भी सजातीय श्रेणी के सभी सदस्य एक जैसे रासायनिक गुण प्रकट करते हैं।
(iv) किसी भी सजातीय श्रेणी के सदस्यों के भौतिक गुणों में अणु भार बढ़ने के साथ-साथ क्रमिक परिवर्तन होता है।
(v) किसी भी सजातीय श्रेणी के सदस्यों को एक-सी विधियों द्वारा तैयार किया जा सकता है।
62. एथेनॉल को आप एथेनोइक अम्ल और एथीन में किस प्रकार परिवर्तित करेंगे ?
उत्तर⇒ एथेनॉल को जब क्षारीय KMnO4 विलयन की उपस्थिति में गर्म कर ऑक्सीकृत कराया जाता है तब एथेनोइक अम्ल बनता है।
एथेनॉल को 443 केल्विन ताप पर सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के आधिक्य के साथ गर्म करने पर एथेनॉल का निर्जलीकरण हो जाता है जिसके फलस्वरूप एथीन बनता है।
63. (a) कार्बन के अत्यधिक यौगिकों के निर्माण का कारण समझावें।
(b) संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं ? इन दोनों हाइड्रोकार्बनों में कौन अधिक क्रियाशील होते हैं ?
उत्तर⇒ (a) कार्बन के अत्यधिक यौगिकों के निर्माण के मुख्यतः दो कारण हैं—
(i) कार्बन यौगिक में शृंखलन गुण का होना
(ii) कार्बन में चत:संयोजकता गुण का होना।
(b) वैसे कार्बन यौगिक जिसमें कार्बन परमाणु की चारों संयोजकताएँ एकल बंधन द्वारा संतुष्ट रहती हैं, उसे संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं। जैसे-CH4 , C2H6 इत्यादि ।
वैसे कार्बन यौगिक जिसमें कार्बन परमाणुओं के बीच द्वि-आबंध या त्रि-आबंध ‘ होते हैं, उन्हें असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं। जैसे-C2H4, C3H6 इत्यादि ।
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन, संतृप्त हाइड्रोकार्बन से अधिक क्रियाशील होते हैं।
64. साबुनीकरण किसे कहते हैं ? प्रयोगशाला में साबुन किस प्रकार बनाते हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर⇒ जब वसा या तेल को NaOH के साथ गर्म किया जाता है तो वसा या तेल के अणु विघटित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं जिसके फलस्वरूप साबुन बनता है।
प्रयोगशाला में साबुन की तैयारी – प्रयोगशाला में साबुन तैयार करने के लिए निम्नलिखित सामग्री चाहिए
(i) वनस्पति तेल (जैसे-कस्टर्ड तेल, कॉटन सीड तेल)
(ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड (कास्टिक सोडा)
(iii) सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक) ।
विधि – एक बीकर में 20 mL कैस्टर तेल लीजिए और उसमें 20%, 40 mL. सोडियम हाइड्रोक्साइड का घोल डालिए । इस मिश्रण को धीरे-धीरे उबलने तक गर्म किया जाता है और इसे पाँच से दस मिनट तक उबाला जाता है। अब बीकर में 5 ग्राम खाने वाला नमक डालिए और पदार्थ को ठंडा होने दीजिए। ठंडा करने पर बीकर में साबुन बनता है जिसे तब हटा लिया जाता है।
65. हीरे की संरचना समझाइए और बताइए कि हीरा इतना कठोर क्यों है ?
उत्तर⇒ हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु नियमित चतुष्फलक के केन्द्र में स्थित रहता है तथा यह सहसंयोजक बंध द्वारा उन चार कार्बन परमाणुओं से की व्यवस्था बंधित रहता है जो चतुष्फलक के चारों कोनों पर स्थित होते हैं। इस प्रकार कार्बन परमाणु के समस्त बंध योग्य इलेक्ट्रॉन बंधित रहते हैं तथा कोई भी इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र नहीं होता।
चित्र : हीरे की संरचना में कार्बन परमाणुओं
इस प्रकार के प्रबल बंधित चतुष्फलक अवस्था के कारण एक तीन आयामी सदढ संरचना बन जाती है जिसके परिणामस्वरूप हीरा सबसे कठोर तत्त्व है तथा इसका घनत्व अति उच्च है।
66. वाशिंग पाउडर में सामान्यतः क्या-क्या मिलाया जाता है तथा क्यों?
उत्तर⇒ वाशिंग पाउडरों में उनके कुल भार का लगभग 15-30% भाग अपमार्जक तथा बाकी हिस्सा अन्य रसायनों से बना होता है जो वाशिंग पाउडर को मनचाहा गुण प्रदान करते हैं।
वाशिंग पाउडर में अपमार्जक के अतिरिक्त मिलाए जानेवाले रसायन निम्नलिखित हैं –
(i) सोडियम सल्फेट तथा सोडियम सिलिकेट – ये वाशिंग पाउडर को शुष्क रखते हैं।
(ii) सोडियम ट्राइपॉली सल्फेट या सोडियम कार्बोनेट – ये वाशिंग पाउडर की क्षारीयता को बनाए रखते हैं तथा धूल के कण को हटाने के लिए आवश्यक होते हैं।
(iii) कार्बोक्सी मेथिल सेललोस (CMC) – इनसे धूल पानी पर तैरती रहती है।
(iv) सोडियम परबोरेट (दुर्बल ब्लीचिंग पदार्थ) – वस्त्रों में सफेदी उत्पन्न करने के लिए मिलाया जाता है।
67. निम्न कार्बनिक यौगिकों का यूपेक (UPAC) नाम लिखें :
उत्तर⇒
Class 10th Science ( विज्ञान ) Subjective Question 2023
Science Subjective Question | |
S.N | Class 10th Physics (भौतिक) Question 2023 |
1. | प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन |
2. | मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार |
3. | विधुत धारा |
4. | विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव |
5. | ऊर्जा के स्रोत |
S.N | Class 10th Chemistry (रसायनशास्त्र) Question 2023 |
1. | रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण |
2. | अम्ल क्षार एवं लवण |
3. | धातु एवं अधातु |
4. | कार्बन और उसके यौगिक |
5. | तत्वों का वर्गीकरण |
S.N | Class 10th Biology (जीव विज्ञान) Question 2023 |
1. | जैव प्रक्रम |
2. | नियंत्रण एवं समन्वय |
3. | जीव जनन कैसे करते हैं |
4. | अनुवांशिकता एवं जैव विकास |
5. | हमारा पर्यावरण |
6. | प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन |