लघु उतरिये प्रश्न |
प्रश्न 1. लक्ष्मी ने अपने पुत्र को किस कार्य के लिए भेज दिया था ?
उत्तर ⇒ लक्ष्मी ने अपने बड़े लड़के को बाँध की निगरानी के लिए भेज दिया था। वह अपने साथियों के साथ रातभर बाँध की निगरानी करेगा, कमजोर स्थानों पर रेत की बोरियाँ डालेगा, पत्थर ढोयेगा और बाँध की रक्षा करेगा।
प्रश्न 2. महानन्दा का पानी कहाँ ठहर जाता है ?
उत्तर ⇒ महानन्दा का पानी जोब्रा आनिकट में ठहर जाता है।
प्रश्न 3. देवी-देवताओं पर से विश्वास कब टूटता है ?
उत्तर ⇒ घोर विपत्ति में भी सहारा न मिलने पर देवी-देवताओं पर से विश्वास टूटता है।
प्रश्न 4. लक्ष्मी क्यों पिछड़ गई ?
उत्तर ⇒ लक्ष्मी के साथ दो छोटी बच्चियाँ, गोद में बच्चा और माथे पर चिउड़ा वर्तन और कपड़े भरे बोरी थी। अतः वह पिछड़ गई।
प्रश्न 5. विपत्ति अकेले न आकर संगी-साथियों के साथ आती है, कहानी के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ कहानी में उल्लिखित उपर्युक्त उक्ति सत्य है । तूफान के बाद सूखा और उसके बाद बाढ़ का प्रकोप ही सिद्ध करता है कि विपत्ति अकेले नहीं आकर संगी-साथियों के साथ आती है।
दीर्घ उतरिये प्रश्न |
प्रश्न 1. लक्ष्मी कौन थी ? उसकी पारिवारिक परिस्थिति का चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर ⇒ लक्ष्मी एक दीन महिला थी जिसके पति कलकत्ता में रहकर नौकरी करता था। वह जो पैसा भेजता था, उससे बच्चों के साथ लक्ष्मी का भरण-पोषण संभव नहीं था। उसके पास मात्र एक बीघा भूखंड था । प्रकृति के प्रकोप के कारण उसमें हल चलवाने के पैसे भी बेकार जाते थे । अतः तहसीलदार के यहाँ काम-काज करके वह जीविका चलाती थी। उसका बड़ा बेटा अच्युत दो बेटियाँ तथा एक नन्हा मुन्ना और अपने स्वयं का भरण-पोषण की सारी जिम्मेवारी उसी पर थी। अतः उसकी पारिवारिक स्थिति दयनीय थी।
प्रश्न 2. सातकोड़ी होता ने अपनी कहानी का शीर्षक ‘ढहते विश्वास’ क्यों रखा ?
अथवा, क्या ‘ढहते विश्वास’ कहानी के शीर्षक सार्थक है ? विचार करें।
उत्तर ⇒ घटित घटना के आधार पर ही सिद्धहस्त लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘ढहते विश्वास’ रखा है। भयंकर बाढ़ के समय लोग बड़ी आशा और उम्मीद से माँ मुंडेश्वरी की शरणागत हुए, जहाँ चैत की संक्रान्ति में देवी की पूजा होती थी, बलि दी जाती थी। पर आज भगवान, शिव और माँ मुंडेश्वरी कोई सहायता नहीं कर सके। अब लोगों को किसी पर भरोसा नहीं रह गया। देवी-देवताओं पर से विश्वास उठने लगा है। अतः कहानी का शीर्षक सटीक और सत्य है।
प्रश्न 3. कहानी में आये बाढ़ के दृश्यों का चित्रण अपने शब्दों में प्रस्तुत करें।
उत्तर ⇒ दलेई बाँध पर काफी श्रम करके भी लोग सफल न हो सके और बाँध टूट ही गया। सूचना मिलते ही लोग टीले की ओर दौड़ पड़े पर पानी का बहाव तेज था। कुछ लोग रास्ते में बह गया। स्कूल भी पानी से भर गया। घुटने भर पानी में लोग छत पर खड़े रहे पर कमरे वालों की क्या गति हुई यह किसी को मालम नहीं। लक्ष्मी आदि कुछ लोग वृक्ष की जटा और डाल पकड़ कर लटक गए। चण्डेश्वरी चबूतरा भी पानी से भर गया। लोग अफरा-तफरी में जान बचाने को आकुल-व्याकुल थे पर कोई देव-शक्ति उन्हें रक्षा नहीं कर सकी। इस विभीषिका में गाँव का विनाश हो गया।
प्रश्न 4. ‘ढहते विश्वास’ कहानी की लक्ष्मी का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा, लक्ष्मी के व्यक्तित्व पर विचार करें।
उत्तर ⇒ लक्ष्मी इस कहानी का प्रमुख पात्र है। उसके व्यक्तित्व में कूट-कूटकर दृढ़ता और साहस भरा है। गाँव में मात्र एक बीघा उसकी भू-खंड है, पर पूर्व अनुभव के आधार पर न उसने घर छोड़ी और न गाँव । अच्युत को भी समाज रक्षा में लगा दिया। उसके हृदय में मातृत्व की जलधार बहती है। अच्युत के लिए तो उसने विलम्ब किया ही मूर्छा से जागने पर एक मुर्दे बच्चे को छाती से भींच लेती है। इस प्रकार लक्ष्मी के व्यक्तित्व में नारी सुलभ मातृत्व के साथ-साथ दृढ़ता और साहस का अच्छा मिश्रण है।
प्रश्न 5. कहानी के आधार पर प्रमाणित करें कि उड़ीसा का जन-जीवन बाढ़ और सूखा से काफी प्रभावित रहा है।
उत्तर ⇒ उड़ीसा के जन-जीवन का सफल चितेरा सातकोड़ी होता ने अपनी इस कहानी में उड़ीसा की बाढ़ और सूखा का प्रत्यक्ष प्रतिबिम्ब प्रस्तुत किया है । तूफान के बाद सूखा और उसके बाद बाढ़ वहाँ के जनजीवन को अस्त-व्यस्त करके हर समय बेसहारा बना देता है। महानदी का हीराकुंड बाँध और अयाति द्वारा निर्मित पत्थर का बाँध भी उनकी रक्षा नहीं कर पाते । सूखे में विचड़े तक सूख जाते हैं और बाढ़ में असंख्य धन-जन की हानि होती रहती है।
S.N | वर्णिका भाग 2 Subjective Question Answer |
1. | दही वाली मंगम्मा |
2. | ढहते विश्वास |
3. | माँ – कहानी |
4. | नगर कहानी |
5. | धरती कब तक घूमेगी |