Class 10th Bihar Board Social Science Subjective Question Answer |
1. अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं ? इनके दो कार्य कौन-कौन से हैं ?
उत्तर ⇒ अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र या ढाँचा है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाएँ सम्पादित की जाती हैं । जैस- कृषि, उद्योग, व्यापार, बैकिंग, बीमा, परिवहन तथा संचार आदि।
अर्थव्यवस्था निम्नलिखित दो कार्यों को सम्पादित करती है –
(i) लोगों की आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करती है।
(ii) लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
2. आर्थिक नियोजन क्या है ?
उत्तर ⇒ आर्थिक नियोजन का अर्थ एक समयबद्ध कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्व निर्धारित सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों का नियोजित समन्वय का उपयोग करना है।
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है ?
उत्तर ⇒ मिश्रित अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत उत्पादन के साधनों पर निजी व्यक्तियों तथा सरकार दोनों के ही पास स्वामित्व होती है और तद्नुरूप उत्पादन भी होता है। आय स्वरूप लाभों का व्यय भी दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में करते हैं, इस प्रकार दोनों ही मिश्रित अर्थव्यवस्था के अंतर्गत आते हैं। मिश्रित अर्थव्यवस्था समाजवादी तथा पूँजीवादी व्यवस्था का मध्यमार्गी प्रवृत्ति है। मिश्रित अर्थव्यवस्था का उद्देश्य सूक्ष्म लाभ कमाना, उपभोक्ता को जन्म देना या बनाना, आर्थिक समृद्धि एवं समानता लाना आदि।
4. आर्थिक नियोजन क्या है ?
उत्तर ⇒ आर्थिक नियोजन का अर्थ राष्ट्र की प्राथमिकताओं के अनुसार देश के संसाधनों का विभिन्न विकासात्मक क्रियाओं में प्रयोग करता है। इस प्रकार अर्थव्यवथा के लिए उपलब्ध संसाधनों का ऐसा नियोजन, समन्वय एवं उपयोग है जिनसे हम समयबद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व निर्धारित सामाजिक एवं आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त कर डालते हैं।
भारत की योजना आयोग, आगामी पाँच वर्षों के लिए राष्ट्रीय आर्थिक विकास की योजना बनाता है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में प्रथम योजना आयोग 1950 ई. के 15 मार्च से कार्य करना शुरू किया था। भारत ने अब तक कुल ग्यारह पंचवर्षीय योजनाएँ तथा तीन वार्षिक योजनाएँ बना कर अपना आर्थिक नियोजन किया है। नियोजित आर्थिक विकास ही भारत के आर्थिक विकास को गति दी है।
5. समावेशी विकास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ आर्थिक विकास की वह प्रक्रिया जिसमें समाज के सभी वर्गों के जीवन-स्तर को ऊँचा उठाया जाता है उसे समावेशी विकास कहते हैं।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत इस बात का पूर्ण ख्याल रखा जाता है कि समाज का कोई भी वर्ग अछूता न रह जाए।
6. सतत विकास क्या है ?
उत्तर ⇒ प्रकृति ने मनुष्य के विकास के लिए उन संसाधनों की निःशुल्क व्यवस्था की जो उनके लिए आवश्यक था। इन संसाधनों में जल, थल, वायु, सूर्य की गर्मी और प्रकाश, वन, खनिज और विशुद्ध पर्यावरण। मनुष्य इन संसाधनों का उपयोग कर विकास के मार्ग पर अग्रसर हो चला। विकास की होड़ लग गयी, विकास की प्रतिद्वन्द्विता ने प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का दोहन एक प्रतिद्वन्द्वी के रूप में करने लगा। परिणामतः संसाधनों का समुचित प्रयोग नहीं हुआ, पर्यावरणीय प्रदूषण का फैलाव होता गया। परिणामत: कुछ राष्ट्रों के पास इन संसाधनों में से कुछ रहे ही नहीं। भारत के कुछ राज्य में जैसे राजस्थान एवं जम्मू-कश्मीर में जल की कमी हो गयी। बिहार का भी गया तथा पटना जिला ट्यूबवेल के लिए प्रतिबंधित हो गया।
अतः आवश्यकता इस बात की है कि विकास की एक ऐसी प्रक्रिया अपनायी जाए जो सतत जारी रहे जिसमें मौजूदा पीढ़ी के विकास के साथ-साथ भावी पीढ़ी के विकास के बीज अंकुरित होते रहे। इस प्रकार सतत विकास ऐसे विकास की वह प्रक्रिया है जिसमें वर्तमान की आवश्यकताएँ बिना भावी पीढ़ी की क्षमता एवं योग्यताओं से समझौता किए ही पूरी की जाती है।
7. विस्तारित करें –
(i) ATM (ii) HDI
उत्तर ⇒ (i) Automated Teller Machine
(ii) Human Development Index (मानव विकास सूचकांक)
8. अर्थव्यवस्था के विभिन्न प्रकारों की विवेचना कीजिए।
उत्तर ⇒ अर्थव्यवस्था दो आधार पर वर्गीकृत की जाती है-
(A) विकास के आधार पर— विकास के आधार पर अर्थव्यवस्था दो प्रकार की होती है-
(i) विकसित अर्थव्यवस्था और (ii) विकासशील अर्थव्यवस्था
(B) स्वामित्वं के आधार पर – स्वामित्व के आधार पर अर्थव्यवस्था तीन प्रकार की होती है-
(i) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था (ii) समाजवादीअर्थव्यवस्था और (iii) मिश्रित अर्थव्यवस्था
9. अर्थशास्त्र में उत्पादन के कौन-कौन से साधन हैं? उदाहरण दें।
उत्तर ⇒ अर्थशास्त्र में उत्पादन के चारे साधन हैं –
(क) श्रम – श्रमिक एवं मजदूर
(ख) पूँजी – आय के वित्तीय स्रोत, मशीन एवं सम्पत्ति आदि
(ग) साहस – उत्पादन के जोखिम को उठाने वाला वर्ग
(घ) व्यवस्था – सभी साधनों को संगठित करने वाला व्यक्ति ।
10. नरेगा का पूर्ण रूप लिखें।
उत्तर ⇒ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (National Rural Employment Guarantee Act) के तहत शुरू की गई है। यह संक्षेप में (नरेगा) “NAREGA” कहा जाता है।
11. कम्प्यूटर आर्थिक विकास कार्य में मदद करता है। कैसे ?
उत्तर ⇒ बिजली से चलनेवाला यह मशीन जिसे हम कम्प्यूटर कहते हैं, मनुष्य से भी तेज स्मरण शक्ति वाला बड़ी तेजी से अपनी स्मरण शक्ति के बल पर पैसे के आदान-प्रदान में भी सहयोग करता है। कोर बैकिंग प्रणाली, ए. टी. एम. आदि कम्प्यूटर प्रक्रिया के द्वारा ही संचालित होता है, सुदूर प्रांत का व्यवसायिक आदान-प्रदान बिना विलंब कम्प्यूटर द्वारा ही संभव हुआ है।
12.भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप क्या है ? विभाजन के पश्चात् बिहार पूर्णतः कृषि प्रधान राज्य हो गया है ?
उत्तर ⇒ अर्थव्यवस्था एक ऐसा तन्त्र है, जिसके माध्यम से सम्पूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है। अर्थव्यवस्था यह भी निर्धारित करती है कि देश के किन वस्तुओं का उत्पादन किया जायेगा तथा विभिन्न साधनों में इनको किस प्रकार अनुकूलतम अनुपात में बाँटा जायेगा। वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था एक विकासशील अर्थव्यवस्था है, जो देश के विकास में निरन्तर प्रयत्नशील है; तथा स्वामित्व के आधार पर भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है जहाँ पर निजी व सार्वजनिक दोनों क्षेत्र कार्यरत हैं।
विभाजन के बाद बिहार राज्य में जनसंख्या भूमि अनुपात 6:7 है, जबकि राज्य में औद्योगिक विकास नहीं के बराबर है। इसलिए बिहार को अपना खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना होगा। इसी को देखते हुए बिहार में सरकार ने भी कृषि क्षेत्र में बहुत सी सुविधाएं किसानों को उपलब्ध कराई है जैसे-उच्चकोटि के बीज, रासायनिक खाद, किसानों को कम ब्याज पर ऋण, सिंचाई की उत्तम व्यवस्था, कृषि विकास में अनुसन्धान, भूमि सुधार, एस० बी० आई० किसान गोल्ड कार्ड, फसल बीमा योजना आदि । इन सुविधाओं के कारण आज बिहार में कृषि में प्रगति हुई है । इसलिए हम कह सकते हैं कि विभाजन के पश्चात् बिहार पूर्णतः कृषि प्रधान राज्य हो गया है ।
13. गरीबी गरीबी को जन्म देती है। कैसे ?
उत्तर ⇒ गरीब इसलिए गरीब हैं कि इनमें गरीबी के कारण उनकी आय कम होती है। अशिक्षा और अज्ञानता के कारण बच्चों की पैदाईश (जन्म) अधिक होती है, फलतः उनकी अगली पीढ़ी अधिक गरीब हो जाती है। गरीबी का कुचक्र अनवरत चलता रहता है। इसका अर्थ है कि गरीबी ही गरीबी को जन्म देती है।
14. मानव विकास रिपोर्ट क्या है ?
उत्तर ⇒ मानव विकास रिपोर्ट के द्वारा विभिन्न देशों के लोगों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य की स्थ्ति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है। यह रिपोर्ट पहली बार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वरा प्रकाशित किया गया था। यह आर्थिक विकास का पैमाना है। इसके अतिरिक्त आर्थिक विकास राष्ट्रीय आय, प्रति व्यक्ति आय, मानव विकास सूचकांक जिसे राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट भी कहा जाता है।
मानव विकास सूचकांक के अन्तर्गत फलन हेतु तीन सूचकांक—शिक्षा स्तर, जीवन आशा तथा जीवन स्तर पर विचार किया जाता है।(मानव विकास सूचकांक = जीवन आशा सूचकांक + शिक्षा स्तर सूचकांक + जीवन स्तर सूचकांक) मानव विकास सूचकांक तीनों सूचकांकों का औसत है जिसका मूल शून्य से एकत्र होता है। 2006 ई० में मानव विकास सूचकांक की गणना विश्व के 179 देशों के लिए की गयी थी जिसमें भारत का क्रय 0.611 अंक के साथ 126 पर है। बगल का पड़ोसी देश श्रीलंका भारत से 33 क्रम आगे है।
15. HDR को विस्तारित करें-
उत्तर ⇒ Human Development Report.
16. कृषि-जनित उद्योग किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योग कृषि-जनित उद्योग कहलाते हैं ।
17. निम्न आय वाले देश से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ अविकसित देश ।
18. चेक क्या है ?
उत्तर ⇒ मुद्रा का हस्तांतरण ।
19. उपनिवेश किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब किसी राष्ट्र का निर्देशन एवं नियंत्रण शासक देश का होता है तो ऐसे शासित देश को उपनिवेश कहा जाता है।
20. उत्तरी बिहार में हर साल बाढ़ क्यों आती है?
उत्तर ⇒ बिहार में खासकर उत्तरी बिहार में नेपाल से आए जल से बाढ़ का आना बिहार में तय है। इसलिए 2009 में भी नेपाल से आए जल से बागमती नदी में बाढ़ देखने को मिला, जिसमें अपार जान-माल की क्षति हुई।
21. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ सार्वजनिक वितरण प्रणाली ऐसी प्रणाली है जिसके तहत क्षेत्र के नागरिकों को खाने के लिए रोटी उचित सरकारी दर पर उपलब्ध करता है ताकि कोई भी गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले व्यक्ति भी निर्धारित कैलोरी को पूरा कर सके।
22. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जिसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है जिसका उपयोग अपने निजी लाभ के लिए करते हैं।
23. मानव विकास रिपोर्ट (Human Development Report) क्या है ?
उत्तर ⇒ संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के द्वारा, विभिन्न देशों की तुलना लोगों की शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर किया जाता है।
24. संसाधनों के मामलों में धनी होते हुए भी बिहार की स्थिति दयनीय है। क्यों ?
उत्तर ⇒ साधनों के मामले में धनी होते हुए भी बिहार की स्थिति दयनीय है। आज बिहार पिछड़ा हुआ राज्य माना जाता है। इसके अनेक कारण हैं । हरेक साल बाढ़ तथा सूखा का प्रकोप इस राज्य को झेलना पड़ता है । ऐसी परिस्थिति में सड़क, बिजली, नहर, स्वास्थ्य साधनों आदि प्रभावित होते हैं।
25. उत्तरी बिहार को बाढ़ की विभीषिका से कैसे बचाया जा सकता है ?
उत्तर ⇒ बिहार के विकास में बाढ़ एक बहुत बड़ा बाधक है । फसल का बहुत बड़ा भाग बाढ़ के चलते बर्बाद हो जाता है । जानमाल की भी काफी क्षति होती है । बाढ़ नियंत्रण के लिए नेपाल सरकार से बातचीत कर उचित कदम उठाने की जरूरत है। अन्य नियंत्रण के लिए बाँध बनाना, समुचित नहरों द्वारा पानी का बहाव उन राज्यों को उपलब्ध कराना, जहाँ सूखे की स्थिति पैदा होती है।
26. गरीबी रेखा का निर्धारण कैसे किया गया है ?
उत्तर ⇒ गरीबी को निर्धारित करने के लिए योजना आयोग द्वारा सीमांकन (Borderline) किया गया है। गरीबी रेखा कैलोरी मापदण्ड पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रतिदिन निर्धारित किया गया है। अर्थशास्त्र में गरीबी की माप की यह एक काल्पनिक रेखा है। इस रेखा से नीचे के लोगों को गरीबी रेखा के नीचे माना जाता है।
27. राष्ट्रीय विकास परिषद् के कार्यों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर ⇒ भारत में राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन 6 अगस्त, 1952 को किया गया था। इसका गठन आर्थिक नियोजन हेतु राज्य सरकारों तथा योजना आयोग के बीच तालमेल तथा सहयोग का वातावरण बनाने के लिए किया गया था। राष्ट्रीय विकास परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसके पदेन सदस्य होते हैं। प्रत्येक पंचवर्षीय योजना को बनाने का कार्य योजना आयोग का है और अंत में यह राष्ट्रीय विकास द्वारा अनुमोदित (Approved) होती है।
28. खराब विधि व्यवस्था आर्थिक विकास को कमजोर करती है। कैसे ?
उत्तर ⇒ किसी भी देश या राज्य के लिए उद्योगों का विकास जरूरी होता है। इसके लिए राज्य में विधि व्यवस्था के साथ-साथ शांति तथा सुव्यवस्था जरूरी होती है, किन्तु खासकर बिहार के संदर्भ में कानून व्यवस्था की कमजोर स्थिति के कारण नागरिक शांतिपूर्वक उद्योग नहीं चला पा रहे हैं। इस तरह अन्य राज्यों से आने वाले आर्थिक आय पर बुरा असर पड़ता है, जो खराब विधि व्यवस्था और आर्थिक ह्रास का परिचायक है।