IIT and NIT Difference
नमस्कार दोस्तों, अगर आप का भी सपना इंजीनियर बनने का है तो आपके लिए आईआईटी और एनआईटी कौन सा बेहतर विकल्प रहेगा। यह जानना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है। आजकल जो है कंपटीशन लेवल बहुत बढ़ गया है। इसीलिए सरकार बहुत से यूनिवर्सिटी और कॉलेज बढ़ाने पर जोर दे रही है। जिसमें आप एडमिशन लेकर एक अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें। और अपने सपने को साकार कर सकें। अधिकतर छात्रों का सपना 12वीं के बाद इंजीनियरिंग कोर्स के लिए बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आपके लिए यह सोचना मुश्किल हो जाता है कि आईआईटी और एनआईटी में क्या अंतर है और इनमें से आप के लिए कौन बेस्ट है। आज हम आपको आईआईटी और एनआईटी के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे आपको अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी सहायता मिल सकती है। तो आइए आगे जानते हैं आईआईटी और एनआईटी में क्या अंतर है!
आईआईटी और एनआईटी में क्या अंतर है?
1 • IIT (आईआईटी) :-
सबसे पहले हम आईआईटी (IIT) के बारे में जान लेते हैं। आप सभी को बता दें कि भारत में वर्तमान में 23 आईआईटी संस्थान है। आईआईटी का पूरा नाम “इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी” है, और इसे हिंदी में हम “भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान” के नाम से भी जानते हैं। भारत में आईआईटी मुख्य शिक्षण संस्थानों में से एक मानी जाती है। आईआईटी के कुछ मुख्य संस्थानों में ग्रेजुएशन लेवल और उससे भी अधिक अच्छी शिक्षा प्रदान करवाई जाती है। आईआईटी में एडमिशन लेने के लिए आपको सबसे पहले ‘एंट्रेंस एग्जाम’ देना अनिवार्य होता है, जो बहुत ही कठिन होता है। आप सभी को बता दें कि आईआईटी का सबसे पहला “भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान” ‘खड़कपुर संस्थान’ है, और इसकी स्थापना सन् 1951 में की गई थी। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आपको आईआईटी में एडमिशन के लिए सबसे पहले क्या करना है। तो आपको सबसे पहले ‘एंट्रेंस एग्जाम’ के लिए अप्लाई करना है। एंट्रेंस एग्जाम में अप्लाई के लिए आपको 12वीं में 60% से उत्तीर्ण होना बहुत जरूरी है। भारत के समस्त आईआईटी संस्थानों में आपको बीएससी पीएचडी, इंजीनियरिंग और बीकॉम जैसे कोर्स कराए जाते हैं। आईआईटी (IIT) संस्थान में ‘अंडर ग्रेजुएट’ कोर्स करने के लिए कुल सीटों की संख्या 16 हजार 234 है।
आईआईटी (IIT) में ऐडमिशन प्रॉसेस :-
अगर आप आईआईटी (IIT) में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम देने के बाद जेईई मेन (JEE Mains) और जेईई एडवांस (JEE Advance) दोनों की परीक्षा क्वालीफाई करना अनिवार्य होता है, तभी आप आईआईटी (IIT) में एक प्रसिद्ध संस्था में एडमिशन ले सकते हैं। आप सभी को बता दें कि जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा कराया जाता है।
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2 • NIT (एनआईटी) :-
अब हम आपको एनआईटी (NIT) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। भारत में वर्तमान में कुल 31 एनआईटी (NIT) संस्थान मौजूद हैं। आप सभी को बता दें कि एनआईटी का पूरा नाम “नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी” है, जिसे हम हिंदी में “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान” के नाम से भी जानते हैं। “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान” को पहले “क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज” के नाम से भी ज्यादा जानते थे। जिसे भारत सरकार ने 2002 में ‘मानव संस्थान विकास मंत्रालय’ द्वारा विकसित करते हुए इसे “नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी” नाम दिया गया। आईआईटी के बाद शिक्षा स्तर को देखते हुए दूसरा नंबर एनआईटी संस्थानों को दिया जाता है। आईआईटी (IIT) के बाद सभी छात्रों की दूसरी पसंद एनआईटी (NIT) हो गई है। एनआईटी (NIT) संस्थान जिसे पहले ‘राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ के नाम से जाना जाता था, सन् 1951 में सबसे पहले स्थापित किया गया था। देखा जाए तो आईआईटी (IIT) का इन्फ्रास्ट्रक्चर एनआईटी (NIT) से बेहतर होता है। वहीं अगर बात सीटों कि की जाए तो एनआईटी (NIT) में अंडर ग्रेजुएट सीटों की संख्या 23 हजार 997 है।
एनआईटी (NIT) में एडमिशन प्रोसेस :-
अगर आप एनआईटी (NIT) में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम देना अनिवार्य है। एंट्रेंस एग्जाम के बाद आपको जेईई मेन की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है। जेईई मेन (JEE Mains) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एनआईटी द्वारा कटऑफ जारी किया जाता है। अगर छात्र कट ऑफ क्वालिफिकेशन में पास हो जाते हैं तो उन्हें एनआईटी कॉलेज में एडमिशन दिया जाता है। जेईई मैन (JEE Mains) कट ऑफ पास करने के बाद ही आप एक अच्छे एनआइटी (NIT) कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं।
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