Class 10th Sanskrit Subjective Question

कक्षा 10 संस्कृत पाठ-5. भारतमहिमा Subjective Question 2023 || Class 10th Sanskrit Bharat Mahima ka Subjective Question Answer Pdf Download

कक्षा 10 संस्कृत पाठ-5 भारतमहिमा Subjective Question 2023

1. ‘भारतमहिमा’ पाठ में किन-किन पुराणों से पद्य संकलित है ?

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उत्तर ⇒ भारतमहिमा पाठ में विष्णु एवं भागवत पुराणों से पद संकलित हैं।


2. भारतीय लोगों की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता क्या हैं ?

उत्तर ⇒ भारत में जन्म लेकर लोग धन्य होते हैं और हरि की सेवा करते हैं। उन्हें स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता है। भारतीय धर्म और जाति के भेदभावों को न मानते हुए एकता के भाव से रहते हैं। सभी भारतीयों की देशभक्ति आकर्षक है और दूसरों के लिए आदर्श रूपी है।


3. हमारी मातृभूमि कैसी है ?
अथवा, भारत महिमा के अनुसार बतायें कि हमारी मातृभूमि कैसी है ?
अथवा, भारत भूमि कैसी है तथा यहाँ किस प्रकार के लोग रहते हैं ?

उत्तर ⇒ भारतवर्ष अति प्रसिद्ध देश है तथा यहाँ की भूमि सदैव पवित्र और ममतामयी है। यहाँ विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग एकता भाव को धारण करते हुए निवास करते हैं।

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4. सभी जनों की देशभक्ति कैसी होनी चाहिए ?

उत्तर ⇒ सभी जनों की देशभक्ति आकर्षक और दसरों के लिए आदर्श रूप होनी चाहिए जिससे दूसरे लोग उनसे प्रेरणा ले सके। सबों को मन-वचन-कम स निष्ठापूर्वक देश की सेवा करनी चाहिए।


5. ‘भारतमहिमा’ पाठ के आधार पर भारतीय मल्यों की विशष क आधार पर भारतीय मल्यों की विशेषता पर प्रकाश डालें।

उत्तर ⇒ भारत भूमि स्वर्ग तुल्य है, जहाँ देवगण भी जन्म लेना पुन्य मानते है । विविधता में एकता भारतीय मूल्यों की प्रमुख विशेषता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक समदर्शिता का भाव है। यहाँ के निवासी धर्म-जाति के भेदों को भुलाकर एकत्व भाव में रहते हैं। विविध पर्व-त्योहार हमे एक सूत्र में पिरोते है। अतिथि सत्कार व वसुधा को ही परिवार मानना इसका आदर्श है।


6. देवगण भारत के गीत क्यों गाते हैं ? पठित-पाठ के आधार पर उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखें।

उत्तर ⇒ देवगण भारत देश का गुणगान करते हैं। क्योंकि, भारतीय भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करने का साधन है। मनुष्य भारत भूमि पर जन्म लेकर भगवान हरि की सेवा के योग्य बन जाते हैं।


7. भारत महिमा पाठ के आधार पर भारत की विशेषताओं का वर्णन करें।
अथवा, ‘भारत महिमा’ पाठ का सारांश प्रस्तुत करें।
अथवा, भारत-महिमा का वर्णन पठित पाठ के आधार पर करें।

उत्तर ⇒ भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य स्वर्ग-सा है। यह देवताओं, ऋषियों एवं महापुरुषों की अवतरण भूमि है। इसकी महिमा का वर्णन विष्णुपुराण एवं भागवतपुराण में देखने को मिलता है। भारतभूमि पर अवतरित होनेवाला मनुष्य निश्चय ही धन्य है । हमारी भारत भूमि विशाल, रम्यरूपा और कल्याणप्रद है। अत्यन्त शोभनीय और संसार का गौरव भारत हम सबों के द्वारा सदैव पूजनीय है। यहाँ धर्म, जाति के भेदों को भूलकर एकता एवं सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया जाता है । हम भारतीय सदैव कहते हैं-वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात् सम्पूर्ण पृथ्वी ही हमारा परिवार है।


8. ‘भारतमहिमा’ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ? पाँच वाक्यों में उत्तर दें।
अथवा, भारतमहिमा पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?

उत्तर ⇒ भारतमहिमा पाठ से यह संदेश मिलता है कि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए। हम भारतीयों को हरि की सेवा करने का मौका मिला है, और मोक्ष की प्राप्ति का भी अवसर मिला है। हमें देशभक्त होना चाहिए और अन्य भारतीयों से मिल-जुलकर रहना चाहिए।


9. देवता लोग किस देश का गुणगान करते हैं और क्यों ?

उत्तर ⇒ देवता लोग भारत देश का गुणगान करते हैं, क्योंकि भारतीय भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करने का साधन है। मनुष्य भारत भूमि पर जन्म लेकर भगवान हरि की सेवा के योग्य बन जाते हैं। हार का सपा पा पा | जाए ।


10. भारतमहिमा पाठ का क्या उद्देश्य है ?

उत्तर ⇒ भारतमहिमा पाठ में पौराणिक और आधुनिक पद्य संकलित हैं, इन सभी पद्यों का उद्देश्य भारत और भारतीयों की विशेषताओं का वर्णन करना है। इनमें भारत की सुंदरता एवं भव्यता और भारतीयों की देशभक्ति आदि की ओर पाठक का ध्यान आकर्षित किया गया है।


11. भारत महिमा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।

उत्तर ⇒ इस पाठ में भारत के महत्त्व के वर्णन से सम्बद्ध पुराणों के दो पद्य तथा तीन आधुनिक पद्य दिए गए हैं। हमारे देश भारतवर्ष को प्राचीन काल से इतना महत्त्व दिया गया है कि देवगण भी यहाँ जन्म लेने के लिए तरसते हैं । इसकी प्राकृतिक सुषमा अनेक प्रदूषणकारी तथा विध्वंसक क्रियाओं के बाद भी अनुपम है। इसका निरूपण इन पद्यों में प्रस्तुत है।


12. मातृभूमि का वर्णन किस रूप में किया गया है ? पठित पाठ के आधार पर लिखें।

उत्तर ⇒ हिमालय की गोद में बसा हुआ भारत निश्चय ही स्वर्ग-सा सुन्दर है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एकता एवं समदर्शिता का भाव दृष्टिगत होता है । यह मातृभूमि निर्मल एवं ममतामयी है। यहाँ लोग धर्म, जाति के भेदों को भूलकर एक भाव से रहते हैं। विविध पर्व-त्योहार यहाँ की एकता को एकसूत्र में पिरोये रहते हैं। इसकी भूमि विशाल एवं रम्यरूपा है । यह सागरों, पर्वतों एवं झरनों को धारण करते हुए नदियों के द्वारा सदा सेवित है।

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