Class 10th Social Science Subjective Question

Class 10th Social Science हमारी वित्तीय संस्थाएँ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) Question Answer 2023 || Hamaaree Vitteey Sansthaen ka VVI Question Answer, NCERT Solution For Class 10 Bihar Board

Class 10th Bihar Board Social Science Subjective Question Answer

1. सहकारिता की परिभाषा लिखें। अथवा, सहकारिता से आप क्या समझते हैं ?

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उत्तर ⇒ सामान्य अर्थों में सहकारिता का अर्थ है-एक साथ मिल-जुल कर कार्य करना । लेकिन अर्थशास्त्र में सहकारिता की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है-“सहकारिता वह संगठन है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक मिल-जुलकर समान स्तर पर आर्थिक-हितों की वृद्धि करते हैं । इस प्रकार सहकारिता उस आर्थिक व्यवस्था को कहते हैं जिसमें मनुष्य किसी आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिल-जुलकर कार्य करते हैं।


2. किसानों को वित्त या साख की आवश्यकता क्यों होती है? इन्हें किन संस्थाओं से साख या ऋण मिलता है ?

उत्तर ⇒ हमारे देश के किसानों को कृषिकार्यों के लिए कई प्रकार की साख की आवश्यकता होती है। इन्हें खाद, बीज आदि खरीदने, मजदूरी चुकाने तथा ब्याज आदि का भुगतान करने के लिए अल्पकालीन साख की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार, उन्हें कृषि-यंत्र, हल-बैल आदि खरीदने तथा कृषि के क्षेत्र में स्थायी सुधार लाने के लिए मध्यकालीन और दीर्घकालीन साख की भी आवश्यकता होती है। भारतीय किसानों को संस्थागत एवं गैर-संस्थागत दो साधनों से साख की प्राप्ति होती है। कृषि वित्त के संस्थागत साधनों में सहकारी साख समितियाँ तथा व्यावसायिक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महत्त्वपूर्ण हैं। ये संस्थाएँ मुख्यतया इनके अल्पकालीन और मध्यकालीन साख की आवश्यकताओं को पूरी करती हैं। भूमि विकास बैंक इनके लिए दीर्घकालीन साख की व्यवस्था करते हैं। लेकिन, संस्थागत साधनों से प्राप्त होनेवाले साख की मात्रा अपर्याप्त होने के कारण किसानों अधिकतर निजी साधनों से साख या ऋण लेना पड़ता है जिनमें महाजन, साहूकार आदि प्रमुख हैं।


3. वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते हैं ? यह कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर ⇒ ऐसा वित्तीय संस्था जो देश के लिए काम करती है तथा वित्त और साख का निर्धारण एवं निर्देशन एवं राष्ट्रीय स्तर पर वित्त प्रबंधन के कार्यों का सम्पादन करती है, उसे हम राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान कहते हैं।

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इसके दो महत्वपूर्ण अंग हैं –
(क) भारतीय मुद्रा बाजार –
(i) केन्द्रीय बैंक (ii) वाणिज्यक बैंक (iii) सहकारी बैंक

(ख) भारतीय पूँजी बाजार


4. एस० एच० जी० (S.H.G.) के विस्तारित रूप लिखें।

उत्तर ⇒ S. H.G.-Self Help Group (स्वयं सहायता समूह)।


5. नाबार्ड (NABARD) के विस्तारित रूप लिखें।

उत्तर ⇒ नाबार्ड (National Bank forAgricultural & Rural Develop ment)— कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक।


6. वित्तीय संस्थाओं से आप क्या समझते हैं? इनका मुख्य कार्य क्या है?

उत्तर ⇒ आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के संचालन में साख की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होती है। आज प्रायः सभी प्रकार की उत्पादक क्रियाओं के लिए वित्त या साख की आवश्यकता होती है। वित्तीय संस्थाओं के अंतर्गत बैंक, बीमा कंपनियों, सहकारी समितियों, महाजन, साहूकार आदि देशी बैंकरों को सम्मिलित किया जाता है जो साख अथवा ऋण के लेन-देन का कार्य करते हैं। लोग प्रायः अपनी बचत को बैंक आदि संस्थाओं में जमा अथवा निवेश करते हैं वित्तीय संस्थाएँ इस बचत को स्वीकार करती है और इसे ऐसे व्यक्तियों को उधार देती है जिन्हें धन की आवश्यकता होती हैं। इस प्रकार, वित्तीय संस्थाएँ ऋण लेने और देनेवाले व्यक्तियों के बीच मध्यस्थ का कार्य करती है।


7. सूक्ष्म वित्त योजना को परिभाषित करकरें।

उत्तर ⇒ छोटे पैमाने पर गरीब जरूरतमंद लोगों को स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से कम ब्याज साख अथवा ऋण की व्यवस्था को सूक्ष्म वित्तीय संस्थाएँ कहते हैं।


8. वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ हमारे देश में वे संस्थाएँ जो आर्थिक विकास के लिए काम करती हैं, एवं उद्यम और व्यवसाय के वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करता है ऐसी संस्थाओं को वित्तीय संस्थान कहते हैं।


9. स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तियों का औपचारिक समूह होता है, जो अपनी बचत तथा बैंकों से ऋण लेकर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और विकास गतिविधियाँ चलाकर गाँवों का विकास और महिला सशक्तिकरण में योगदान देते है।


10. R.B.I. के विस्तारित रूप लिखें।

उत्तर ⇒ Reserve Bank of India.


11. राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ क्या हैं ? संग्रहीत बैंकिंग प्रणाली के विभिन्न प्रकारों की विवेचना कीजिए।

उत्तर ⇒ राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ – ऐसी संस्थाएँ जो व्यापार व उद्योग तथा जरूरतमन्द लोगों को वित्त उपलब्ध कराती हैं उन्हें वित्तीय संस्थाएँ कहते हैं । राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ हैं-राष्ट्रीयकृत बैंक, राज्य वित्तं निगम, स्टेट बैंक, सहकारी बैंक, भूमि विकास बैंक, औद्योगिक बैंक इत्यादि ।

संगृहीत बैंकिंग प्रणाली के प्रकार –
(i)व्यापारिक बैंक , (ii)औद्योगिक बैंक , (iii)कृषि बैंक-सहकारी बैंक, भूमिबंधक बैंक , (iv)विनिमय बैंक ,
(v) केन्द्रीय बैंक , (vi)निर्यात-आयात बैंक , (vii)विनियोग बैंक ।


12. स्वयं सहायता समूह की महत्ता किस बात से चलता है ?

उत्तर ⇒ सभी सरकारी, गैर सरकारी बैंक व आर्थिक व सामाजिक संगठन उसकी महत्ता को स्वीकार कर इसके विकास को प्रोत्साहित कर रहे हैं । पीढ़ी-दर-पीढ़ी गरीबी का दंश झेल रहे परिवारों को गरीबी से निजात दिलाने के लिए स्वयं सहायता समूह एक आशा की किरण लेकर आया है।


13. व्यावसायिक बैंक कितने प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करते हैं ? संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर ⇒ व्यावसायिक बैंक चार तरह की जमा राशि स्वीकार करते हैं-

(1)स्थायी जमा – इसके अंतर्गत निश्चित अवधि में ही राशि को निकालने की सुविधा होती है। बैंक ऐसे राशि पर आकर्षक ब्याज भी देती है।
(2) चाल जमा – इस तरह के खाते में रुपया जमा करना एवं निकालने के बीच किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होता है।
(3) संचयी जमा – इस तरह के खाते में रुपया जब चाहे जमा हो जाता है, पर निकालने का अधिकार सीमित होता है।
(4) आवर्ती जमा – इस प्रकार के खाते में ग्राहकों से प्रतिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में ग्रहण करता है जैसे 60 माह या 72 माह के लिए ग्रहण करता है।


14. राज्य की वित्तीय संस्थान को कितने भागों में बाँटा जाता है ? संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर ⇒ मुख्यतः राज्य के वित्तीय संस्थान को तीन भागों में बाँटा जाता है-

(1) सरकारी वित्तीय संस्थाएँ – सरकार द्वारा स्थापित एवं संपोषित वित्तीय संस्थाओं को सरकारी वित्तीय संस्थाएँ कहते हैं।
(2) अर्द्ध सरकारी वित्तीय संस्थाएँ – ऐसी संस्थाएँ सरकार के केन्द्रीय बैंक के निर्देशन में उनके द्वारा स्थापित मापदंडों पर समाज के लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, उसे अर्द्ध सरकारी वित्तीय संस्थाएँ कहते हैं।
(3) सक्ष्म वित्तीय संस्थाएँ – छोटे पैमाने पर जरूरतमंद लोगों को स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से कम ब्याज पर ऋण की व्यवस्था को सूक्ष्म वित्तीय संस्था कहते हैं।


15. भारत में सहकारिता की शुरुआत किस प्रकार हुई? संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर ⇒ ‘पिछली शताब्दी में ही देश ने सहकारिता की जरूरत को समझा तथा ग्रामीण क्षेत्रों हेतु 1904 ई० में सहकारिता साख समिति विधान पारित किया गया। अब गाँव या नगर में कोई दस व्यक्ति मिलकर सहकारी साख समिति की स्थापना कर सकते थे। 1912 ई. के अधिनियम द्वारा 1904 ई० अधिनियम में संसोधन करते हुए सहकारी समितियों की कार्य प्रणाली में सुधार लाया गया। अब अन्य उद्देश्यों के लिए भी सहकारी समितियाँ स्थापित की जा सकती थीं। पुनः इसमें सुधार हेतु 1914 ई० में मैलेगन समिति को नियुक्ति हुई। 1919 ई. में सहकारिता केन्द्रीय दायित्व से मुक्त होकर राज्य के क्षेत्रान्तर्गत आ गयी। 1929 ई. के आर्थिक मंदी से प्रभावित होने के बावजूद 1935 ई. में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के बाद सहकारिता आन्दोलन को बल मिला। आज भी सहकारी बैंक गाँवों में मददगार सिद्ध हो रहे हैं।


16. नाबार्ड क्या है ?

उत्तर ⇒ कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए पूनर्वित्त प्रदान करनेवाली शिखर की संस्था है।


17. दलाल स्ट्रीट किसे कहा जाता है ?

उत्तर ⇒ मुंबई में जिस जगह पर पूँजी बाजार का प्रधान क्षेत्र है, उसे दलाल स्ट्रीट कहते हैं।


18. किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर ⇒ किसानों को अपने उत्पादन एवं उपयोग संबंधी सभी कार्यों के लिए ऋण की आवश्यकता होती है।


19. भारतीय मुद्रा बाजार किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र के लिए अल्पकालीन, मध्यकालीन वित्तीय व्यवस्था एवं प्रबंधन को भारतीय मुद्रा बाजार कहते हैं।


20. राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ क्या हैं ?

उत्तर ⇒ राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ साख नीतियों का निर्धारण एवं निर्देशन के साथ राष्ट्रीय स्तर पर वित्त प्रबंधन के कार्य संपादन करती है।


21. केन्द्रीय बैंक के क्या कार्य हैं ?

उत्तर ⇒ यह देश के शीर्ष बैंकिंग संस्था के रूप में बैकिंग वित्तीय और आर्थिक क्रियाओं का दिशा-निर्देश एवं संचालन में सहयोग करती हैं।


22. नगद साख क्या है ?

उत्तर ⇒ इस व्यवस्था के अंतर्गत बैंक अपने ग्राहकों को ऋण पत्र (Bonds) व्यापारिक मान स्वीकृत प्रतिभूतियों के आधार पर ऋण देती हैं।


23. अधिविकर्ष क्या है ?

उत्तर ⇒ जब कोई भी व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों को उसके खाते में जमा रकम से अधिक रकम निकालने की सुविधा देता है, उसे अधिविकर्ष की सुविधा कहते हैं।


24. स्वयं सहायता समूह किस प्रकार गाँवों के विकास में अपना योगदान देते हैं ?

उत्तर ⇒ यह ग्रामीण क्षेत्र में 15-20 व्यक्तियों का एक समूह है जो बैंकों से लघु ऋण लेकर पारिवारिक जरूरत को पूरा करती है और इस प्रकार गाँव के विकास में सहायता प्रदान करता है।


25. सहकारिता के अंतर्गत कौन-कौन से रोजगार चलाए जाते हैं ?

उत्तर ⇒ सहकारिता के अंतर्गत बिहार में खासकर ग्रामीण स्तर पर धनकुट्टी, अगरबत्ती निर्माण, बीड़ी निर्माण, जूता निर्माण, ईंट निर्माण इत्यादि महत्वपूर्ण रोजगार सहकारिता के सहयोग से चलाई जाती है।


26. आवर्ती जमा क्या है ?

उत्तर ⇒ व्यावसायिक बैंक साधारणतया अपने ग्राहकों से प्रतिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में एक निश्चित अवधि जैसे 60 माह-72 माह के लिए ग्रहणं करती है तथा एक निश्चित रकम देती है, उसे आवर्ती जमा कहते हैं।


27. एजेंसी संबंधी कार्य व्यावसायिक बैंक किस प्रकार सेवा करते हैं ?

उत्तर ⇒ व्यवसायिक बैंक ग्राहकों की एजेंसी जिस रूप में सेवा करती हैं, वे हैं-
(i) चेक ,
(ii) बिल या ड्राफ्ट का संकल ,
(iii) ब्याज तथा लाभांश का वितरण ,
(iv) ब्याज ऋण की किस्त तथा ,
(v) प्रतिमूतियों का क्रय-विक्रय आदि।


28. वित्तीय संस्थाओं के ग्राहक कौन है ?

उत्तर ⇒ वे समस्त व्यक्ति अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान जो विकास के काम में लगे हुए हैं और जो अपने कार्यों के लिए रुपये-पैसों की संस्थागत मांग करते हैं, वे सभी इन वित्तीय संस्थाओं के ग्राहक हैं। अतः आर्थिक विकास के लिए वित्तीय संस्थाओं की सहभागिता आवश्यक है जिसके बिना विकास की क्रिया सम्पन्न नहीं की जा सकती।

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