Wed. Oct 4th, 2023
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1. अयस्क और खनिज में अंतर लिखिए।

उत्तर⇒          

S.N अयस्क खनिज
1. धातुओं के प्राकृत यौगिक रूप को खनिज कहते हैं। अधिकांश धातुएँ हमें यौगिकों के रूप में ही प्राप्त होती हैं, जैसे-ताँबा। हमें पाइराइट या क्यूपराइट से प्राप्त होता है। जिन पदार्थों (खनिजों) से धातु का निष्कर्षण सरल हो उन्हें अयस्क कहते हैं, जैसे-ऐलुमिनियम का अयस्क बॉक्साइट है तो लोहे का हैमेटाइट ।
2. सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं। सभी अयस्क खनिज होते हैं।

2. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होगा? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।

उत्तर⇒ जब जिंक को आयरन (II) सल्फेट के घोल में डाला जाता है तो जिंक आयरन सल्फेट के घोल से आयरन को विस्थापित कर देती है।
Zn+FeSO4 → ZnSO4 + Fe
इस क्रिया को इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है –

Zn(s) → Zn2+ + 2e
Fe2+ (aq) + 2e→ Fe(s)
Fe+ (aq) + Zn (s) → Zn2+ (aq) + Fe(s)
FeSO4 (aq) + Zn (s) – – ZnSO4 (aq) + Fe (s)

लोहा ZnSO4 से जस्ता को विस्थापित नहीं कर सकता ।
Fe+ZnSO4 कोई क्रिया नहीं यह इस कारण हुआ कि लोहा जस्ता की अपेक्षा कम सक्रिय है।


3. ऐनोडीकरण क्या है ?

उत्तर⇒ एनोडीकरण एल्युमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनाने की प्रक्रिया है। वायु के सम्पर्क में आने पर एल्यमिनियम पर ऑक्साइड की पतली परत का निर्माण होता है। एल्युमिनियम ऑक्साइड की परत इसे संक्षारण से बचाती है। इस परत को मोटा करके इसे संक्षारण से अधिक सुरक्षित किया जा सकता है। एनोडीकरण के लिए एल्युमिनियम की एक साफ वस्तु को एनोड बनाकर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ इसका विधुत अपघटन किया जाता है। एनोड पर उत्सर्जित ऑक्सीजन गैस एल्युमिनियम के साथ अभिक्रिया करके ऑक्साइड की एक मोटी परत बनाती है। इस ऑक्साइड की परत को आसानी से रंग कर एल्युमिनियम की आकर्षक वस्तुएँ बनाई जा सकती है।


4. ऐसे धातु का उदाहरण दीजिए जो
(a) कमरे के ताप पर द्रव होता है।
(b) ऊष्मा का सबसे अच्छी चालक होता है।

उत्तर⇒ (a) कमरे के ताप पर पारा द्रव होता है।
(b) ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक चाँदी और ताँबा होता है।


5. (a) संयोजकता से आप क्या समझते हैं?
(b) मैग्नीशियम की संयोजकता लिखें।

उत्तर⇒ (a) संयोजकता (Valency)-किसी तत्त्व के परमाणु के बाह्यतम शेल, अर्थात् संयोजी शेल में वर्तमान इलेक्ट्रॉनों की संख्या संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहलाती है। उदाहरणार्थ, Na11 (2,8, 1) के संयोजी शेल में एक इलेक्ट्रॉन है, अतः इसका संयोजकता इलेक्ट्रॉन 1 है।
(b) मैग्नीशियम की बाह्य कक्षा में 2 इलेक्ट्रॉन है, इसलिए इसकी संयोजकता 2 है।

Class 10th Chemistry


6. (i) क्या होता है, जब धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया करती हैं?
(ii) क्या होता है जब धातुओं का वायु में दहन होता है?

उत्तर⇒ (j) धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया कर अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करती है। CaOजल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया कर बूझे हुए चूने Ca(OH)2 का निर्माण करके अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्सर्जित करती है। यह संयोजन अभिक्रिया है।
(ii) धातुओं को वायु में जलाने पर वे वियोजित होती हैं।
CaCO3 → CaO + CO2

ऊष्मा देने पर कैल्सियम कार्बोनेट, कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में वियोजित हो जाती है। यह प्रमुख वियोजन अभिक्रिया है।


7. एक मिश्रधातु क्या है ? मैग्नेलियम नामक मिश्रधातु के अवयवों के नाम लिखिए। इसके कोई दो उपयोग दीजिए।

उत्तर⇒ यह दो या दो से अधिक धातुओं अथवा तथा अधातु का संभागी मिश्रण है। उदाहरण – पीतल, ताँबा तथा जिंक की मिश्रधातु है, कांसा, ताँबा तथा टिन की मिश्रधातु है।
मैग्नेलियम का संघटन – ऐलुमिनियम (Al) 95%
मैग्नीशियम (Mg)-5%

मैग्नेलियम के उपयोग –

(i) हल्की तथा कठोर होने के कारण यह हवाई जहाज के भाग बनाने में प्रयोग की जाती है।
(ii) यह वाहनों तथा तुलाओं के भाग बनाने में काम आती है


8. लोहे को जंग से बचाने के दो उपाय बताइए। अथवा, आयरन के जंगीकरण को रोकने के लिए दो विधियों का उल्लेख करें।

उत्तर⇒ (a) यशदलेपन इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं के ऊपर जिंक की एक परत चढ़ाई जाती है।
(b) पेंटिंग इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं पर पेंट किया जाता है।


9. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।

उत्तर⇒ वे ऑक्साइड जो अम्ल तथा क्षार दोनों से अभिक्रिया कर लवण प्रदान करते हैं, उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए एल्युमिनियम ऑक्साइड निम्नलिखित तरीके से अम्लों तथा क्षारों के साथ अभिक्रिया करता है
AI2O3+ 6HCl → 2AICl3 +3H2O
AI2O3 + 2NaOH → 2NaAIO2+H2O
 (सोडियम ऐलुमिनेट)
जिंक ऑक्साइड एक अन्य उभयधर्मी ऑक्साइड है।


10. (a) सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के नाम लिखें।
(b) निस्तापन क्या है? निस्तापन के समय होने वाली एक रासायनिक अभिक्रिया को लिखें।

उत्तर⇒ (a) जस्ता तथा लोहा
(b)

                  Δ

ZnCO3  ———→  ZnO + CO2


class 10 science model paper 2022

11. कारण बताइए: (a) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है।
(b) ऐलुमिनियम अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है?
(c) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण की प्रक्रिया में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।

उत्तर⇒ (a) सोडियम एवं पोटैशियम जैसी धातुएँ इतनी अभिक्रियाशील हैं कि खुले में रखने पर तत्काल आग पकड़ लेती है। अर्थात् उन्हें बचाने तथा आग लगने से रोकने के लिए उन्हें किरोसीन तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है।
(b) एल्युमिनियम संक्षारित नहीं होता, साथ ही यह ऊष्मा का सुचालक है।
(c) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी बहुत कम अभिक्रियाशील हैं तथा संक्षारित भी नहीं होते । उनकी चमक भी तेज होती है। इन्हीं कारणों से इनका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(d) किसी धातु को उसके सल्फाइड और कार्बोनेट की अपेक्षा उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना अधिक आसान है। इसलिए अपचयन से पहले धातु सल्फाइड एवं कार्बोनेट को धात ऑक्साइड में बदल लेना चाहिए।


12. निम्न तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें:
(i) Ca           (ii) Cr

उत्तर⇒ (i) Ca का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 2, 8, 1
(ii) Cr का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 2, 8, 8, 6.


13. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए-(i) भाप के साथ लोहा (iii) जल के साथ कैल्सियम।

उत्तर⇒ (i) 3Fe (s) + 4H2O(g) ↔ Fe3O4+ 4H2 ↑
(ii) Ca(s) +2H2O(l) → Ca(OH)2 + H2 ↑


14. ध्वानिक (सोनोरस) किसे कहते हैं ?

उत्तर⇒ कुछ धातुएँ किसी कठोर सतह से टकराकर एक विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करती है जिसे धातुई ध्वनि कहते हैं। इस प्रकार की धातुएँ ध्वानिक (सोनोरस) कहलाती है। जैसे-लोहा, ताँबा आदि।


15. निम्नलिखित मिश्रधातुओं के घटक के साथ उनके उपयोग का उल्लेख करें
(a) स्टील (b) पीतल (c) काँसा

उत्तर⇒ (a) स्टील – (i) लोहा (Fe) – 73%, (ii) निकेल (Ni) = 8%, (ii) क्रोमियम (Cr) = 18% तथा (iv) कार्बन (C) = 1%

उपयोग – मोटर एवं साइकिल के पार्ट्स, रसोई घर के बर्तन, चाकू, छूरी, ब्लेड, कैंची, सर्जिकल उपकरण एवं दुग्ध उद्योगों के लिए उपकरण बनाने में।
(b) पीतल – (i) ताँबा (Cu) = 80% तथा (ii) जस्ता (Zn) = 20%

उपयोग – खाना पकाने के बर्तन, मूर्ति, वाद्य यंत्र, मशीन के पार्ट्स-पूर्जे, तार, वैज्ञानिक उपकुरण, नट-बोल्ट, ताला, कारतूस तथा सिक्का बनाने में।
(c) कासा – (i) ताँबा (Cu) = 88% तथा (ii) टिन (Sn) = 12%

उपयोग – बर्तन. सिक्का . मर्ति. जहाजों के नोदक. पदक (मेडल) बनाने में।


16. सोडियम को किरोसीन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ?

उत्तर⇒ सोडियम सक्रिय धात है जो वाय में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है । यह पानी से क्रिया कर सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। वायु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती है। इसलिए, इसे मिट्टी के तेल में डुबोकर सुरक्षित् रखते हैं।


17. समस्थानिक क्या है ? उदाहरण दें।

उत्तर⇒ किसी तत्त्व के समस्थानिक के रसायनिक गुणधर्म समान होते हैं, वे परमाणु भार; जैसे- 6C12 , 6C14


18. खनिज और अयस्क क्या हैं? लोहे के दो अयस्कों के नाम उनके आणविक सूत्र के साथ लिखें।

उत्तर⇒ खनिज : ऐसे प्राकतिक पदार्थ जिनमें धातुएँ अपने यौगिकों के रूप में होती हैं, खनिज कहलाते हैं। जैसे–फैल्सपार, अभ्रक आदि।
अयस्क : इन खनिजों को जिनसे लाभप्रद ढंग से धातुओं का निष्कर्षण किया जाता है, अयस्क कहलाते हैं। जैसे-हेमेटाइट, बॉक्साइट आदि।
लोहे के दो मुख्य अयस्क के नाम एवं आण्विक सूत्र निम्नलिखित हैं – (i) हेमाटाइट Fe2O3 एवं (ii) आयरन पाइराइट FeS2


19. संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या है ? सोडियम परमाणु में स्थित संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या लिखें।

उत्तर⇒ संयोजी इलेक्ट्रॉन-परमाणु के बाहरी कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या को संयोजी इलेक्ट्रॉन कहते हैं।

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सोडियम परमाणु में स्थित संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 1 है।


20. निम्नलिखित तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें। (i) सोडियम, (ii) कैल्शियम, (iii) क्लोरीन। 

उत्तर⇒

निम्नलिखित तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें


21.(a) सोडियम, मैग्नीशियम एवं ऑक्सीजन  का इलेट्रॉनिक-बिन्दु संरचना बतायें।
(b) डायमंड (हीरा) विधुत का अवचालक होता है, लेकिन ग्रेफाइट सुचालक होता है, क्यों?

उत्तर⇒ (a)

सोडियम, मैग्नीशियम एवं ऑक्सीजन  का इलेट्रॉनिक-बिन्दु संरचना बतायें(b) हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु sp3 संकरित अवस्था में रहता है तथा चार अन्य कार्बन परमाणुओं से एक सहसंयोजक बन्ध द्वारा जुड़ा रहता है, जिससे. एक सुदृढ़ त्रिविम संरचना बनती है। हीरे में कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता है इस कारण हीरा विधुत का अवचालक है।
ग्रेफाइट की संरचना परतों के रूप में होती है तथा प्रत्येक परत में षट्भुजीय वलयों का जाल होता है षट्भुजीय वलय का प्रत्येक कार्बन परमाणु sp2संकरित अवस्था में होता है, इसलिए प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा रहता है अर्थात् इसके तीन इलेक्ट्रॉन आबंधित रहते हैं और चौथा इलेक्ट्रॉन गतिशील रहता है। गतिशील इलेक्ट्रॉन के कारण ग्रेफाइट विद्यत का संचालक होता है।


22. भर्जन और निस्तापन में अंतर लिखें। सल्फाइड अयस्कों के लिए इन दोनों में से किस प्रक्रम का उपयोग होता है, और क्यों?

उत्तर⇒ भर्जन : इस प्रक्रम के दौरान अयस्क को इसके द्रवणांक से कम तापक्रम पर हवा की उपस्थिति में गर्म करते हैं ताकि अयस्क ऑक्सीकृत हो जाए।

निस्तापन : इस प्रक्रम के दौरान अयस्क को इसके द्रवणांक से कम तापक्रम पर हवा की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है ताकि अयस्क से वाष्पशील अशुद्धियाँ दूर हो जाएँ।
सल्फाइड अयस्क के लिए भर्जन प्रक्रम उपयोग में लाया जाता है ताकि इसे ऑक्साइड में ऑक्सीकृत किया जा सके और ऑक्साइड को अवकृत कर धातु प्राप्त किया जा सके।

                           Δ
2ZnS+ 3O2   ——-→    2ZnO + 2SO2 ↑
    जिंक ब्लेड                                 भर्जन    


23. (a) ऐल्युमिनोथर्मिक विधि क्या है?
(b) ऑक्सीजन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 6 है। इसकी संयोजकता ज्ञात करें।

उत्तर⇒ (a) ऐल्युमिनोथर्मिक विधि : इस विधि में धातु के अयस्क को एल्युमीनियम चूर्ण के साथ मैग्नेशियम के फीता एवं बेरियम परऑक्साइड की उपस्थिति में गर्म किया जाता है। यह अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा मुक्त होती है और धातु का अयस्क Al द्वारा धातु में अवकृत हो जाता है।

                        Mg + BaO2
CrO3 + 2Al    ————-→  2Cr + Al2O
                              Δ
(b) अपना अष्टक पूरा करने हेतु ऑक्सीजन परमाणु को दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करना पड़ेगा। अतः, ऑक्सीजन की संयोजकता = 2.


24. सल्फाइड अयस्क के सांद्रण के लिए फेन-उत्प्लावन विधि का संक्षेप में वर्णन करें।

उत्तर⇒ सल्फाइड अयस्कों का सांद्रण करने के लिए उन्हें खूब महीन पीसकर पाइन के तेल मिले जल के साथ मिलाकर हवा के झोके के द्वारा झाग पैदा किया जाता है। शुद्ध अयस्क झाग के साथं ऊपर आ जाता है तथा अशुद्धियाँ नीचे बैठ जाती हैं। यह विधि फेन-उत्प्लावन विधि कहलाती है।


25. आयनिक यौगिकों के स्वनांक उच्च क्यों होता है ?

उत्तर⇒ आयनिक यौगिकों के क्रिस्टल जालक में धनायन एवं ऋणायन एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहते हैं और परस्पर प्रबल अंतरआयानक आकषण बल द्वारा जुड़े होते हैं। अतः बंद संकलित क्रिस्टलीय आकृति को तोड़ने क लिए अति उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है। फलतः आयनिक यौगिकों के गलनांक उच्च होते हैं।


26. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का प्रयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे का मिश्र धातु) का नहीं, इसका कारण बताएँ।

उत्तर⇒ कॉपर, स्टील की अपेक्षा अधिक सुगम ताप का सुचालक है और यह स्टील की अपेक्षा अधिक सस्ता भी होता है । इसलिए ऊर्जा बचाने के लिए गर्म पानी के टैंक को कॉपर से बनाया जाता है।


27. इन पदों की परिभाषा दें (a) खनिज  (b) अयस्क (c) गैंग

उत्तर⇒ (a) खनिज – ऐसे प्राकृतिक पदार्थ जिनमें धातुएँ अपने यौगिकों के रूप में होती हैं, खनिज कहलाते हैं। ये अधिकांश रूप में भूपर्पटी में पाये जाते हैं। कुछ खनिज समुद्री तल में भी पाये जाते हैं। जैसे-NaCl (सोडियम क्लोराइड), फैल्सपार अभ्रक आदि ।

(b) अयस्क-उन खनिजों को जिनसे लाभप्रद ढंग से धातुओं का निष्कर्षण किया जाता है, अयस्क कहलाते हैं। जैसे-हेमेटाइट (Fe2O3) लोहे का अयस्क है। ऐलुमिनियम का अयस्क बॉक्साइट (AI2O3. 2H2O) है।

(c) गैंग-खनन क्रिया द्वारा पृथ्वी से निकाले गये अयस्क में उपस्थित अवांछित पदार्थों को गैंग कहते हैं।


28. धातुकर्म क्या है ? इसके विभिन्न चरणों को लिखें।

उत्तर⇒ धातुकर्म वह विधि है जिसके द्वारा अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण होता है।
अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण निम्नांकित कई चरणों में होता है-
(a) अयस्कों का समृद्धीकरण –अयस्कों से गैंग को हटाने की प्रक्रिया को समृद्धीकरण कहते हैं।
(b) धातुओं का निष्कर्षण – इसके लिए निस्तापन, भर्जन, अपघटन आदि विधि का प्रयोग होता है।
(c) धातुओं का परिष्करण-अशुद्ध धातुओं को विभिन्न विधियों, जैसे-विधुत अपघटनी परिष्करण द्वारा शुद्ध किया जाता है।


29.(i) क्या होता है जब लेड नाइट्रेट के घोल में पोटैशियम आयोडाइड डाला जाता है ?
(ii) यह किस प्रकार की अभिक्रिया है ?
(iii) इस अभिक्रिया को संतुलित समीकरण दें।

उत्तर⇒ (i) जब लैड नाइट्रेट के विलयन में पोटेशियम आयोडाइड मिलाया जाता है तो लैड आयोडाइड का पीला अवक्षेप प्राप्त होता है।
(ii) यह द्वि-विस्थापन अभिक्रिया है।
(iii) Pb(NO3)2 (aq) + 2KI (aq) → PbI2(s) + 2KNO3(aq)


30. (i) अशुद्ध ताँबा के परिष्करण के लिये उपयोग में आने वाले एनोड, कैथोड एवं इलेक्ट्रोलाइट नाम लिखें।
(ii) रेलवे लाइन के Crack को जोड़ने के लिये ऐलमिनियम (AI) का उपयोग किया जाता है-इसे एक समीकरण के द्वारा दर्शाएँ।
(iii) अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण के विभिन्न चरणों (Steps) को फ्लो चार्ट (flow chart) द्वारा दर्शाएँ।

उत्तर⇒ (i) अशुद्ध ताँबा के परिष्करण में अशुद्ध ताँबे का ऐनोड शद्ध ताँबे की छड़ें कैथोड तथा कॉपर सल्फेट का अम्लीय विलयन इलेक्ट्रोलाइट का कार्य करता है।
(ii) रेलवे लाइन के क्रेक (crack) जोड़ने के लिए थर्माइट वेल्डिंग का उपयोग करते हैं जिसमें ऐलुमिनियम एक अपचायक का कार्य करता है। ऊष्माक्षेपा अभिक्रिया होने के कारण आयरन धातु पिघली हुई अवस्था में पाप्त होती है जिसे रेलवे लाइन क्रेक के बीच में डाल देते हैं।
Fe2O3 + 2Al →  Al2O3 + 2Fe + ऊष्मा
(iii)  अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं –

अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं


31. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस उत्सर्जित होती है ? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखें।

उत्तर⇒ किसी तनु अम्ल से क्रिया करने के पश्चात् कोई धातु हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती है। सभी धातुएँ तनु अम्लों से क्रिया नहीं करतीं पर जो धातुएँ यह क्रिया नहीं करती हैं वे अम्ल में हाइड्रोजन को पुनर्स्थापित कर लवण तैयार करती हैं।
Fe + 2HCl → FeCl2+ H2


32. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं ।

उत्तर⇒ हाइड्रोजन को विस्थापित करने वाली धातुएँ-मैग्नीशियम, जिंक । हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं कर सकने वाली धातुएँ-कॉपर, सोना ।


33. आघातवर्घ्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।

उत्तर⇒ आघातवर्ध्य – धातुओं के आघातवर्घ्य होने का अर्थ है कि धातुओं को हथौड़े से पीटकर पतली चादरें बनाई जा सकती हैं।

तन्य – धातुओं के तन्य होने का अर्थ है कि धातुओं को खींचकर तार बनाए जा सकते हैं।


34. आपने ताँबा के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। ये खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी है ?

उत्तर⇒ ताँबा ऑक्साइड अम्लों से अभिक्रिया करता है, किन्तु ताँबा स्वयं अभिक्रिया नहीं करता। अतः, ताँबे को अम्लीय पदार्थों द्वारा साफ किया जा सकता है । ये ताँबे के संक्षारित हिस्सों (कॉपर ऑक्साइड) को अलग कर देता है तथा शुद्ध ताँबा बचा रह जाता है।


35. जिंक मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइड को निम्नांकित धातुओं के साथ गर्म किया गया।
जिंक, ऑक्साइड, मैग्नीशियम ऑक्साइड एवं कॉपर ऑक्साइड, किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी ?

उत्तर⇒ केवल जिंक ऑक्साइड, मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया देगी। मैग्नीशियम ऑक्साइड विस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकता परंतु कॉपर ऑक्साइड, जिंक तथा मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया करेगा।


36. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखें-
(i) भाप के साथ आयरन
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम

उत्तर⇒ (i) 3Fe (s) + 4H2O(g)  ⇌  Fe3O4+ 4H2
(ii) (a) Ca(s) + 2H2O (l) → Ca(OH)2 + H2
(b) 2K 2H2O (g) → 2KOH (aq) H2 ↑


37. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं ?

उत्तर⇒ अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं अम्लीय और उदासीन ।
(i) अम्लीय ऑक्साइड – अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं, जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं।
(a) C + O2 → CO2
CO2+H2O → H2CO3 (कार्बोनिक अम्ल)
(b) S+ O2 → SO2
SO2 + H2O  → H2SO3

(ii) उदासीन ऑक्साइड कुछ अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं। इन पर लिटमस पेपर का कोई प्रभाव नहीं होता है। जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड (CO),पानी (H2O) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उदासीन ऑक्साइड हैं।


38. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है । यह तत्त्व क्या हो सकता है ?
(a) कैल्सियम (b) कार्बन (c) सिलिकॉन (d) लोहा

उत्तर⇒ कैल्सियम, ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर कैल्सियम ऑक्साइड बनाता है जो एक आयनिक यौगिक है, इसका गलनांक उच्च होता है । यह जल के साथ अभिक्रिया करने पर कैल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाता है।

                                  Δ
2Ca (s) + O2(g)  —————→ 2Ca2+ + O2- (कैल्सियम ऑक्साइड)
CaO + H2O → Ca(OH)2 (कैल्सियम हाइड्रोक्साइड)

इसके विपरीत कार्बन का ऑक्साइड, यौगिक, कार्बन डाइऑक्साइड (गैस) होता है। सिलिकॉन का ऑक्साइड सिलिकॉन डाइऑक्साइड होता है (पानी में घुलनशील नहीं होता) एवं लोहे का ऑक्साइड आयरन ऑक्साइड होता है जो पानी में नहीं घुलता, इसलिए (b), (c) और (d) गलत हैं।


39. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है –
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों को कैसे अलग करसकते हैं ?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।

उत्तर⇒ (a) दिए गए चित्र के अनुरूप हम एक परिपथ बनाएँगे।

Class 10th Chemistry

यदि नमूने को विधुत परिपथ में लगाने पर स्विच ऑन करने पर बल्ब बल्ब जलता है, तो दिया गया नमूना एक धातु हैं।
(b) यह विधि धातु एवं अधातु की जाँच के लिए बहुत ही उपयोगी है, किन्तु ग्रेफाइट एक अपवाद है क्योंकि यह अधातु होते  हुए भी विधुत का चालक है।


40. खाद्य पदार्थों के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है, क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है।
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।

उत्तर⇒ टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील होता है तथा खाने में पाए जाने वाले जैविक तत्त्वों के समान अभिक्रिया कर सकता है । इसके विपरीत टान इस प्रकार की अभिक्रिया नहीं करता इसलिए खाद्य पदार्थों को टिन में रखा जा सकता है परंतु जिंक में नहीं। इसलिए (c) सही है ।


41. (a) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम का इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखें।
(b) इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण द्वारा Na2O एवं MgO की रचना को दर्शाएं।
(c) इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं ?

उत्तर⇒ (a) सोडियम – Na ऑक्सीजन- O मैग्नीशियम – Mg :

सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम का इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखें

(c) Na2O यौगिक में Na+ आयन तथा O2- आयन है।
Mgo यौगिक में Mg2+ आयन तथा O2- आयन है।


42. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है ?

उत्तर⇒ सक्रियता श्रेणी में निम्नस्थ धातु ऑक्साइडों को केवल गर्म करके संगत धातुओं में अपचित करते हैं।
2HgS (s) +3O2 (g) → 2HgO (s) + 2SO2 (g)
2HgO (s) → 2Hg(l) + O2 (g)
सक्रियता श्रेणी के मध्य में स्थित धातुओं के ऑक्साइडों को कार्बन के साथ गर्म करके संगत धातुओं में अपचित करते हैं।
Zno(s)+C(s) → Zn (s) + CO(g) इसे अपचयी क्रिया कहते हैं।


43. निम्नलिखित में से कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है?
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमीनियम धातु
(c) Feso4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3  विलयन एवं कॉपर धातु

उत्तर⇒ सिल्वर धातु से अधिक क्रियाशील होने के कारण, कॉपर धातु AgNO3 विलियन में से सिल्वर को अलग (विस्थापित) करने की क्षमता रखता है। इसलिए सही उत्तर (d) है।
AgNO3 (aq) + Cu (s) → CuNO3 (aq) + Ag(s) अन्य सभी धातुएँ दिए गए विलयन में उपस्थित धातु से कम अभिक्रियाशील हैं। इसलिए (a), (b) एवं (c) गलत हैं।


44. लोहे के फ्राइंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्नांकित में से कौन-सी विधि उपयुक्त है ?
(a) ग्रीज लगाकर                  (b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर    (d) इनमें से सभी।

उत्तर⇒ ऊपर दिए गए सभी तरीके लोहे को जंग से बचाने में सक्षम हैं। परंतु (a) और (b) विधि फ्राई पैन के लोहे के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि ग्रीज और पेंट दोनों ही तत्त्व हैं जो गर्म करने पर जल जाते हैं। इसलिए, विधि (c) का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि जिंक लोहे से अधिक अभिक्रियाशील है, इसलिए यह लोहे को जंग नहीं लगने देता । क्योंकि जिंक का गलनांक लोहे से कम होता है और यह उच्च तापमान को सहन कर सकता है, इसलिए इसका प्रयोग फ्राई पैन में लोहे को जंग से बचाने के लिए किया जा सकता है। अतः, विधिं (d) सही एवं उपयुक्त विधि है।


45. गैल्वनीकरण किसे कहते हैं ?

उत्तर⇒ लोहे की बनी वस्तुओं को पिघले हुए जिंक में डुबो देने से या विद्यत विधि द्वारा लोहे पर एक बारीक जिंक की परत चढ़ाने की प्रक्रिया गैल्वनीकरण कहलाती है।


46. एक वात्याभट्टी की उत्पादन क्षमता कितनी होती है ?

उत्तर⇒ एक वात्याभट्टी (Blast Furnace) में प्रतिदिन 3000 से 4000 टन तक लोहा उत्पन्न किया जा सकता है। एक बार प्रारंभ होने के बाद वात्याभट्टी लगातार 5 वर्ष तक चलती रहती है।


47. धातु किसे कहते हैं ?

उत्तर⇒ आवर्त सारणी के बायीं तरफ तथा मध्य में रखे जाने वाले तत्त्व धातु कहलाते हैं, जिनमें धात्विक चमक होती है। वे प्रायः तन्य, आघातवर्ध्य, विधुत् और ऊष्मा की सुचालक, दृढ़ और अधिक घनत्व वाली होती हैं । इनके ऑक्साइड क्षारीय प्रकृति के होते हैं । लोहा, सोना, चाँदी, ताँबा, प्लैटिनम आदि धातुओं के उदाहरण हैं।


48. 24 कैरेट सोना क्या है?

उत्तर⇒ शुद्ध सोने को 24 कैरेट कहते हैं तथा ये काफी नर्म होता है। इसलिए आभूषण बनाने के लिए ये उपयुक्त नहीं होता है। इसे कठोर बनाने के लिए चाँदी या कॉपर के साथ मिलाया जाता है। हमारे देश में प्रायः आभूषण बनाने के लिए 22 कैरट सोने का उपयोग होता है। इसका मतलब है कि 22 भाग शुद्ध सोने में 2 भाग कॉपर या चाँदी मिश्रित किया जाता है।


49. एक्वारीजिया क्या होता है ? विवरण दें।

उत्तर⇒ एएक्वारीजिया, 3 : 1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सांद्र नाइट्रिक अम्ल का मिश्रण है। यह सोने को गला सकता है जबकि दोनों में से किसी अम्ल में अकेले यह क्षमता नहीं है।
एक्वारीजिया (रॉयल जल का लैटिन शब्द) भभकता द्रव होने के साथ तेज संक्षारक है। यह प्लैटिनम को गलाने में भी सक्षम है।


50. धातुओं के अम्लीय एवं भस्मीय स्वभाव पर टिप्पणी लिखें।

उत्तर⇒ धातु ऑक्साइड का स्वभाव अम्लीय होता है, लेकिन ऐलुमिनियम ऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड जैसे कुछ धातु ऑक्साइड अम्लीय तथा भस्मीय दोनों स्वभाव प्रदर्शित करते हैं।


51. कॉपर को वायु में खुला छोड़ने पर वह हरे रंग का हो जाता है। क्यों?

उत्तर⇒ कॉपर वायु में उपस्थित आर्द्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है। जिससे इसकी सतह से भूरे रंग की चमक धीरे-धीरे खत्म हो जाती है तथा इस पर हरे रंग की चमक चढ़ जाती है । यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट होता है।


52. कच्चा आयरन एवं इस्पात में क्या-क्या भिन्नताएँ होती हैं ?

उत्तर⇒ ढलवां लोहा में कार्बन की प्रतिशत मात्रा 2 से 4.5% होती है जबकि इस्पात में यह 0.25% से 2% तक होती है । ढलवाँ लोहा भंगुर होता है और उसकी वैल्डिंग नहीं हो सकती, पर इस्पात आघातवर्घ्य तथा भंगुर है, उसकी वैल्डिंग भी की जा सकती है।


53. धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया पर प्रकाश डालें।

उत्तर⇒ जल के साथ अभिक्रिया करके धातु, हाइड्रोजन गैस तथा धातु : ऑक्साइड उत्पन्न करता है। जल में विलयशील है धातु ऑक्साइड इसमें और घुलकर धातु हाइड्रोक्साइड प्रदान करता है। लेकिन सभी धातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते।


54. जंग क्या होता है ? इसके रासायनिक सूत्र के बारे में बताएँ।

उत्तर⇒ लोहे की बनी वस्तुओं को वायु में खुला छोड़ देने से उन पर हाइड्रोक्साइड एवं हाइड्राइड की परत जम जाने को जंग लगना कहते हैं। यह लाल-भूरे रंग की खुरदरी परत होती है। इससे लोहे का क्षय होता है। इसका रासायनिक सूत्र है – Fe2O3 x H2O I


55. कार्बन एवं उसके अपरूप के बारे में बताएँ।

उत्तर⇒ कार्बन ऐसा धातु है जो विभिन्न रूपों में रह सकता है। इसके प्रत्येक रूप को अपरूप कहते हैं। हीरा कार्बन का एक अपरूप है। यह सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ है और इसका द्रवणांक एवं क्वथनांक बहुत अधिक है। कार्बन का एक अन्य अपरूप ग्रेफाइट विधुत् का सुचालक है।


56. हाइड्रोजन गैस के भौतिक गुण लिखिए।

उत्तर⇒ हाइड्रोजन गैस के भौतिक गण –
(i) यह रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन गैस है।
(ii) पानी में यह बहुत कम घुलनशील है। यह 100 cm’ पानी में लगभग 2 cm3 घुलती है।
(iii) यह अति ज्वलनशील गैस है।
(iv) यह वायु से बहुत हल्की होती है।
(v) यह लिटमस-पत्र के प्रति उदासीन रहती है।


57. एल्युमिनियम तथा लोहा जल के साथ किस प्रकार अभिक्रिया करते हैं ?

उत्तर⇒ एल्युमिनियम तथा लोहा जैसे धातु न तो ठंडे जल के साथ और न ही गर्म जल के साथ अभिक्रिया करते हैं, परंतु भाप के साथ अभिक्रिया करके यह धातु ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन प्रदान करते हैं।
2AI (s) +3H2O (g)- Al2O3(s) +3H2 (g)
3Fe (s) +3H2O (g) → Fe2O4 (s) +3H2 (g)


58. सल्फर प्रकृति में किस अवस्था में मिलता है ? उसके खनिजों के नाम लिखिए।

उत्तर⇒ सल्फर प्रकृति में मुक्त एवं संयुक्त दोनों अवस्थाओं में मिलता है। प्राकृतिक सल्फर के बड़े-बड़े भंडार पाए जाते हैं । यौगिकों के रूप में भी यह प्राप्त होता है।
सल्फर के खनिज हैं- (i) सिनेबार (HgS) (ii) जिंक ब्लैंड (ZnS) (iii) कॉपर पाइराइट (CuFeS,)।


59. कांस्य तथा डयूरेलियम में पाई जानेवाली धातुओं को लिखें। इन मिश्र धातुओं के उपयोग को बताएँ।

उत्तर⇒ ब्रांज (कांस्य) – इसमें 90% कॉपर तथा 10% टिन होता है। यह मूर्तियाँ, तगमे, सिक्के तथा भोजन पकाने वाले बर्तन बनाने में काम आता है ।

ड्यूरेलियम – इसमें 95% ऐलुमिनियम, 4% कॉपर, 0.5% मैग्नीशियम तथा 0.5% मैंगनीज होता है। यह हवाई जहाज के भाग, अंतरिक्ष उपग्रह तथा रसोई के बर्तन बनाने में काम आता है।


60. दैनिक जीवन में धातुएं किन-किन रूपों में प्रयोग होती हैं ? उदाहरण सहित लिखें।

उत्तर⇒ (i) शुद्ध धातु सोना, चांदी, तांबा तथा ऐलुमिनियम शुद्ध धातुएँ हैं ।

(ii) मिश्र धातु-एक धातु का दूसरी धातु अथवा अधातु के साथ मिश्रण, “मिश्र धातु” कहलाता है। तांबा, कांसा, बैल मैटल तथा जिस्त की मिश्र धातु है ।

(iii) यौगिक बहुत-सी धातुओं के यौगिक दैनिक जीवन में प्रयोग होते हैं। कॉपर सल्फेट (CuSO4), सोडियम बाइ-कार्बोनेट (NaHCO3), सोडियम क्लोराइड (NaCl) इत्यादि । यौगिक मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में काम आते हैं।


61. भर्जन क्रिया क्या है ? इसका उपयोग कब किया जाता है ?

उत्तर⇒ सांद्रण के पश्चात् अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म करना भर्जन प्रक्रिया (roasting) कहलाता है। कुछ धातुओं को उनके सल्फाइडों या कार्बोनेट को उनके ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है क्योंकि ऑक्साइडों से धातु निष्कर्षण सरल होता है। जिंक तथा सीसा के सल्फाइडों तथा कार्बोनेटों को उनके ऑक्साइड में बदलने के लिए भर्जन प्रक्रिया प्रयुक्त की जाती है ।

                             Δ
2ZnS + 3O2  ———-→  2ZnO + 2SO2


62. सल्फर के उपयोगों का वर्णन करें।

उत्तर⇒ सल्फर के उपयोग निम्नलिखित हैं-
(i) सल्फर से सल्फ्यूरिक अम्ल बनाया जाता है जिसे अम्लों का सम्राट् कहते हैं।
(ii) इसके उपयोग से त्वचा क्रीम, एंटीसेप्टिक फंगसनाशी बनाए जाते हैं।
(iii) इसका उपयोग बारूद एवं आतिशबाजी में किया जाता है।
(iV) प्राकृतिक रबड़ के गुणों में वृद्धि के लिए अर्थात् रबड़ के वल्कनीकरण में इसका उपयोग किया जाता है।


63. एल्युमिनियम के दो प्रमुख अयस्कों के नाम व सूत्र लिखिए। ऐलुमिनियम से बनी मिश्र धातु के नाम लिखिए।

उत्तर⇒ एल्युमिनियम के अयस्क –

(i) बॉक्साइट Al2O3 .2H2(ii) क्रायोलाइट Na3AIF6
एल्युमिनियम से बनी मिश्र धातुएँ –

(i) ड्यूरेलियम, जिसका प्रयोग वायुयान तथा रसोई के समान बनाने में कियाजाता है।
(ii) मैग्नेलियम, जिसका प्रयोग मशीनों के भाग तथा तुलाओं की भुजाएं बनानेमें किया जाता है।


64. एल्युमिनियम के उपयोग बताएँ।

उत्तर⇒ एल्युमिनियम के उपयोग –
(i) एल्युमिनियम हल्की धात होने के कारण, हवाई जहाजों की बॉडी आरमोटर इंजन बनाने के काम आती है।
(ii) यह बर्तन, फोटोफ्रेम तथा घरेलू उपयोग की ओर अनेक वस्तुएँ बनाने में काम आती है।
(iii) यह बिजली का सुचालक है, इसलिए आजकल बिजली के स्थानांतरण के लिए इनका प्रयोग किया जाता है ।
(iv) एल्युमिनियम की बारीक परतों को खाने का सामान, दवाइयाँ, दूध कीबोतलें आदि पैक करने में प्रयुक्त की जाती हैं।
(iv) एल्युमिनियम पाउडर सिल्वर पेंट बनाने के काम आता है ।


65. वात्याभट्टी में चूना-पत्थर क्यों डालते हैं ?

उत्तर⇒ लोहे अयस्क में आवश्यक रूप से मिलावट के रूप में रेत विद्यमान होती है। इसे दूर करने तथा निष्कर्षण के लिए CO2 प्रदान करना चूने के पत्थर का कार्य होता है।
जब चूना-पत्थर भट्ठी में डाला जाता है तो वह कैल्सियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है।

                    Δ
CaCO ———–→   CaO + CO2


66. हवाई जहाजों का ढाँचा ऐलुमिनियम के मिश्र धातुओं से क्यों बनाया जाता है ? वर्णन करें।

उत्तर⇒ हवाई जहाज का ढांचा एल्युमिनियम के मिश्र धातुओं डुरेलिमिन और मैग्लिनियम से निम्नलिखित कारणों से बनाया जाता है-
(i) ये अति हल्की मिश्र धातु है जिसका आपेक्षिक घनत्व बहुत कम है।
(ii) सुचालक होने के कारण विधुत् प्रेषण तारें इनसे बनाई जा सकती हैं।
(iii) इन पर जंग नहीं लगता।।
(iv) इन मिश्र धातुओं की कठोरता बहुत अधिक होती है।
(v) ये रसायनों के प्रति बहुत क्रियाशील नहीं है।


67. विधुत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर⇒ कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चाँदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विधुत् अपघटन द्वारा किया जाता है । इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण विलयन का उपयोग विधुत्-अपघट्य के रूप में होता है। विधुत-अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध धातु विधुत्-अपघट्य में घुल जाता है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विधुत्-अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।


68. आप ताँबे को कैसे शोधन करेंगे ? इसका वर्णन करें।

उत्तर⇒ अशुद्ध कॉपर को (+) एनोड बनाया जाता है जबकि शुद्ध कॉपर की पतली चादर को कथाड स जाड़ा जाता है । कोपर कथाड से जोडा जाता है। कॉपर अशुद्ध तांबे की छड सल्फेट जिसमें कुछ तनु H2SO4 को विधुत् अपघट्य के रूप में प्रयोग किया जाता है जैसा कि कॉपर सल्फेट शुद्ध तांबे की छड़ चित्र में दर्शाया गया है।

आप ताँबे को कैसे शोधन करेंगे

विधुत अपघट्य में से विधुत-धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर कैथोड पर जमा होना आरंभ करता है और अशुद्धियाँ एनोड पर एनोड मड (गारा) के रूप में इकट्ठी हो जाती है।

Class 10th Chemistry

शुद्ध कॉपर धातु कैथोड पर प्राप्त होता है।


69. वल्कनीकरण किसे कहते हैं ? इस प्रक्रिया में रबड़ में क्या परिवर्तन आते हैं ?

उत्तर⇒ सल्फर को प्राकृतिक रबड़ के साथ मिश्रित करने की प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं । जब प्राकृतिक रबड़ को सल्फर से मिलाकर गर्म करते हैं तो रबड अधिक कठोर तथा कम लचकदार हो जाता है। रबड एक बहलक है जिसमें एक ही तल में अणुओं की एक लंबी श्रृंखला होती है जिसके कारण रबड को खींचा जा सकता है परंतु सल्फर मिलाने से उसका लचीलापन समाप्त हो जाता है, क्योंकि सल्फर रबड़ की श्रृंखला के समान अणुओं के मध्य आड़े बंध बनाता है। सल्फर कार्बन परमाणुओं के घूर्णन में भी बाधा डालती है।


70. Alloys स्टील क्या है ? किन्हीं दो Alloy स्टील के नाम वर्णन सहित लिखें।

उत्तर⇒ लोहे के साथ अन्य धातुओं और अधातुओं को मिलाकर प्राप्त की जाने वाली मिश्रधातु स्टील कहलाती है।

दो Alloy स्टील के नाम-
(i) कार्बन स्टील-लोहे और कार्बन का मिश्र धातु कार्बन स्टील कहलाता है जिसमें कार्बन की मात्रा 0.5% से 1.5% तक होती है। कार्बन के अतिरिक्त सिलिकॉन, गन्धक, फॉस्फोरस तथा मैंगनीज भी होती है। कार्बन स्टील पेच, कील, गाड़ी की पटरियाँ, गार्डर तथा मशीनें बनाने में काम आता है । समुद्री जहाज, इमारतें तथा वाहन भी इसी से बनते हैं।

(ii) स्टेनलेस स्टील- जिसमें क्रोमियम, निकल, ताँबा, टंगस्टन या वेनडेनियम को मिलाया जाता है उसे स्टेनलेस स्टील कहते हैं। इसमें क्रोमियम 18% तथा निकल 8% होता है। यह डेयरी उद्योग अस्पतालों तथा बर्तन तैयार करने में काम आता है।


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Science Subjective Question
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