Class 10th Hindi Subjective Question

कक्षा 10 हिन्दी गोधूलि भाग 2 | काव्य खण्ड अक्षर ज्ञान Subjective Question Answer 2023 || Class 10th Hindi Akshar Gyan Subjective Question Bihar Board

लघु उतरिये प्रश्न

प्रश्न 1. कविता में ‘क’ का विवरण स्पष्ट कीजिए ।

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उत्तर ⇒ प्रस्तुत कविता में कवयित्री छोटे बालक द्वारा प्रारम्भिक अक्षर-बोध को साकार रूप में चित्रित करते हुए कहती हैं कि ‘क’ को लिखने में अभ्यास-पुस्तिका का चौखट छोटा पड़ जाता है। कर्मपथ भी इसी प्रकार प्रारंभ में फिसलन भरा होता है।


प्रश्न 2. बेटे के आँसू कब आते हैं, और क्यों ?
अथवा, कवियित्री के अनुसार बेटे को आँसू कब आता है, और क्यों ?

उत्तर ⇒ सीखने के क्रम में बारंबार प्रयास करने पर भी जब बालक विफल हो जाता है तब पहली विफलता पर आँसू आ जाते हैं। क्योंकि कठिनतम प्रयास के बाद विफल होना कष्टदायी स्थिति उत्पन्न करता है।


प्रश्न 3. “अक्षर-ज्ञान” शीर्षक कविता किस तरह एक सांत्वना और आशा जगाती है ? स्पष्ट करें।
अथवा, कविता किस तरह एक सांत्वना और आशा जगाती है ? विचार करें।

उत्तर ⇒ कविता में एक प्रवाह है जो विकासवाद के प्रवाह का बोध कराता है। सांत्वना और आशा सफलता का मूलमंत्र है । अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया अति संघर्षशील होती है। लेकिन अक्षर ज्ञान करवाने वाली ममता की मूर्ति माँ सांत्वना और आशा का बोध कराती है।

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प्रश्न 4. खालिस बेचैनी किसकी है? बेचैनी का क्या अभिप्राय है ?

उत्तर ⇒ खालिस बेचैनी खरगोश की है। ‘क’ सीखकर ‘ख’ सीखने के कर्मपथ पर अग्रसर होता हुआ साधक की जिज्ञासा बढ़ती है और वह आगे बढ़ने को बेचैन हो जाता है। बेचैनी का अभिप्राय है आगे बढ़ने की लालसा, जिज्ञासा एवं कर्म में उत्साह ।


प्रश्न 5. कविता के अंत में कवयित्री ‘शायद’ अव्यय का क्यों प्रयोग करती हैं ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒ यहाँ कविता के अंत में कवयित्री ‘शायद’ अव्यय का प्रयोग करके यह स्पष्ट करना चाहती है कि जो अक्षर-ज्ञान में बच्चों को मसक्कत करना पड़ता है वही मसक्कत सृष्टि के विकास में करना पड़ा होगा । शायद सृष्टि का प्रारंभिक क्रम इसी गति से चला होगा।


प्रश्न 6. बेटे के लिए “ङ’ क्या है, और क्यों ?

उत्तर ⇒ बेटे के लिए ‘ङ’ उसको गोद में लेकर बैठी माँ है । माँ स्नेह देती है, वात्सल्य प्रेम देती है । ‘ङ’ भी ‘क’ से लेकर ‘घ’ तक सीखने के क्रम के बाद आता है। वहाँ स्थिरता आ जाती है, साधनाक्रम रुक जाता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कर्मरत बालक माँ की गोद में स्थिर हो जाता है।


प्रश्न 7. कविता में तीन उपस्थितियाँ हैं । स्पष्ट करें कि वे कौन-कौन-सी हैं ?

उत्तर ⇒ प्रस्तुत कविता में प्रवेश, बोध और विकास तीन उपस्थितियाँ आयी हैं। अक्षर-ज्ञान की प्रक्रिया सबसे पहले प्रवेश के वातावरण में प्रारंभ हुई है। उसके बाद बोध में कुछ परिपक्वता दिखाई पड़ने लगती है। अंत में विकास क्रम उपस्थित होता है जहाँ निरंतर आगे बढ़कर अक्षर को मूर्तरूप देने का प्रयास सफल होता है।


दीर्घ उतरिये प्रश्न

प्रश्न 1. ‘कवयित्री अनामिका की ‘अक्षर-ज्ञान’ शीर्षक कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।

उत्तर ⇒ अबोध बालक हिंदी वर्णमाला के अक्षर पाटी पर (स्लेट पर) साधने चला है। वह ‘क’ लिखता है, पर उसका ‘क’ निर्धारित स्थान की सीमा का उल्लंघन कर जाता है, वह चौखटे में नहीं अँटता। उसे बताया गया है कि ‘क’ से कबूतर होता है। उसका ध्यान ‘क’ लिखते समय कबूतर पर होता है, उसका ‘क’ रेखा के इधर-उधर फुदक जाता है। ‘ख’ के साथ भी यही होता है। वह जानता है-‘ख’ से खरहा होता है। ‘ख’ लिखते समय उसका ध्यान ‘ख’ से ज्यादा खरहा पर होता है। परिणामस्वरूप उसका ‘ख’ रेखा से उतर जाता है। वह अबोध बालक ‘ग’ भी ठीक से नहीं लिख पाता। उसका ‘ग’ टूटे हुए गमले-सा इधर-उधर बिखर जाता है। घड़ा जैसे लुढ़कता है ठीक उसी तरह उस बालक का ‘घ’ भी लुढ़कता हुआ-सा दिखता है। रेखाओं के बीच वह ‘घ’ सही-सही नहीं बैठा पाता। ‘ङ’ लिखते समय तो वह बहुत परेशान हो जाता है। वह ‘ङ’ को दो हिस्सों में बाँटता है-‘ड’ और ‘ड’ के बगल में लगनेवाला बिंदु ( )। ‘ड’ उसे माँ की तरह दिखाई पड़ता है और बगल का बिंदु ( ) माँ की गोद में बैठे हए बेटे की तरह। माँ और बेटे को एकसाथ साधने में अपने को असमर्थ पाता है। वह ‘ङ’ लिखने की कोशिश करता है, पर हर बार वह असफल हो जाता है। अपनी विफलता के कारण उसके आँखों में आँसू आ जाते हैं। बालक के उन सजह-निश्छल आँस की बँदों पर कवयित्री टिप्पणी करती है कि “पहली विफलता पर छलके ये आँसू ही/हैं शायद प्रथमाक्षर/सष्टि की विकास-कथा के।” सृष्टि की विकास-कथा विफलता पर छलके हुए आँसू के प्रथमाक्षर से ही लिखी गई है शायद!


सप्रसंग व्याख्या

प्रश्न 1.“गमले-सा टूटता हुआ उसका ‘ग’/घड़े-सा लुढ़कता हुआ उसका ‘घ’ ” की व्याख्या कीजिए।

उत्तर ⇒ प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्य पुस्तक के ‘अक्षर-ज्ञान’ शीर्षक से उद्धत हैं। प्रस्तुत अंश में हिन्दी साहित्य की समसामयिक कवयित्री अनामिका ने अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया में संघर्षशीलता का मार्मिक वर्णन किया है।
कवयित्री कहती हैं कि बच्चों को अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया कौतकपूर्ण है। एक चित्रमय वातावरण में विफलताओं से जूझते हुए, अनवरत प्रयासरत आशान्वित निरंतर आगे बढ़ते हुए बच्चे की कल्पना की गई है। ‘ग’ को सीखना गमले की तरह नाजुक है जो टूट जाता है। साथ ही ‘घ’ घड़े का प्रतीक है जिसे लिखने का प्रयास किया जाता है लेकिन लुढ़क जाता है। अर्थात् गमले की ध्वनि से बच्चा ‘ग’ सीखता है और ‘घड़े’ की ध्वनि से ‘घ’ सीखता है।


Hindi Subjective Question
S.N गोधूलि भाग 2 ( काव्यखंड )
1. राम बिनु बिरथे जगि जनमा
2. प्रेम-अयनि श्री राधिका
3. अति सूधो सनेह को मारग है
4. स्वदेशी
5. भारतमाता
6. जनतंत्र का जन्म
7. हिरोशिमा
8. एक वृक्ष की हत्या
9. हमारी नींद
10. अक्षर-ज्ञान
11. लौटकर आऊंगा फिर
12.  मेरे बिना तुम प्रभु

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