1. प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए। अथवा, प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जा चाहिए। इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर⇒ प्लास्टर ऑफ पेरिस जलवाष्प से मिलकर जिप्सम बन जाता है।
Caso4.1/2H20 + 1/2H2O → Caso4.2H2O
प्लास्टर ऑफ पेरिस जिप्सम
2. घात के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है ? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए । इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर⇒ जब धातु के साथ अम्ल अभिक्रिया करते हैं तब प्रायः हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
Zn (s) + H2SO4 (dil) → ZnSo4 (aq) + H2 (g)
जिंक सल्फ्यूरिक अम्ल जिंक सल्फेट हाइड्रोजन,
हाइड्रोजन गैस को साबुन के घोल से गुजारें। बुलबुले उत्पन्न होंगे। उन बुलबुलों के निकट जलती हुई मोमबत्ती की ज्वाला लाएँ । वे फट-फट की ध्वनि के साथ जलेंगे। इससे हाइड्रोजन गैस की उपस्थिति सिद्ध हो जाती है।
3. कठोर जल को मृदु करने के लिये जिस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है, उसका नाम लिखें।
उत्तर⇒ धोने का सोडा (सोडियम कार्बोनेट) → Na2co3. 10H2O.
4. सोडियम कार्बोनेट का जलीय विलयन क्षारीय होता है। क्यों?
उत्तर⇒ सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन में OH– आयन की सांद्रता H+ की अपेक्षा अधिक होती है। अतः इसका जलीय विलयन क्षारीय होता है।
5. धोने का सोडा तथा बेकिंग सोडे के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर⇒ धोवन सोडे के उपयोग-
(i) जल की स्थायी कठोरता को दूर करने के लिए।
(ii) काँच, साबुन, पेपर तथा बोरॉक्स, कॉस्टिक सोडा इत्यादि अनेक महत्त्वपूर्ण यौगिकों के उत्पादन के लिए ।
बेकिंग सोडे के उपयोग-
(i) एन्टैसिड का एक संघटक क्षारीय होने के कारण अम्ल के आधिक्य को उदासीन करता है।
(ii) यह खाद्य एवं पेय पदार्थों के योज्य पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है। बेकिंग चूर्ण में सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एवं टार्टरिक अम्ल या इस जैसा एक अम्ल होता है। जब बेकिंग चूर्ण को गर्म करते हैं तो इसमें विद्यमान सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट विखंडित होकर, कार्बन डाइऑक्साइड एवं सोडियम कार्बोनेट प्रदान करता है। कार्बन डाइऑक्साइड बाध्य करके ब्रेड एवं केक फूल जाते हैं।
6. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विधुत का चालन करता है?
उत्तर⇒ अम्ल का जलीय विलयन में आयनीकरण के कारण आयन उत्पन्न होते हैं। इस कारण विधुत धारा प्रवाहित करने पर विधुत का चालन होने लगता है।
7. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है ?
उत्तर⇒ जल की उपस्थिति में ही अम्ल में H– बनते हैं । अम्लों के अणुओं से H+ आयन का पृथक्करण, जल की अनुपस्थिति में नहीं हो सकता है।
HCl+ H20 → H3O+ + Cr-
अतः, जल की अनुपस्थिति में अम्ल, अम्लीय व्यवहार नहीं दर्शाते हैं।
8. आसवित जल, विधुत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर⇒ आसवित जल में H+ आयन पृथक् नहीं होते हैं। वर्षा जल में अम्ल तथा अन्य अशुद्धियों की उपस्थिति होती है। अतः, वर्षा जल में H+ आयन तथा अन्य आयनों की उपस्थिति होती है। आयनों की उपस्थिति के कारण, वर्षा जल विधुत का चालन करते हैं।
9. धोबिया सोडा एवं बेकिंग सोडा में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर⇒ धोबिया सोडा एवं बेकिंग सोडा में निम्नलिखित अंतर है-
S.N | बेकिंग सोडा | धोबिया सोडा |
(i) |
सोडियम बाइकार्बोनेट पेट की अम्लीयता को कम करने की औषधि (ऐंटासिड) के रूप में प्रयोग किया जाता है। | यह प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में व्यवहार किया जाता है। |
(ii) |
रसोईघर में खाने के सोडा का उपयोग खास्ता व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। | काँच, कागज, साबुन आदि के उत्पादन में इसका उपयोग होता है। |
10. पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर⇒ यदि पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ रखे जाएँगे तो वे अम्लों की उपस्थिति के कारण धातु की सतह से क्रिया कर विषैले यौगिकों का निर्माण करेंगे जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होंगे। इसलिए, पीतल एवं ताँबे के बर्तन में इन पदार्थों को नहीं रखना चाहिए।
11. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ यह अम्ल व क्षारक के बीच होनेवाली अभिक्रिया है जिसमें लवण व जल बनते हैं।
उदाहरण-
12. प्लास्टर ऑफ पेरिस का आण्विक सूत्र लिखें। इसका उपयोग क्या है?
उत्तर⇒ प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम कैल्सियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट है तथा इसका आण्विक सूत्र CaSO4.1/2H2Oहै।
प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग –
(i) इसे साँचे, खिलौने, सिरेमिक बर्तन आदि बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
(ii) सजावटी सामान, मूर्तियाँ आदि इससे बनाए जाते हैं।
(iii) अस्पतालों में अस्थि विभाग और दंत विभाग के द्वारा इसका पर्याप्त प्रयोग किया जाता है । यह टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाता है और टूटे हुए दाँतों के स्थान पर नकली दाँत लगाने के साँचे इससे बनाए जाते हैं।
(iv) भवनों की दीवारों और छतों को समतल करने और उन पर डिजाइन बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
(v) अग्निशमन संबंधी सामग्री इससे तैयार की जाती है।
(vi) प्रयोगशालाओं में गैसों का रिसाव इससे रोका जाता है।
13. प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र लिखें। यह जिप्सम से कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर⇒ जिप्सम एक यौगिक है जिसका सूत्र Caso4.2H20 है। जब इसे 373 K तक गर्म किया जाता है तो प्लास्टर ऑफ पेरिस बन जाता है।
इस प्रक्रिया में तापमान पर निश्चित रूप से नियंत्रण रखा जाना चाहिए । अधिक तापमान हो जाने पर अजलीय कैल्सियम सल्फेट बन जाता है जिसमें प्लास्टर ऑफ पेरिस का कोई गुण नहीं होता।
14. क्षार और क्षारक (भस्म) में अंतर लिखिए।
उत्तर⇒ वें क्षारक जो जल में घुलनशील होते हैं उन्हें क्षार कहते हैं । इसका अर्थ है कि सभी क्षार क्षारक होते हैं पर सभी क्षारक क्षार नहीं होते । उदाहरण के लिए फेरिक हाइड्रॉक्साइड [Fe(OH)3] और क्यूपरिक हाइड्रॉक्साइड [Cu(OH)2] क्षारक हैं पर उन्हें क्षार नहीं कह सकते क्योंकि ये जल में घुलनशील नहीं हैं।
15. सूचक से आप क्या समझते हैं? किसी एक सांश्लेषिक सूचक का नाम लिखें।
उत्तर⇒ सूचक रंजक या रंजकों का मिश्रण होता है जिसका उपयोग अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति सूचित करने में होता है।
सांश्लेषिक सूचक- मेथिल ऑरेंज।
16. pH स्केल क्या है? उदासीन यौगिक का pH मान कितना होता है।
उत्तर⇒ किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने वाले स्केल को pH स्केल कहते हैं। उदासीन यौगिक का pH मान 7 होता है।
17. ब्लीचिंग पाउडर कैसे बनाया जाता है ? समीकरण दें। उसके दो उपयोगों को लिखें।अथवा,विरंजक चूर्ण क्या है? इसका रासायनिक नाम, सूत्र एवं उपयोग लिखें। अथवा,विरंजक चूर्ण किस प्रकार तैयार किया जाता है ? इसके सामान्य गुण और उपयोग लिखिए।
उत्तर⇒ विरंजक चूर्ण का निर्माण शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया से होता है।
Ca(OH)2 (s) + Cl2 (g)-→CaOCl2 (s) + H2O (l)
बड़ी मात्रा में इसके निर्माण के लिए एक विशेष टावर लेते हैं जिसमें ऊपर से होकर शुष्क बुझा हुआ चूना डाला जाता है और नीचे से क्लोरीन गैस तथा गर्म वायु प्रवाहित करते हैं। क्लोरीन ऊपर तक पहुँचते-पहुँचते पूर्णतया अवशोषित हो जाती है और बुझा हुआ चूना विरंजक चूर्ण में बदल जाता है।
गुण-
(i) विरंजक चूर्ण पीले रंग का चूर्ण है, जिसमें क्लोरीन की तीखी गंध होती है।
(ii) यह जल में घुलनशील है, परन्तु पूरी तरह विलेय नहीं।
(iii) यह वायु की CO2 के साथ क्रिया करके क्लोरीन खो देता है।
CaOCl + CO2 → CaCO3 +Cl2b↑
(iv) यह अम्लों से क्रिया करता है।
CaoCl2+ 2HCl → CaCl2 + H2O+ Cl2
CaoCl2 + H2SO4→ Caso4 + H2O+Cl2
उपयोग –
(i) कागज तथा कपड़ा उद्योग में विरंजक के रूप में।
(ii) पेयजल को रोगाणुरहित करने में।
(iii) बिना सिकुड़ने वाली ऊन बनाने में।
(iv) यह क्लोरोफार्म बनाने में प्रयुक्त होता है।
(v) प्रयोगशाला में यह ऑक्सीकारक का कार्य करता है।
18. (a) ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र लिखें । हवा में खुला छोड़ने पर विरंजक चूर्ण से क्लोरिन की गंध क्यों आती है ?
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की विरंजक चूर्ण पर किया दर्शाने के लिए रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर⇒ (a) ब्लीचिंग पाउडर का रसायनिक सूत्र : Ca(OCI)Cl
ब्लीचिंग पाउडर को हवा में छोड़े पर इसकी अभिक्रिया हवा में उपस्थित जलवाष्प से होने के कारण क्लोरीन गैस निकलती है।
Ca(OCl) Cl+ H2O → Ca(OH)2+ Cl2
अतः ब्लीचिंग पाउंडर को हवा में छोड़ने पर क्लोरीन की गंध आती है।
(b) ब्लीचिंग पाउडर पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया :
Ca(OCI)Cl+ 2HCl→ CaCl2 + H2O+ CI2
19. सुरक्षा की दृष्टि से अम्ल को तनु बनाने के लिए अम्ल को धीरे-धीरे पानी में डाला जाता है। लेकिन पानी को अम्ल में नहीं क्यों ?
उत्तर⇒ अम्ल में जब जल मिलाते हैं तो ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया होने के कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे अम्ल बाहर छिटक कर हानि पहुँचा सकता है। इसी कारण अम्ल को तनु करने के लिए जल नहीं मिलाते हैं उसके स्थान पर जल में धीरे-धीरे अम्ल मिलाया जाता है।
20. धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के एक-एक प्रमुख उपयोग लिखें।
उत्तर⇒ धोने का सोडा – जल की स्थायी कठोरता दूर करने में।
बेकिंग सोडा – एन्टैसिड का एक संघटक क्षारीय होने के कारण अम्ल के आधिक्य को उदासीन करता है।
21. हमारे आमाशय में अम्ल की भूमिका क्या है?
उत्तर⇒ हमारे आमाशय में अम्ल की भूमिका –
(i) हमारे आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल जठर ग्रन्थियों से स्रावित होता है और भोजन में अम्लीय माध्यम प्रस्तुत करता है जिससे जठर रस का पेप्सिन नामक एंजाइम अम्लीय माध्यम में कार्य कर सके।
(ii) यह भोजन में उपस्थित रोगाणुओं को अक्रियाशील एवं नष्ट करता है।
(iii) यह भोजन को शीघ्रता से नहीं पचने देता।
22. धोवन सोडा का रासायनिक नाम क्या है ? साल्वे विधि (Solvav’s) से धोवन सोडा को बनाने के लिये किन-किन पदार्थों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर⇒ धोवन सोडा का रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट Na2CO3. 10H2O है तथा साल्वे विधि द्वारा इसके बनाने में सोडियम क्लोराइड अमोनिया तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस की आवश्यकता होती है।
23. जिप्सम में उचित मात्रा में जल को मिलाने से एक कठोर जमे हुए यौगिक का निर्माण होता है। उस यौगिक को पहचाने । एक रासायनिक समीकरण के द्वारा इस यौगिक को बनाने की विधि समझाइए । अस्पताल में इसका क्या उपयोग होता है ?
उत्तर⇒ प्लास्टर ऑफ पेरिस में जल की उचित मात्रा मिलाने पर एक कठोर पदार्थ जिप्सम प्राप्त होता है।
अस्पतालों में इसका उपयोग टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए प्लास्टर के रूप में होता है।
24. pH स्केल किसे कहते हैं ? ताजे दूध के pH मान 6 होता है। यदि बन जाने पर इसके pH मान में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर⇒ किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने वाले स्केल को pH स्केल कहते हैं।
दही में लैक्टिक अम्ल होता है, अर्थात् जब दूध से दही बन जाता है तो वह अधिक अम्लीय हो जाता है। इसलिए pH मान 6 से कम हो जायेगा।
25. परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नेशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में एसिटिक (CH3COOH) अम्ल डालिए। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर⇒ HCl एक प्रबलं अम्ल है तथा एसिटिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है। प्रबल अम्ल में अधिक हाइड्रोजन आयन (H+) होते हैं । अत: HCl के साथ की क्रिया में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी, क्योंकि इसमें अधिक गैस उत्पन्न होती है ।
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
26. HCL, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं ?
उत्तर⇒ HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं, क्योंकि ये जलीय विलयन में आयनीकरण करके H+ आयन उत्पन्न करते हैं। जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज आयनीकरण नहीं करते और विधुत H+ आयन को उत्पन्न नहीं करते । ये जलीय विलयन में विधुत् चालकता का गुण प्रदर्शित नहीं करते । इसलिए ये अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं करते हैं।
27. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है। (a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है ? (B) इस दुध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है ?
उत्तर⇒ (a) बेकिंग सोडा क्षारकीय होता है। अतः, बेकिंग सोडा मिलाने पर ताजे दूध की pH मान 6 से थोड़ा क्षारकता की ओर हो जाती है। इसलिए दूध से दही नहीं बनता है।
(b) बेकिंग सोडा मिलाने से दूध की pH क्षारकता की तरफ बढ़ जाती है। अतः pH को कम होने में समय लगता है और इसलिए दूध से दही बनने में अधिक समय लगता है।
28. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक कैल्सियम क्लोराइड है तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए ।
उत्तर⇒ इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण है –
यौगिक ‘A’ अवश्य ही कैल्सियम कार्बोनेट है। यह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर कैल्सियम क्लोराइड, जल और कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है। कार्बन डाइऑक्साइड में आग बुझाने का गुण होता है। इसीलिए वह जलती मोमबत्ती को बुझा देती है।
29. किन्हीं दो जलयोजित लवणों के नाम, सूत्र एवं रंग को लिखें।
उत्तर⇒ धोवण सोडा = Na2CO3 . 10H2O, रंग – सफेद
फेरस सल्फेट = FeSO4.7H2O, रंग – हरा
30. वाशिंग सोडे की प्रकृति कैसी होती है ? इसे किस प्रकार जाँचेंगे ?
उत्तर⇒ वाशिंग सोडा की प्रकृति क्षारीय होती है। इसे लाल लिटमस पत्र से जाँचा जा सकता है। वह नीले रंग का हो जाएगा।
31. शक्तिशाली विलायकों के अम्लीय, क्षारीय और लवणीय उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ अम्लीय – सल्फ्यूरिक अम्ल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल।
क्षारीय – सोडियम हाइड्रोक्साइड, पोटैशियम हाइड्रोक्साइड, बेरियम हाइड्रोक्साइड ।
लवणीय – सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम सल्फेट, लैड ब्रोमाइड ।
32. कमजोर विलायकों के अम्लीय, क्षारीय और लवणीय उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ अम्लीय – एसिटिक अम्ल, ऑक्जालिक अम्ल, सिट्रिक अम्ल ।
क्षारीय – कैल्सियम हाइड्रोक्साइड, मैग्नीशियम हाइड्रोक्साइड, अमोनियम हाइड्रोक्साइड ।
लवणीय – सोडियम कार्बोनेट, पोटैशियम एसिटेट, सोडियम आक्सालेट ।
33. सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर⇒ सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट को गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होती है
34. अम्लों को स्रोत के आधार पर किन दो वर्गों में बाँटा जाता है?
उत्तर⇒ अम्लों को स्रोत के आधार पर निम्न दो वर्गों में बाँटा जाता है –
(i) अकार्बनिक (Inorganic या Mineral)
(ii) कार्वनिक (Organic)।
35. अम्लों की हमारे जीवन में हानियाँ लिखिए।
उत्तर⇒ अम्लों की हमारे जीवन में हानियाँ –
(i) ये सजीव कोशिकाओं को नष्ट करते हैं।
(ii) सांद्र अम्ल त्वचा और कोमल अंगों को गंभीर क्षति पहुँचाते हैं।
(iii) कुछ खाद्य पदार्थों को खराब कर देते हैं।
36. धोने का सोडा का रासायनिक सूत्र लिखिए। जब इसके क्रिस्टलों को वायु में खुला छोड़ देते हैं, तो क्या होता है ?
उत्तर⇒ धोने का सोडा, अर्थात् धोवन सोडा का सूत्र Na2CO3.10H2O है जब इसके क्रिस्टलों को हवा में उद्भासित किया जाता है तब उत्फुल्लन प्रक्रिया से पानी के नौ अणु बाहर निकल जाते हैं।
Na2CO3.10H2O → Na2CO3.H2O + 9H2O
37. अस्पतालों में टूटी हुई अस्थियों को जोड़कर बैठाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले यौगिक का नामोल्लेख कीजिए । इसको कैसे निर्मित करते हैं?
उत्तर⇒ अस्पतालों में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए जिस यौगिक का प्रयोग किया जाता है उसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं। इसे रासायनिक दृष्टि से कैल्सियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट (CaSO4.1/2H2O) कहते हैं । इसे भट्ठी में जिप्सम को 373K ताप पर गर्म करके बनाया जाता है।
38. अम्ल एवं क्षारक के बीच की अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं, क्यों? एक उदाहरण दें।
उत्तर⇒ अम्ल एवं क्षारक के बीच की अभिक्रिया से लवण तथा जल बनता है अर्थात दोनों एक-दूसरे को उदासीन कर देते हैं । इसलिए अम्ल एवं क्षारक के बीच की अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण – अभिक्रिया निम्नांकित प्रकार होती है –
NaOH + HCl → NaCl + H2O
39. हमारे दैनिक जीवन में अम्लों के कोई चार उपयोग लिखिए।
उत्तर⇒ दैनिक जीवन में अम्लों के चार उपयोग हैं –
(i) सिरका हमारे भोजन को पकाने और उसकी सुरक्षा तथा अचार बनाने के काम आता है।
(ii) हमारे पेट में HCI हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देता है जो भोजन के साथ वहाँ पहुँच जाते हैं।
(iii) टारटैरिक अम्ल बेकिंग पाउडर बनाने में काम आता है ।
(iv) कार्बोनिक अम्ल पेय पदार्थों में प्रयुक्त किया जाता है ।
40. साधारण नमक के उपयोग लिखिए।
उत्तर⇒ साधारण नमक के उपयोग निम्नांकित हैं –
(i) नमक हमारे भोजन का अनिवार्य भाग है।
(ii) यह अनेक भोज्य पदार्थों को सुरक्षित रखने में काम आता है।
(iii) यह साबुन उद्योग, पॉटरी आदि में प्रयुक्त होता है ।
(iv) यह हिमकारी मिश्रण बनाने में प्रयुक्त होता है।
(v) इसका उपयोग धोवन सोडा, विरंजक चूर्ण, कास्टिक सोडा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, मीठा सोडा आदि बनाने में किया जाता है।
41. विरंजक चूर्ण के क्या-क्या महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं ?
उत्तर⇒ विरंजक चूर्ण के निम्न महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं –
(i) इसे सूती कपड़े, लिनेन और लकड़ी के गुद्दे में उड़ाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
(ii) पीने योग्य पानी से हानिकारक जीवाणुओं के नाश के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
(iii) क्लोरोफॉर्म बनाने में प्रयुक्त होता है।
(iv) न सिकडने वाली ऊन का इसकी सहायता से निर्माण किया जाता है।
(v) प्रयोगशाला और उद्योगों में ऑक्सीकारक का कार्य करता है।
42. अम्लों के सामान्य गुंण बताएँ।
उत्तर⇒ अम्लों के सामान्य गुण –
(i) इनका स्वाद खट्टा होता है।
(ii) ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
(iii) इनका घोल साबुन के घोल की तरह चिकना नहीं होता।
((iv) ये धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
(v) ये कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं ।
(vi) अम्ल, क्षारकों से क्रिया करके लवण और पानी बनाते हैं।
43. क्षारकों के सामान्य गुण लिखें।
उत्तर⇒ क्षारकों के सामान्य गुण निम्न हैं –
(i) इनका स्वाद कड़वा होता है।
(ii) ये साबुन जैसे चिकने होते हैं तथा त्वचा को क्षति पहुँचाते हैं।
(iii) ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
(iv) ये हल्दी के रंग को भूरा लाल कर देते हैं ।
(v) ये अम्लों के साथ क्रिया करके लवण तथा पानी बनाते हैं ।
(vi) ये फिनालफ्थेलिन के घोल को गुलाबी कर देते हैं।
44. धोवन सोडा के महत्त्वपूर्ण गुणधर्मों का विवरण दीजिए।
उत्तर⇒ (i) धोवन सोडा पारदर्शक क्रिस्टलीय ठोस है। इसके क्रिस्टलीय जल के 10 अणु आबद्ध रहते हैं।
(ii) यह पानी में घुलनशील है। पानी में घुलकर क्षारीय घोल बनाता है जो लाल लिटमस को नीला कर देता है जो इसकी क्षारीय प्रकृति को प्रकट करता है।
(iii) वायु का प्रभाव-जब इसे गर्म किया जाता है तो उत्फुल्लन के कारण क्रिस्टलीय जल के 9 अणु इससे अलग हो जाते हैं और मोनोहाइड्रेट बन जाता है।
Na2CO3 10H2O →Na2CO3. H2O + 9H2O
(iv) ऊष्मा का प्रभावं – जब धोवन सोडा को 373 K तक गर्म किया जाता है तो इसके सभी क्रिस्टलीय जल के अणु इससे दूर हो जाते हैं और यह जलीय सफेद पाउडर में बदल जाता है जिसे सोडा ऐश कहते हैं ।
45. साधारण नमक (NaCl) की प्राप्ति कहाँ-कहाँ से होती है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर⇒ साधारण नमक निम्नलिखित स्रोतों से प्राप्त होता है –
(i) समुद्री-जल – समुद्री जल में साधारण नमक की बहुत बड़ी मात्रा घुली हुई है। समुद्री जल से नमक की प्राप्ति ‘लवण क्यारियों’ के माध्यम से होती है । सूर्य के ताप और वायु की सहायता से समुद्री जल का वाष्पीकरण होता है । इससे नमक की प्राप्ति होती है । इस नमक में MgCl2, MgSO4 जैसी अनेक अशुद्धियाँ मिली होती हैं। इन अशुद्धियों को दूर कर शुद्ध नमक प्राप्त कर लिया जाता है।
(ii) खनिज नमक – संसार के अनेक भागों में ठोस लवण का निक्षेप होता है। यह खनिज लवण तब बना था जब युगों पहले समुद्र का कोई हिस्सा सूख गया था। इस नमक का खनन उसी प्रकार होता है जैसे कोयले का किया जाता है। मंडी (हिमाचल प्रदेश), खेवड़ा (पाकिस्तान) आदि में ऐसा नमक उपलब्ध है । अशुद्धियों के कारण यह नमक प्रायः भूरे रंग का होता है। कभी-कभी भूमि तल की गहराई से जल में घोलकर पंपों की सहायता से बाहर निकाला जाता है।
(iii) झीलों से – राजस्थान की सांभर झील, अमेरिका की ग्रेट साल्ट लेक, रूस की लेक एल्टन आदि से भी नमक प्राप्त किया जाता है। इसे जल के वाष्पीकरण से प्राप्त किया जाता है।
46. धोवन सोडा किस प्रकार तैयार किया जाता है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर⇒ धोवन सोडा (Na2CO3.10H2O) एक रसायन जिसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं, से प्राप्त किया जा सकता है। बेकिंग सोडा को गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त किया जा सकता है । सोडियम कार्बोनेट के पुनः क्रिस्टलीकरण से धोने का सोडा प्राप्त होता है। यह भी एक क्षारकीय लवण है।
Na2CO3 + 10H2O→ Na2CO3 10H2O
(सोडियम कार्बोनेट)
सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, कई औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए उपयोगी रसायन है।
धोने के सोडा के उपयोग –
(i) सोडियम कार्बोनेट का उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
(ii) इसका उपयोग बोरेक्स जैसे सोडियम यौगिक के उत्पादन में होता है।
(iii) सोडियम कार्बोनेट का उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है।
(iv) जल की स्थाई कठोरता को हटाने के लिए इसका उपयोग होता है ।
47. क्या होता है जब ताजे चूने के पानी में से कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुजारी जाती है ?
उत्तर⇒ जब ताजे चूने के पानी में से थोड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुजारी जाए तो अघुलनशील कैल्सियम कार्बोनेट के कारण उसका रंग दूधिया हो जाएगा –
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
चूने का पानी कार्बन डाइऑक्साइंड कैल्सियम कार्बोनेट पानी
इस घोल में यदि और कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुजारी जाए तो यह कैल्सियस कार्बोनेट घुलनशील बाइकार्बोनेट में बदल जाएंगे जिससे चूने के पानी का दुधियापन समाप्त हो जाएगा –
डाइऑक्साइड बाइकार्बोनेट इसी घोल को पुनः गर्म करने पर दूधिया रंग प्राप्त हो जाएगा, क्योंकि कैल्सियम बाइकार्बोनेट फिर कैल्सियम कार्बोनेट में बदल जाता है
48. लवण विलयनों के pH मान पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर⇒ प्रबल अम्ल और प्रबल क्षारक के लवण के pH का मान 7 होता है और यह उदासीन होते हैं । प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण के pH मान 7 से कम होता है और ये अम्लीय होते हैं । प्रबल क्षारक और दुर्बल अम्ल के लवण के pH मान 7 से अधिक होता है और ये क्षारकीय होते हैं।
(i). प्रबल अम्ल और प्रबल क्षारक के लवण – इनके उदाहरण हैं –
NaCl, NaNO3, Na2SO4 KCI, K2SO4 KNO3 जब ये जल में घोले जाते हैं तब ये प्रबल अम्ल और प्रबल क्षारक ही बनाते हैं। ये पूरी तरह से एक-दूसरे को उदासीन कर देते हैं।
∴ pH = 7
(ii). प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण – इनके उदाहरण हैं –
NH4Cl, BaCl2, ZnSO4,CuSO4 प्रबल अम्ल दुर्बल क्षारक को प्रभावित करता है ।
∴ pH < 7
(iii). दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक के लवण – इनके उदाहरण हैं –
Na2CO3, NaHCO3, CH3COONa
प्रबल क्षारक दुर्बल अम्ल को प्रभावित करता है ।
∴ pH > 7
(iv). दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक के लवण – इसका उदाहरण है –
CH3COONH4 इसमें विलयन लगभग उदासीन होता है।
∴ pH = 7 (लगभग)
Class 10th Science ( विज्ञान ) Subjective Question 2023
Science Subjective Question | |
S.N | Class 10th Physics (भौतिक) Question 2023 |
1. | प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन |
2. | मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार |
3. | विधुत धारा |
4. | विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव |
5. | ऊर्जा के स्रोत |
S.N | Class 10th Chemistry (रसायनशास्त्र) Question 2023 |
1. | रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण |
2. | अम्ल क्षार एवं लवण |
3. | धातु एवं अधातु |
4. | कार्बन और उसके यौगिक |
5. | तत्वों का वर्गीकरण |
S.N | Class 10th Biology (जीव विज्ञान) Question 2023 |
1. | जैव प्रक्रम |
2. | नियंत्रण एवं समन्वय |
3. | जीव जनन कैसे करते हैं |
4. | अनुवांशिकता एवं जैव विकास |
5. | हमारा पर्यावरण |
6. | प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन |